Sunday, January 19, 2025
- Advertisement -

संयुक्त अरब अमीरात ने तुर्की के खिलाफ भेजे चार F-16 फाइटर प्लेन

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: तुर्की के खिलाफ संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने एक बड़ा कदम उठाया है। ग्रीस के अखबार कैथीमेरिनी की रिपोर्ट के मुताबिक, यूएई ग्रीस में तुर्की के खिलाफ उतर आया है।

यूएई ने ग्रीस की हेलेनिक एयर फोर्स के साथ संयुक्त अभ्यास करने के लिए अपने चार फाइटर जुटे एफ-16 भेजे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फाइटर जेट सौदा बे एयरबेस में तैनात किए जाएंगे और ग्रीस की सेना के साथ पूर्वी भूमध्य सागर में संयुक्त सैन्य अभ्यास करेंगे। यूएई के इस कदम के बाद दोनों मुस्लिम देशों के बीच टकराव बढ़ने की आशंका है।

यूएई ने ये कदम ऐसे वक्त में उठाया है जब तुर्की के साथ ग्रीस का तनाव चरम पर है। तुर्की ने पिछले महीने ग्रीस के समुद्री क्षेत्र में खनन करने के लिए नौसेना के जहाजों की तैनाती की थी।

तुर्की विवादित समुद्री इलाकों पर अपना दावा पेश करता है और उसमें गैस भंडार के अभियान में जुटा हुआ है। दोनों देश नाटो के सदस्य हैं। हालांकि, पिछले कुछ समय में तुर्की के सैन्य संगठन नाटो के साथ संबंध खराब हुए हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्रीस हेलेनिक नेशनल डिफेंस स्टाफ के प्रमुख ने यूएई के लेफ्टिनेंट हमाद मोहम्मद थानी अल रुमैती के साथ गुरुवार को बातचीत भी की है।

तुर्की के राष्ट्रपति रेचैप तैय्यप एर्दवान ने कहा था कि उनका देश ग्रीस के साथ किसी भी तरह की मुश्किल नहीं चाहता है बल्कि वार्ता ही एकमात्र समाधान है। एर्दवान ने कहा था कि अगर हम कॉमन सेंस और लॉजिक के साथ कदम बढ़ाएं तो ये सबके हक में होगा।

हाल ही में, तुर्की ने रूस से एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम की दूसरी खेप खरीदने पर सहमति दी है। तुर्की ने ये कदम अमेरिका के प्रतिबंध लगाने की चेतावनी के बावजूद उठाया है।

जब तुर्की ने रूस से मिसाइल सिस्टम की पहले खेप खरीदी थी तो अमेरिका ने उसे अपने एफ-35 जॉइंट फाइटर प्रोग्राम से बाहर कर दिया था।

यहां तक कि सीरिया में भी तुर्की ने अमेरिका समर्थित कुर्दिश सेनाओं के खिलाफ हमले किए हैं। तुर्की के हमले से कुछ घंटे पहले ही अमेरिकी सेना ने यहां के अपने सैन्य ठिकाने को खाली किया था।

सीरिया के अलावा, मध्यपूर्व और अफ्रीका के कई संघर्ष क्षेत्रीय ताकतों के बीच प्रॉक्सी वार छिड़ गया है। हाल ही में, तुर्की ने अपनी सेना को लीबिया की जीएनए सरकार की मदद के लिए भेजा था जबकि जनरल हफ्तार की एलएनए पार्टी को फ्रांस, यूएई, रूस और इजरायल का समर्थन हासिल है।

तुर्की और यूएई के बीच मजबूत सांस्कृतिक संबंध रहे हैं लेकिन इसके बावजूद पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के रिश्ते खराब हुए हैं।

दोनों पक्ष अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग पार्टियों को समर्थन कर रहे हैं जिससे टकराव बढ़ गया है। मिस्त्र और कतर संकट के राजनीतिक संघर्ष में भी तुर्की और यूएई एक-दूसरे के खिलाफ खड़े दिखाई दिए।

यूएई पर तुर्की में साल 2016 में तख्तापलट करने का भी आरोप लगा था। अरब देश यूएई ने सीरिया में तुर्की की सैन्य मौजूदगी की भी आलोचना की थी। हाल ही में, जब यूएई और इजरायल ने कूटनीतिक रिश्ते कायम किए तो ईरान के साथ तुर्की ने भी इसका कड़ा विरोध किया था।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

मेरठ पहुंचे डॉ. विजय कुमार सिंह, संभाला डीएम का कार्यभार

जनवाणी संवाददाता | मेरठ: आज शनिवार को नवागत जिलाधिकारी डॉ....

Shattila Ekadashi 2025: षटतिला एकादशी पर करें ये उपाय, मां लक्ष्मी की बरसेगी कृपा

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...

अपनी ही बायोपिक में नजर आएंगी अक्षरा सिंह

भोजपुरी इंडस्ट्री की बेबाक एक्ट्रेस में से एक अक्षरा...

पंजाबी फिल्म से डेब्यू करेंगी निक्की तंबोली

'बिग बॉस 14' की प्रतियोगी रह चुकी ग्लैमर वर्ल्ड...

एक्टिंग में वापसी का कोई इरादा नहीं- ममता कुलकर्णी

सुभाष शिरढोनकर 90 के दशक की बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी...
spot_imgspot_img