- आवासीय मकान का बिजली कनेक्शन को पीड़ित ने लगाई थी हाईकोर्ट में गुहार
- ऊर्जा निगम के भ्रष्ट एक्सईएन ने कर दिया डिस्कनेक्ट
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: ऊर्जा निगम के भ्रष्ट एक्सईएन प्रवीण कुमार हाईकोर्ट से बड़े हो गए हैं। उनके लिए हाईकोर्ट के आदेश भी कोई मायने नहीं रखते। हाल ही में हाईकोर्ट में गए एक पीड़ित ने गुहार लगाई थी कि उनके आवासीय मकान का बिजली कनेक्शन जो ऊर्जा निगम के भ्रष्ट एक्सईएन प्रवीण कुमार ने डिस्कनेक्ट कर आया था,
उसको पुन: चालू कर उसकी आवश्यक जनसुविधा को चालू किया जाए। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिए थे कि बिजली और पानी की सुविधा किसी की भी बंद नहीं की जा सकती। लिहाजा ऊर्जा निगम के अधिकारी पीड़ित देवराज के घर पर बिजली का कनेक्शन चालू करें, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भ्रष्ट एक्सईएन ऊर्जा निगम ने कनेक्शन चालू नहीं किया।
हम बात कर रहे हैं शताब्दीनगर स्थित पंचवटी कॉलोनी में रह रहे देवराज की। बकौल, देवराज जिस मकान में वह रह रहा था, उसमें विवाद होने के बाद ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने दूसरे पक्ष से मिलीभगत करके उनके घर का कनेक्शन डिस्कनेक्ट कर दिया था। यही नहीं, गंभीर आरोप यह भी लगाया की भ्रष्ट एक्सईएन प्रवीण कुमार से जब वो मिले तो उन्होंने दो लाख रुपये की मांग की।
इसी बीच भ्रष्ट एक्सईएन ने कनेक्शन चालू करने के भी फाइल पर आदेश कर दिए थे, लेकिन यह आदेश फाइल पर ही हुए मौके पर कनेक्शन चालू नहीं किया गया। पैसा नहीं मिला तो फिर से आदेश को निरस्त कर दिया। ऐसा आरोप पीड़ित देवराज का हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि भ्रष्ट एक्सईएन ने फिर फाइल को तलब किया और अपने आदेश को निरस्त कर दिया। इस तरह से फाइल पर कनेक्शन जारी करने और फिर डिस्कनेक्ट करने का खेल चलता रहा।
ऊर्जा निगम के एमडी से भी पीड़ित देवराज मिला। एमडी ने भी माना कि हाईकोर्ट के आदेश हैं तो कनेक्शन चालू होना चाहिए। अधीनस्थ अधिकारियों को एमडी ने कनेक्शन चालू करने के आदेश दिए, लेकिन भ्रष्ट एक्सईएन की हठधर्मिता तो देखिए कि हाईकोर्ट के आदेश उनके लिए कोई मायने नहीं रखते। अभी तक भ्रष्ट एक्सईएन ने पीड़ित की बिजली चालू नहीं की है। पीड़ित हर रोज ऊर्जा निगम के एमडी चीफ इंजीनियर और एसई के पास जाकर गुहार लगा रहा है और हाईकोर्ट के आदेश को दिखा रहा है,
मगर हाईकोर्ट के आदेश ऊर्जा निगम के भ्रष्ट एक्सईएन प्रवीण कुमार मानने को तैयार नहीं है। अब फिर से पीड़ित कभी भी हाईकोर्ट में ऊर्जा निगम के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की अपील दायर करेंगे। अब देखना यह है कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन होगा भी या फिर नहीं? बता दे कि दो माह पहले कनेक्शन काट दिया गया था। जबकि हाईकोर्ट ने 21 दिन में कनेक्शन जोड़ने के आदेश दिए थे।
महत्वपूर्ण बिन्दू
- शताब्दीनगर के पंचवटी कॉलोनी का है मामला
- दो माह पहले ऊर्जा निगम ने काट दिया था देवराज का बिजली कनेक्शन
- एक माह पहले हाईकोर्ट में लगाई थी पीड़ित ने गुहार
- हाईकोर्ट ने 21 दिन में पीड़ित का बिजली कनेक्शन चालू करने के दिए थे आदेश