Sunday, June 15, 2025
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प्लॉट नीलामी में भ्रष्टाचार का खेल

  • मामला पहुंचा सीएम योगी आदित्यनाथ के दरबार
  • पीड़ित ने भ्रष्टाचार की शिकायत की थी सीएम पोर्टल पर

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: आवास विकास परिषद में नीलामी में प्लॉट आवंटन के बाद भी भ्रष्टाचार का खेल चलता है। ये मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गया है। पीड़ित परिवार ने इस भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री के पोर्टल पर की है। घूस नहीं मिलने पर प्लॉट आवंटन निरस्त भी कर दिया गया है। ये पहला मामला नहीं है, बल्कि इस तरह के मामले पहले भी आ चुके हैं, मगर आवास विकास परिषद में चल रहे इस भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लग पा रही है।

ये पूरा खेल सम्पत्ति प्रबंधक के स्तर से चल रहा है। उन पर ही भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। शिकायत के बावजूद सम्पत्ति प्रबंधक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ये मामला है गत 25 सितंबर 2020 का। जागृति विहार सामुदायिक केन्द्र में खुली नीलामी हुई थी, जिसमें बोली दाताओं ने बोली लगााई थी।

इस खुली बोली में सपना भारद्वाज ने भी 184 वर्ग मीटर का प्लॉट संख्या 5/61 जागृति विहार एक्सटेशन में मिला था। यह बोली 25,520 रुपये प्रति वर्ग मीटर से बढ़कर 30 हजार प्रति वर्ग मीटर में छुटी थी। इस नीलामी पर भी सम्पत्ति प्रबंधक ने प्रत्येक मीटर पर एक हजार रुपये की मांग की।

मांग पूरी नहीं करने पर बोली को अमान्य करने की धमकी दी। पहले बार-बार बोली को निरस्त करने की बात कहीं जाती रही है। इस पूरे मामले को लेकर आवंटी परेशान हो गया। इसी बीच घूस नहीं मिलने की दशा में 14 अक्टूबर को ये नीलामी निरस्त करने का नोटिस सपना के घर भेज दिया गया।

नोटिस में कहा गया कि बोली कम लगी थी, जिसके चलते प्लॉट का आवंटन निरस्त कर दिया गया है। चेतन चौधरी निवासी 179 मेन रोड नंगला बट्टू साकेत ने भ्रष्टाचार की शिकायत पर सम्पत्ति अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मुख्यमंत्री से मांग की है। इस मामले में मुख्यमंत्री आॅफिस से बोली लगने व निरस्त करने के मामले में जांच बैठा दी है।

इस भूखंड की बोली में हुआ महा खेल

भूखंड संख्या 15/132 में भी बड़ा खेल हुआ। यह प्लॉट शास्त्रीनगर के वीआईपी इलाके में है, जिसमें जो कॉर्नर का है। यह प्रॉपर्टी की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है, मगर इसकी बोली 5/61 भूखंड से 400 रुपये कम प्रति वर्ग मीटर कम छोड़ दी गई। इस बोली को निरस्त नहीं किया गया, क्योंकि इसमें सम्पत्ति अधिकारी को घूस मिल गई थी।

ई-61 की बोली में भी भ्रष्टाचार हुआ। इसकी बोली जिस हिसाब से ऊपर जानी चाहिए थी, वहां सेटिंग कर दी गई, जबकि ये दोनों प्लॉट व भवन शास्त्रीनगर जैसे वीआईपी इलाके में है। जिन प्लॉटों में भ्रष्टाचार हुआ है, वो आबादी के बीच में है, जिनकी नीलामी ज्यादा होनी चाहिए थी, वो सेटिंग कर कम कर दी गई।

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