Wednesday, May 28, 2025
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जीवित्पुत्रिका व्रत 2023: कल मनाया जाएगा जीवित्पुत्रिका व्रत 2023, जानें इस व्रत का पूजन, महत्व और पारण

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। हिंदू धर्म में हर वर्ष जीवित्पुत्रिका व्रत किया जाता है। यह व्रत प्रत्येक वर्ष अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन रखा जाता है। वहीं, इस बार यह व्रत कल यानि 6 अक्टूबर 2023 को रखा जाएगा। दरअसल, इसको जितिया, ज्युतिया व जिउतिया के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी आयु, सुख समृद्धि के लिए व संतान की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं। माता इस व्रत के दिन निर्जल रहती हैं। ​जीवित्पुत्रिका व्रत पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और यूपी में रखा जाता है। तो चलिए जानते है इस व्रत को कैसे रखते हैं। क्या है कि इसकी पूजन विधि और महत्व…

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जीवित्पुत्रिका व्रत पूजन विधि

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​ज्युतिया व्रत में प्रात: उठकर स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें। इसके बाद माताएं प्रदोष समय में गाय के गोबर से पूजा के स्थान को भी लीप लें। माना जाता है कि, इस व्रत को करने के लिए छोटा से तालाब बनाते है। जहां फिर पूजन किया जाता है।

जीवित्पुत्रिका व्रत कब मनाते हैं?

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यह व्रत अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन रखा जाता है यानि पूरे 24 घंटे। फिर अगले दिन यानि नवमी तिथि में इसका समापन होता है। बताया जाता है कि, इस व्रत को रखने वाली माताएं एक दिन पहले तामसिक भोजन नहीं करती हैं।

जीवित्पुत्रिका व्रत का पारण कब होता है

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बताया जाता है कि, व्रत का पारण तीसरे दिन होता है। जिसमें तीसरे दिन सुबह उठकर पूजन कर सूर्य देवता को जल देते हैं।

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