Thursday, July 3, 2025
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मेडिकल में मरीजों की मुसीबत, जाएं तो जाएं कहां

  • बर्न यूनिट है स्टाफ नहीं, कैंसर वार्ड शुरू होते ही बंद, दिव्यांग वर्कशॉप में भी पसरा सन्नाटा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: एलएलआरएम मेडिकल में स्टाफ की किल्लत की कीमत मरीजों को चुकानी पड़ रही है। करोड़ों रुपए कीमत की मशीनें होते हुए भी मरीज उनका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। एक अरसे बाद एलएलआरएम मेडिकल में बर्न यूनिट बनकर तैयार हुई, लेकिन भारी भरकम रकम खर्च कर तैयार की गयी बर्न यूनिट सफेद हाथी या कहें केवल शोपीस भर रह गयी है। डाकटरों व टेक्निशियन व अन्य स्टाफ न होने की वजह से बर्न यूनिट सिवाल मरीजों का दिल जलाने के कुछ नहीं कर रही है।

इससे भी बुरा हाल तो एलएलआरएम के कैंसर वार्ड का का है। कैंसर वार्ड भी मुद्दत से बंद पड़ा था। इसको शुरू कराने के लिए मेडिकल प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता से लेकर कपिल राणा व सतीश त्यागी सरीखे कर्मचारी नेताओं ने शासन की न जाने कितनी परिक्रमा कीं। लखनऊ की चौखट पर दर्जनों बार माथा रगड़ने के बाद किसी तरह कैंसर यूनिट शुरू हुई। यहां मरीजों की सिकाई का काम भी होने लगा था,

लेकिन यह तमाम व्यवस्था अस्थायी थीं, नतीजा यह हुआ कि करोड़ों रुपये कीमत की कैंसर की मशीनें धूल खा रही हैं। टेक्निशियन न होने की वजह से कैंसर यूनिट भी अब बंद करनी पड़ गयी है। दिव्यांग वर्कशॉप एलएलआरएम प्रशासन की बड़ी उपलब्धी मााने जाती थी, लेकिन डाक्टरों व दूसरे स्टाफ की कमी के चलते वहां भी सन्नाटा पसरा हुआ है।

शासन को लिखे जा चुके हैं अनेक पत्र

एलएलआरएम मेडिकल में डाक्टरों, टेक्निशियन व दूसरे स्टाफ की कमी को लेकर शासन को अनेक पत्र लिखे जाने की जानकारी मेडिकल प्रधानाचार्य डा. आरसी गुप्ता ने दी। उनसे जब उक्त मामले में पूछा गया तो बताया कि कुछ वैकल्पिक व्यवस्थाएं की गयी थीं। काफी प्रयास भी किए गए। डाक्टरों व टैक्नियिनों की कमी शीघ्र दूर हो जाएगी, इस्की उन्हें पूरी उम्मीद है। शासन को इस संबंध में अवगत कराया जा चुका है।

महज सड़कें, दीवारें, गेट व बिल्डिंग बनेंगी 180 करोड़ से

सब कुछ तयशुदा योजना के तहत चलता रहा तो बदहाली के लिए अक्सर कोसे जाने वाले एलएलआरएम मेडिकल की गिनती केवल यूपी ही नहीं बल्कि दिल्ली समेत एनसीआर के सबसे शानदार मेडिकल कलेज व अस्पतालों में की जाएगी। मेडिकल के साज शृंगार के लिए शासन से लगभग 180 करोड की रकम की जानकारी मिली है। इस रकम से मेडिकल की कायाकल्प करने का काम शुरू हो गया है।

इसके लिए मेडिकल के तमाम कर्मचारी पूरा श्रेय प्रधानाचार्य डा. आरसी गुप्ता को देते हैं। मेडिकल के मीडिया प्रभारी डा. वीडी पांडेय ने बताया कि मेडिकल में काफी काम इन दिनों चल रहा है। कोरोना वार्ड की तरह एक और ओपीडी बनायी जा रही है। दरअसल इन दिनों मेडिकल में आने वाले मरीजों की संख्या भी इसलिए बढ़ गयी है, क्योंकि यहां चिकित्सा सेवा का काफी तेजी से विस्तार हो रहा है। उसके चलते ही यहां काफी कार्य कराए जाने की जरूरत महसूस की जा रही थी। वो तमाम काम इन दिनों कराए जा रहे हैं।

मच्छरों का प्रकोप, डेंगू के अब तक 70 केस

करीब एक पखवाडेÞ के दौरान जनपद में अब तक डेंगू के 70 केस मिल चुके हैं। जनपद के सर्विलांस अधिकारी डा. अशोक तालयान ने बताया कि 16 अगस्त को मेरठ में इस सीजन के पहले केस मिले थे। जब से केसों के मिलने का सिलसिला लगातार जारी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की सजगता व कड़े परिश्रम की वजह से डेंगू को काबू में रखा गया है। उन्होंने बताया कि रविवार को ब्रह्मपुरी, कंकरखेड़ा, पल्हेड़ा, रजबन व सरूरपुर में एकएक केस मिला है। उन्होने लोगों से अपील की है कि मच्छरों को न पनपने दें।

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