- केंद्र की अमृत और जवाहर लाल नेहरू अर्बन नेशनल योजना के अंतर्गत सन् 2055 तक भविष्य की जरूरतों के अनुसार कराया जा रहा दोनों योजनाओं पर कार्य
- सीवर लाइन पर 2700 करोड़, टंकी की पाइप लाइन पर 750 करोड़ से अधिक होंगे खर्च
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: क्रांतिधरा की अधिकतर जनता को देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के बाद अभी तक टंकी के शुद्ध पेयजल एवं दूषित पानी की निकासी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। यदि जल निगम के रिकॉर्ड एवं आंकड़ों को देखा जाए तो शहर के 90 वार्डों में से अधिकतर वार्डों में न तो पूरी तरह से पीने के शुद्ध पानी के लिए टंकी की पाइप लाइन ही बिछाई जा सकी है,
लेकिन अब जल निगम की अमृत योजना के अंतर्गत इन दोनों योजनाओं पर सन 2055 की शहर की जनसंख्या के हिसाब से जो कार्ययोजना तैयार की है, उस पर करीब 3500 करोड़ रुपये खर्च किए जायेंगे। योजना जैसे-जैसे परवान चढ़ेगी, वैसे-वैसे जनता को शुद्ध पेयजल आपूर्ति एवं दूषित पानी की निकासी की समस्या से नहीं जूझना पडेÞगा। यदि देखा जाए तो अभी दोनों ही योजनाओं में शहर की आधी से अधिक आबादी वंचित है।
नगर निगम क्षेत्र के 90 वार्डों में से अभी तक 18 से 20 वार्डों में ही लोगों को दूषित पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए 236 किलोमीटर पाइप लाइन बिछवाई जा सकी है। जबकि शहर की जनता को शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए 600 किलोमीटर टंकी की पाइप लाइन बिछाई जा सकी है। शहर के अधिकतर वार्डों में अभी पूर्णरूप से न तो सीवर लाइन बिछाई जा सकी है और न ही पेयजल आपूर्ति के लिए टंकी की पाइप लाइन बिछाई जा सकी है।
जल निगम शहरी क्षेत्र द्वारा अब अमृत योजना के अंतर्गत दोनों ही योजनाओं पर कार्य तेजी से शुरू किया गया है। जिसमें सर्वे के अनुसार-1800 किलोमीटर सीवर पाइप लाइन में मात्र 236 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई जा सकी है। जबकि पेयजल आपूर्ति के लिए 1200 किलोमीटर में अभी तक 600 किलोमीटर में ही पाइप लाइन बिछाई जा सकी है। जल निगम शहरी क्षेत्र द्वारा यह योजना जो तैयार की गई है, वह सन् 2055 की जनसंख्या के हिसाब से तैयार की गई है।
ताकि आने वाले समय में शहर की जनता को कोई परेशानी न हो सके। इन दोनों ही योजनाओं पर तेजी से कार्य शुरू हो गया है। यदि दोनों योजना पर अलग-अलग खर्च का बजट देंगे तो उसमें सीवर पाइप लाइन (जवाहर लाल नेहरू अर्बन नेशनल के अंतर्गत-1600 किलोमीटर जो पाइप लाइन बिछाई जानी है। उस पर 2700 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। टंकी के पेयजल आपूर्ति के लिए जो 600 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई जानी है। उसके लिए 750 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। दोनों ही योजनाओं पर शहर में तेजी से कार्य चल रहा है।