- हल्की बारिश में भी सड़कों पर हो जाता है, जलभराव-लोगों की परेशानी बढ़ी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर निगम द्वारा शहर में चोक नालों की साफ-सफाई के लिए जो अभियान चलाया गया था, वह फिलहाल बरसात के मौसम में ठंडे बस्ते में पड़ गया है। जिन नालों की साफ सफाई निगम द्वारा अभियान चलवाकर कराई गई थी वह फिर से चोक हो चुके हैं। वहीं कुछ नालों की साफ-सफाई के नाम पर खानापुर्ति की गई थी।
जबकि निगम के डिपों से जेसीबी व अन्य वाहनों में दो महीनों के भीतर करोड़ों रुपये का डीजल सफाई अभियान में खर्च होना निगम के रिकार्ड में दर्शाया गया था। साफ-सफाई के कुछ दिन बाद ही फिर से नाले चोक हो गये हैं। जिसमें लोगों की परेशानी सड़कों पर होने जलभराव से फिर बढ़ गई है।
नगर निगम के निकाय चुनाव के बाद महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने सबसे पहले शहर में वर्षों से चोक पडेÞ नालों की साफ-सफाई के लिए बडेÞ स्तर पर अभियान चलवाया था। जिसमें रात्रि के समय नालों की सफाई के लिए जो अभियान निगम के द्वारा चलवाया जाता था। जिसमें वह मौके पर जाकर देखते थे कि अभियान चल रहा है या फिर खानापूर्ति की जा रही है। जिसमें महापौर द्वारा करीब एक महीने तक किसी न किसी वार्ड में पहुंचकर नाला साफ-सफाई के कार्य को देखा।
जिसमें कुछ दिनों तक तो अभियान सफलतापूर्वक चला, लेकिन जैसे ही महापौर व नगरायुक्त ने जिन जगहों पर अभियान चलाया जा रहा था। वहां मौके पर जाना कम किया तो अभियान धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में डलता चला गया। नालों की इधर सफाई कराई जाती कुछ दिनों में उधर नाला फिर से चोक हो जाता। वर्तमान में अधिकतर नाले एक बार फिर से चोक हो गए हैं। जिसमें बरसात का थोड़ा-सा पानी भी नालों से ओवरप्लो होकर सड़क पर जमा हो जाता है।
जिसमें सड़कों पर दूषित पानी के जलभराव से स्थानीय लोगों के साथ राहगीरों को भी परेशानी उठानी पड़ती है। उधर, प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. हरपाल सिंह का कहना है कि अधिकतर नालों की साफ-सफाई करा दी जाती है। जिन जगहों पर नालों के चोक होने की समस्या आती है। वहां टीम भेजकर साफ-सफाई करा दी जाती है।
सड़कों के 45 टेंडरों में से 28 को हरी झंडी
नगर निगम के द्वारा शहर की सड़कों के निर्माण संबंधी 45 टेंडर छोडेÞ जाने थे। जिसमें रविवार को जो टेंडर खोले गए उनमें से 28 को पात्रता के आधार पर हरी झंडी दे दी गई। जिसमें इन टेंडरों पर निर्माण कार्य शुरू कराए जायेंगे। वहीं दूसरी तरफ शेष 17 टेंडरों को रीटेंडर कर दिया गया। निर्माण विभाग के जेई विकास कुरील ने बताया कि जो टेंडर पात्रता के आधार पर छोडेÞ गए हैं। उन पर जल्द निर्माण शुरू होगा। वहीं, शेष टेंडरों की प्रक्रिया दोबारा से कराई जायेगी। जिसमें कुछ वार्डो में देरी से निर्माण कार्य शुरू हो सकेगा।
महापौर, नगरायुक्त ने किया आईटीएमएस सेंटर का निरीक्षण
नगर निगम में बने आईटीएमएस (इंटेलीजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) वीडियो कॉल डाटा सेंटर का शनिवार को महापौर हरिकांत अहलूवालिया व नगरायुक्त ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने महानगर में आईटीएमएस के अंतर्गत चौराहों पर लगाए गए कैमरों की वीडियो कॉल देखी। कहीं कैमरे बंद तो नहीं और वर्तमान में सेंटर किस हालत में है। वहीं शहर में कुछ ओर जगहों पर भी जो सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं।
उनको आईटीएमएस सेंटर से जोड़ने की व्यवस्था किस तरह से बन सकेगी। इस दौरान महापौर के साथ कुछ पार्षद भी साथ रहे। इस दौरान नगरायुक्त डा. अमितपाल शर्मा व महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने आईटीएमएस में कार्यरत कर्मचारियों से सेंटर के बारे में जानकारी ली, साथ ही यदि कोई समस्या सेंटर पर आ रही है। उसके बारे में भी जानकारी कि ताकि समस्या का समाधान हो सके।