Tuesday, June 17, 2025
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फिलहाल पालिका बाजार में ही लगेगी पैंठ

  • प्राइवेट पर रोक, नगर पालिका ने बैठक कर लिया निर्णय, पैंठ को लेकर नहीं थम रहा विरोध

जनवाणी संवाददाता |

सरधना: नगर में लगने वाली साप्ताहिक पैंठ को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को नगर पालिका में हुई बैठक में घंटों विचार विमर्श करने के बाद भी स्थाई समाधान नहीं निकल सका। बोर्ड के निर्णय के अनुसार तय किया गया कि रविवार को पालिका बाजार में ही लगाई जाएगी। साथ ही प्राइवेट स्थान पर पैंठ नहीं लगने दी जाएगी। हालांकि इस निर्णय का कुछ फड़ वालों ने विरोध करते हुए जमकर हंगामा किया। उन्होंने कहा कि पालिका बाजार में फड़ नहीं लगाएंगे।

सरधना में करीब एक महीने से साप्ताहिक पैंठ का मुद्दा गरमाया हुआ है। नगर पालिका साप्ताहिक पैंठ को पालिका बाजार में लगवाने पर जोर दे रही है। मगर एक पक्ष पैंठ को पुराने स्थान पर ही लगवाने की मांग कर रहा है। बीते रविवार को सरधना में दो पैंठ लगी थी। एक पालिका बाजार और दूसरी लिबर्टी सिनेमा की खाली भूमि पर प्राइवेट पैंठ लगाई गई थी। इस कारण पैंठ को लेकर व्यवस्था बिगड़ी पड़ी है।

मामले को लेकर शनिवार को नगर पालिका में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें सभासद, गणमान्य लोग, व्यापार मंडलों के पदाधिकारी शामिल हुए। सभी ने बैठक में अपने विचार रखे। कुछ ने पुराने स्थान पर बैठ लगवाने को कहा। कुछ ने पैंठ का विस्तार नाला पटरी से उत्तरी रामलील रोड तक कराने को कहा तो कुछ ने पालिका बाजार में ही पैंठ लगवाने की बात कही।

बोर्ड के अधिकांश सभासद पालिका बाजार में पैंठ लगवाने के मत पर रहे। घंटों चले विचार विमर्श के बाद ईओ शशि प्रभा चौधरी ने घोषणा करते हुए कहा कि पैंठ पालिका बाजार में ही लगेगी। अधिकारी, सभासद, गणमान्य लोग, पुलिस फोर्स सभी व्यवस्था बनाने में सुबह सवेरे पहुंचेंगे। मामले के लिए उच्चाधिकारियों को भी पत्र लिखकर अवगत करा दिया है।

प्राइवेट स्थान पर पैंठ नहीं लगने दी जाएगी। निर्णय आते ही बाहर मौजूद फड़ लगाने वालों के एक गुट ने फैसले का विरोध करते हुए हंगामा कर दिया। उन्होंने कहा कि पािलका बाजार में फड़ नहीं लगाएंगे। फिलहाल नगर पालिका ने निर्माणाधीन मार्केट में पैंठ लगवाने की तैयारी शुरू कर दी है।

बैठक में घुसकर किया हंगामा

नगर पालिका में पैंठ को लेकर कई घंटे बैठक चली। इस दौरान फड़ लगाने वाले दर्जनों लोग बाहर मौजूद रहे। अधिक समय लगने के कारण उनका सब्र जवाब दे गया। कई बार उन्होंने सभागार के बाहर नारेबाजी की। इतना ही नहीं एक बार बैठक के बीच सभाागार में घुसकर हंगामा कर दिया। कर्मचारियों ने किसी तरह उन्हें बाहर निकाला।

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