Monday, June 30, 2025
- Advertisement -

इस वर्ष गेहूं उत्पादन कम रहने से बढ़ेंगी कीमतें

KHETIBADI 1


मौसम के उतार-चढ़ाव, बदलाव का सबसे अधिक असर खेती-किसानी पर पड़ता है। इस वर्ष फरवरी में तापमान का बढ़ना, मार्च में बेमौसम बरसात तथा ओलावृष्टि का होना एवं तेज हवाओं का चलना गेहूं किसानों की उम्मीद पर वज्रपात के समान था।

इसके पश्चात कड़ी धूप का निकलना एवं मौसम में ठंडक का एहसास तथा तापमान में पुन: गिरावट से किसान की उम्मीदों का जगना और विशेषज्ञों के अनुमानित उत्पादन आंकड़े का बदलना असमंजस की स्थिति निर्मित कर रहा है। इससे रबी की प्रमुख फसल गेहूं का उत्पादन इस वर्ष कम रहने की तथा कीमतें बढ़ने की संभावना बढ़ गई है।

इस वर्ष 2022-23 में देश में 343 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में गेहूं बोया गया है तथा दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के मुताबिक 11.12 करोड़ टन उत्पादन होने का अनुमान है। परन्तु विशेषज्ञों एवं रिपोर्ट के मुताबिक तेज हवाओं के साथ बारिश की वजह से कहीं-कहीं गेहूं के दाने टूट गए हैं या काले पड़ गए हैं।

दानों के सिकुड?े की बात भी सामने आ रही है। केंद्र ने भी कहा था कि प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की 8-10 फीसदी फसल को नुकसान होने का अनुमान है। मगर देर से बोआई वाले क्षेत्रों में बेहतर उपज की संभावना से इसकी भरपाई हो सकती है।

मध्य प्रदेश में नए गेहूं की आवक मार्च में ही शुरू हो चुकी है। मगर मंडी में आ रही फसल में नमी की मात्रा अधिक है। इस वजह से व्यापारी और बड़ी कंपनियां खरीद से परहेज कर रही हैं। व्यापारी किसानों से गेहूं खरीद भी रहे हैं तो एमएसपी से कम भाव दे रहे हैं। केंद्रीय खाद्य सचिव श्री संजीव चोपड़ा ने कहा कि मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानकों में ढील दी गई है और पंजाब तथा हरियाणा में भी जल्द ही ऐसा करने पर विचार किया जाएगा।

भारतीय खाद्य निगम और राज्य एजेंसियां कई राज्यों में खरीद शुरू कर चुकी हैं। मध्य प्रदेश में मार्च में अलग-अलग समय पर हुई ओला वृष्टि और बारिश ने प्रदेश के अधिकांश हिस्से में फसलों को बुरी तरह प्रभावित किया। प्रदेश के 25 से अधिक जिलों में 70,000 हेक्टेयर से अधिक रकबा बारिश और ओले की जद में आया, जिससे गेहूं, चना और सरसों की फसल को खासा नुकसान पहुंचा है।

ज्यादातर विशेषज्ञ मान रहे हैं कि देश में आगे मौसम साफ रहा और बारिश नहीं हुई तो गेहूं का उत्पादन 10.5 करोड़ टन के करीब रह सकता है। मगर मौसम खराब रहा तो उत्पादन 10 करोड़ टन के नीचे जा सकता है। सरकार के दूसरे अग्रिम अनुमानों के मुताबिक इस वर्ष 11.22 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन हो सकता है।

पिछले साल मार्च में तापमान में रिकॉर्ड बढ़ोतरी और लू के कारण गेहूं का उत्पादन गिरा था। सरकारी अनुमान के अनुसार तब 10.77 करोड़ टन गेहूं हुआ था। मगर बाजार सूत्रों का कहना है कि उत्पादन गिरकर 9.7 करोड़ टन ही रह गया था।
उत्पादन घटने और कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक रहने के कारण पिछले साल सरकारी खरीद भी काफी कम रही थी क्योंकि किसानों ने निजी कंपनियों और कारोबारियों को ऊंचे भाव पर गेहूं बेचना पसंद किया था।

पिछले साल सरकारी केंद्रों पर केवल 1.88 करोड़ टन गेहूं बिका था, जो 2021-22 के 4.33 करोड़ टन गेहूं की तुलना में 56.58 फीसदी कम रहा। इस साल 3.41 करोड़ टन गेहूं खरीदने का सरकार का लक्ष्य है।

खुले बाजार में गेहूं बिक्री की सरकारी घोषणा से पहले जनवरी के मध्य में भाव 3,200 रुपये प्रति क्विंटल तक चले गए थे। लेकिन जनवरी के आखिरी हफ्ते में 30 लाख टन गेहूं की खुली बिक्री के फैसले के बाद भाव घटने लगे। फरवरी में सरकार ने 20 लाख टन गेहूं और बेचने की निर्णय लिया और इसका मूल्य भी घटाकर 2,125 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया।

15 मार्च तक सरकार ने 33.77 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचा है। इन सभी फैसलों का असर गेहूं की कीमतों पर हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी गेहूं की मौजूदा कीमतें पिछले साल के मुकाबले तकरीबन 30 फीसदी कम हैं।

यूक्रेन और रूस के बीच शुरू हुई जंग के कारण आपूर्ति में रुकावट आई, जिससे पिछले साल मई में गेहूं के अंतरराष्ट्रीय भाव बढकर 450 डॉलर प्रति टन से ऊपर चले गए थे, जो अब 280 डॉलर प्रति टन के आसपास हैं।

परिणामस्वरूप गेहूं की कीमत कई राज्यों में तो एमएसपी से नीचे यानी 1,800 से 2,000 रुपये प्रति क्विंटल तक रह गईं, एमएसपी 2,125 रुपये प्रति क्विंटल है। आगे मौसम बिगड़ा रहा तो गेहूं का उत्पादन और गुणवत्ता दोनों घटेंगे और भाव बढ़ सकते हैं।


janwani address 8

What’s your Reaction?
+1
0
+1
2
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Meerut News: सरकार 2जी मोबाइल से 5जी का काम नहीं हो रहा

जनवाणी संवाददाता |रोहटा: आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सरकार 2जी मोबाइल...

Meerut News: अमृत योजना में अटकी तालाबों की सफाई

जनवाणी संवाददाता |मेरठ: महानगर में तालाबों की गंदगी लाखों...

Meerut News: एडीजी ने किया पल्लवपुरम थाने और कांवड़ यात्रा को लेकर हाईवे का निरीक्षण

जनवाणी संवाददाता |मोदीपुरम: एडीजी ने निरीक्षण के दौरान थाने...
spot_imgspot_img