Sunday, October 6, 2024
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डाइट का रखें खास ख्याल अस्थमा के मरीज

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यह ऐसा समय जब अस्थमा के रोगियों को खुद का ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। पूरी दुनिया कोरोना वायरस जूझ रही है। कई देशों में लाखों मौतें कोरोना वायरस से हो गई है। भारत में भी आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। देश में अब तक 35 हजार के लगभग मौतें हो चुकी हैं। कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्तियों को सांस की समस्या की बातें सामने आ रही हैं। खास उन लोगों पर वायरस का प्रभाव ज्यादा हो रहा है जो सांस से संबंधित बीमारियों से जूझ रहे हैं या जिनको और कोई गंभीर बीमारी है। अस्थमा लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है, जिसे लंबे समय तक इलाज की जरूरत होती है। कई रोगी जब खुद को बेहतर महसूस करते हैं तो इंहेलर लेना छोड़ देते हैं। यह खतरनाक हो सकता है, क्योंकि आप उस इलाज को बीच में छोड़ रहे हैं, जिससे आप फिट और स्वस्थ रहते हैं।

अस्थमा के मरीजों को इंहेलर छोड़ने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। अपनी मर्जी से इंहेलर छोड़ना जोखिमभरा हो सकता है। अस्थमा में सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द, खांसी और घरघराहट होती है। इस अटैक का मुख्य कारण शरीर में मौजूद बलगम और संकरी श्वासनली है लेकिन इसके अलावा अस्थमा के अटैक के कई बाहरी कारण भी होते हैं, जिस वजह से दमे का अचानक अटैक पड़ता है।

कई चीजों को डाइट में शामिल कर अस्थमा से राहत मिल सकती है। अस्थमा के लिए घरेलू उपाय कमाल हो सकते हैं। क्योंकि यह नेचुरल और कारगर तरीके से अस्थमा से लड़ने में मदद कर सकते हैं। अस्थमा फेफड़ों की ऐसी बीमारी होती है जिसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई होती है। दिवाली जैसे ही और बड़े मौकों जैसे क्रिसमस और न्यू ईयर पर हर साल जमकर पटाखे चलाए जाते हैं। इनसे धुआं और पलूशन बढ़ जाता है, जो लोगों को खांसी, सांस लेने में दिक्कत या गले के संक्रमण जैसी समस्याएं पैदा कर देता है। अस्थमा से परेशान लोगों को तो दिवाली के दौरान बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है।

अस्थमा रोगियों की डाइट इससे राहत पाने में काफी मायने रखती है। ऐसे में अस्थमा के रोगियों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं इसका काफी महत्व है। यहां हम बता रहे हैं अस्थमा के रोगी को क्या खाना चाहिए।।

विटामिन-सी से भरपूर खाद्य पदार्थ

विटामिन सी में एंटी आॅक्सिडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो फेफड़ों की सुरक्षा करने में सहायक हो सकता है। एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग अधिक विटामिन सी युक्त पदार्थ खाते हैं, उन्हें अस्थमा का अटैक आने का खतरा कम होता है, इसलिए दमा के मरीजों को खासतौर से संतरा, ब्रोकली, कीवी जैसी चीजों को डाइट में शामिल करना चाहिए।

शहद दालचीनी का उपयोग

हालाकि शहद और चीनी की उपयोग सीमित मात्रा में ही करना चाहिए लेकिन अस्थमा के मरीजों के लिए शहद और दालचीनी का सेवन काफी लाभप्रद माना जाता है। रात में सोने से पहले दो से तीन चुटकी दालचीनी के साथ एक चम्मच शहद मिलाकर नियमित रूप से लेने से फेफड़ों को आराम मिल सकता है।

तुलसी भी है फायदेमंद

तुलसी को आयुर्वेदिक औषधि माना जाता है। तुलसी में एंटी आॅक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ऐसे में अस्थमा में राहतके लिए चाय में दो से तीन पत्ते तुलसी के डालकर पीने से दमा के मरीजों में अटैक की आशंका कम हो सकती है। तुलसी शरीर के इम्यून सिस्टम को बेहतर करने में भी फायेदेमंद मानी जाती है। साथ ही तुलसी मौसमी बीमारियों फ्लू और सर्दी खांसी से राहत दिलाने में भी फायदेमंद मानी जाती है।

दालें

दालें प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत मानी जाती हैं। काला चना, मूंग दाल, सोयाबीन और अन्य कई ऐसी दालें हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकती है। ये दालें फेफड़ों के लिए अच्छी मानी जाती है। इसलिए दमा के मरीजों को इनका सेवन नियमित मात्रा में करना चाहिए। इसके अलावा दालों के सेवन से पाचन शक्ति भी मजबूत हो सकती है।

हरी सब्जियां

फेफड़ों के लिए हरी सब्जियां काफी फायदेमंद होती हैं। हरी सब्जियों को खाने से फेफड़ों में कफ जमा नही हो पाता है, जिससे अस्थमा के रोगियों को अटैक आने जैसी आशंकाएं कम हो जाती है। हरी सब्जियों का सेवन करने से इम्यून सिस्टम भी बेहतर हो सकता है।

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