Wednesday, January 15, 2025
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पहले महिला थाना, फिर महिला सुरक्षा हेल्प डेस्क, अब पिंक बूथ

  • प्रत्येक थाना क्षेत्र में लगाए जाएंगे दो-दो बूथ
  • प्रत्येक बूथ पर तैनात किया जाएगा महिला स्टाफ

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: महिलाओं की मदद व सुरक्षा के नाम पर सूबे की अखिलेश यादव सरकार के महिला थाना कांसेप्ट के बाद वर्तमान योगी सरकार थाना में महिला हेल्प डेस्क लेकर आयी, लेकिन इसके बाद भी महिला उत्पीड़न के मामलों में कोई कमी आती नजर नहीं आयी। इंसाफ के लिए आज भी आमतौर पर ज्यादातर महिलाओं को वही हाल नजर आता है जो कभी महिला थानों के खुलने से पहले हुआ करता था।

मेरठ ही नहीं प्रदेश भर में जनपद स्तर पर एक-एक महिला थाना खोला गया है। जबकि महिला हेल्प डेस्क की बात की जाए तो प्रत्येक थाने में महिला हेल्प डेस्क बनायी गयी है, लेकिन इसके बाद भी कोई खास सुधार आया हो वैसा नजर तो नहीं आ रहा है। महिला थाना और महिला हेल्प डेस्क होते हुए भी थानों से मदद न मिलने के चलते बड़ी संख्या में प्रतिदिन पीड़ित महिलाएं एसएसपी के दरबार में फरियाद करने पहुंचती हैं। उम्मीद तो यह की जा रही थी कि पहले महिला थाना

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और फिर महिला हेल्प डेस्क के बाद महिलाओं से संबंधित मामलों में गिरावट या कमी आती, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पुलिस कार्यालय पर आने वाले फरियादियों में बड़ी संख्या महिला उत्पीड़न खासतौर से घरेलू हिंसा, छेड़खानी, शादी के नाम पर धोखा सरीखे मामलों की होती है। पिंक बूथ के कांसेप्ट या कहें अवधारण के बाद हालात में कितना सुधार हो सकेगा यह कहना तो अभी जल्दबाजी है, लेकिन प्रत्येक थाना स्तर पर यह पिंक बूथ बनाए जाने हैं।

ऐसा होगा पिंक बूथ

प्रत्येक थाना स्तर पर दो से तीन पिंक बूथ बनाए जाने हैं। इनका स्वरूप छोटी मोटी पुलिस चौकी जैसा होगा। पिंक बूथ में केवल महिला स्टाफ नियुक्त किया जाएगा। इसमें एक रजिस्टर रखा जाएगा। जिसमें कोई भी महिला आकर स्वयं अपनी शिकायत दर्ज कर सकती है। पिंक बूथ की निगरानी के लिए दो महिला दारोगा तैनात की जाएंगी। इसकी सबसे अच्छी बात यह होगी कि यदि कोई महिला चाहेगी तो अपनी पहचान छिपा कर भी शिकायत दर्ज कर सकती है। उसकी पहचान जाहिर नहीं की जाएगी। जो भी शिकायत उसके द्वारा दर्ज की जाएगी उस पर पुलिस कार्रवाई करेगी।

मुसीबत भी कम नहीं

पिंक बूथ लगाने में मुसीबत भी कम नहीं है। पहली मुसीबत इसके लिए जगह का चयन। दूसरा इसके बनाने में जो खर्च आएगा वहां कहां से व्यवस्थित होगा इसको लेकर भी कोई तस्वीर साफ नहीं। पिंक बूथ में फर्नीचर की व्यवस्था, बिजली का कनेक्शन आदि का भी इंतजाम करना होगा। इसके लिए कहां से इंतजाम होगा इसको लेकर भी पिंक बूथ लगावने की तैयारियों में लगे थानेदार पशोपेश में हैं।

पीड़िता को नहीं मिल रहा न्याय आखिर कब मिलेगा इंसाफ?

मोदीपुरम: छठी वाहिनी पीएसी में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात की बेटी का ही न्याय नहीं मिल रहा है। वह भी न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खा रही है। पीड़िता का पति दूसरी शादी कर रहा है और पीड़िता को इंसाफ नहीं मिल रहा है। पीड़िता ने पुलिस से भी कई बार शिकायत दर्ज की, लेकिन उसके बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जनपद में दहेज उत्पीड़न के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

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दहेज से प्रताड़ित विवाहिताओं का इंसाफ भी नहीं मिल रहा है। सिर्फ तारीख पर तारीख मिलती है। जनपद के पुलिस अधिकारियों के चक्कर काटकर विवाहिता परेशान हो गई, लेकिन उनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। खुद पुलिस विभाग में ही तैनात कर्मचारी की बेटी को ही इंसाफ नहीं मिल रहा है। पीएसी में हेड कांस्टेबल रहीमुद्दीन की बेटी अफरोज का विवाह वर्ष 2013 में आकिल पुत्र गुलफाम निवासी रोशनपुर डौरली के साथ हुआ।

महिला के दो बेटी आफिया आठ वर्ष और ईरा पांच वर्ष भी है। ससुराल पक्ष के लोगों ने मारपीट कर घर से निकाल दिया। हालांकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है, लेकिन उसके बाद भी महिला का पति दूसरी शादी करने की तैयारी में है। महिला पति के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अधिकारियों के दर पर जा रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

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