Sunday, June 15, 2025
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एक्टिंग से जीता दर्शको का दिल, फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ का स्क्रीनप्ले नहीं रहा इम्प्रेसिव! जाने रिव्यु

  • आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की एक्टिंग ने दर्शको के दिलो को छुआ, तो वही दर्शको को फिल्म का स्क्रीनप्ले इतना इम्प्रेसिव नहीं लगा 
  • मोस्ट अवेटेड साइंस फिक्शनल फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ आखिरकार सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है, और साथ में बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड तोड़ने की है तैयारी

डिजिटल फीचर डेस्क |

दर्शको के लम्बे इंतज़ार के बाद सिनेमाघरों में पहुंची ब्रह्मास्त्र ने जहा एक तरफ दर्शको को थिएटर में जाकर फिल्म देखने पर मजबूर किया। वहीँ दर्शक फिल्म देखने के बाद अपनी उमीदो पर पछताते हुए थिएटर से बहार आते दिखे। अयान मुखर्जी के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ को सिनेमाघरों में लाने में 5 साल का समय लग गया। रणबीर कपूर और आलिया भट्ट स्टारर ये फिल्म को बनाने में काफी लंबा समय लगा है। ये फिल्म एक फैंटेसी फिल्म है और बॉलीवुड में इस तरह की फिल्मों का ट्रैक रिकॉर्ड कुछ खास नहीं रहा है।

फिल्म की कहानी

फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ में एक लड़का शिव (रणबीर कपूर) होता है, जिसे पता नहीं है कि उसके अंदर सुपरहीरो वाली शक्तियां है। दशहरा और दीवाली के बीच हुई कुछ घटनाएं होने से उसे लगने लगता है कि उसके पास कुछ शक्तियां हैं जो उसे योद्धा बना सकती हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि बुरी शक्तियां ब्रह्मास्त्र को हासिल करने में लगी हैं। ब्रह्मास्त्र 3 हिस्सों में बंटा है और उसे एक जगह लाकर जोड़ना है। इस बंटे हुए ब्रह्मास्त्र को हासिल करने और उसकी रक्षा करने को लेकर कहानी आगे बढ़ती है।

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स्टार्स की एक्टिंग और टेक्निकल प्वाइंट

‘ब्रह्मास्त्र’ में एक्टिंग की बात करें तो रणबीर कपूर ने पूरी फिल्म को संभाला है जबकि आलिया भट्ट और अमिताभ बच्चन ने उनका बखूबी साथ दिया है। मौनी रॉय ने भी अपनी एक्टिंग से ध्यान खींचा है। वहीं, नागार्जुन का कम समय का रोल भी लोगों को आकर्षित करता है। फिल्म देखने के दौरान आपके तीन बार रोंगटे खड़े हो जाएंगे। पहला पीछा करने वाला सीन, दूसरा जब रणबीर कपूर अपनी शक्तियों का पूरी तरह से एहसा होता है और क्लाइमेक्स में मौनी रॉय करीब-करीब जीत जाती हैं। फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ के टेक्निकल प्वाइंट पर बात करें तो इंडियन सिनेमा में अब तक का सबसे विजुअल स्पेक्टेकल है, यहां तक डायरेक्टर एसएस राजामौली की ‘बाहुबली’ और ‘आरआरआर’ से भी बड़ा है। अयान मुखर्जी की 5 साल की मेहनत फिल्म में दिखाई देती है। अयान मुखर्जी के साथ करण जौहर का भी पूरा योगदान है। इस तरह इन दोनों लोगों ने अब तक एक भारतीय फिल्म में वीएफएक्स का सबसे अच्छा इस्तेमाल किया है। वहीं, कैमरावर्क भी आश्चर्यजनक रहा है। फिल्म के गाने भी बहुत अच्छे तरह से फिल्माएं गए हैं।

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फिल्म में कमी

फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ में कभी-कभी डायलॉग इतने छोटे होते हैं कि अगर वे थोड़ा भी बेहतर होते तो फिल्म और भी अच्छी हो सकती थी। फिल्म के रोमांटिक ट्रैक जितना रणबीर कपूर की शक्तियों के लिए सही हैं, उतना ही ये कहानी को कुछ जगहों पर नीचे खींच भी लेता है। फिल्म का क्लाइमेक्स शानदार था जब तक मौनी रॉय की करीब-करीब जीत के बाद रोमांटिक एंगल फिर से हिट नहीं हुआ लेकिन एक बार फिर रणबीर कपूर के अवतार में बड़ा परिवर्तन होता है।

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फिल्म का प्रभाव जो भी रहा हो इस फिल्म में रणबीर कपूर और आलिया भट्ट को पहली बार एक साथ देखने के लिए दर्शक काफी उत्सुक थे। भले ही फिल्म की कहानी दर्शको को इतनी पसंद नहीं आई पर रणबीर और आलिया की एक्टिंग की काफी सराहाना की गई।  दर्शक अपनी पसंदीदा जोड़ी को साथ देखकर बेहद खुश हुए।

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