Sunday, July 20, 2025
- Advertisement -

पिछले साल चौंतीस बार कांपी धरती

Ravivani 33


डॉ. ओपी जोशी |

वर्ष 2023 के 365 दिनों में से 34 दिन देश में कहीं-न-कहीं भूकम्पन की घटनाएं होती रही हैं। वर्ष का पहला व अंतिम दिन भी भूकम्पन से प्रभावित रहा है। 01 जनवरी को दिल्ली के एनसीआर (नेशनल कैपीटल रीजन या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) से हरियाणा तक 3.8 तीव्रता के भूचाल के झटके रात 1.30 बजे दर्ज किये गये। 31 दिसंबर को दोपहर 2.30 पर 3.6 तीव्रता के झटके मध्यप्रदेश के सिंगरोली में महसूस किए गए। यहां 26 दिसंबर को भी झटके आए थे।

मई को छोड़कर शेष सभी महीनों में देश के 14 राज्यों के 30 शहरों में 2.0 से 6.6 तीव्रता के झटके आए, परंतु कोई बड़ी जन-हानि नहीं हुई। दिल्ली एवं दिल्ली एनसीआर, मध्यप्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तरकाशी एवं मणिपुर क्रमश: 9, 5, 4 एवं 2 बार झटकों से प्रभावित हुए। देश के उत्तर तथा उत्तर-पूर्वी एवं मध्य क्षेत्र में ज्यादा झटके आए। कुछ भूकम्प के क्षेत्र काफी व्यापक भी रहे। 24 जनवरी को दोपहर 2.30 पर 30 सैकण्ड तक दिल्ली एनसीआर में 5.3 तीव्रता के झटके आए। इन झटकों का प्रभाव उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, हरियाणा तथा राजस्थान के कु भागों में देखा गया।

19 फरवरी को मध्यप्रदेश के धार, बड़वानी, अलिराजपुर सहित कई जिलों में दोपहर 12.45 पर 6 सेकण्ड तक 3 से 4 तीव्रता के झटके आते रहे। इसका केंद्र धार जिले में 10 किमी की गहराई पर बताया गया। 02 अप्रैल को प्रात: जबलपुर, नर्मदापुरम एवं पचमढ़ी में 3.6 तीव्रता के झटके दर्ज किये गए। नर्मदापुरम में 21 मार्च की रात को भी कुछ झटके आए थे। 21 मार्च को दिल्ली एनसीआर सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में रात 10.20 पर 6.6 तीव्रता का कम्पन्न हुआ था। 03 अक्टूबर को दोपहर में फिर दिल्ली एनसीआर सहित उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, मध्यप्रदेश राज्यों के कुछ इलाकों में कम्पन्न हुआ। इस भूकम्प की तीव्रता 5.3 से 6.3 रेक्टर पैमाने पर आंकी गयी।

इसी दिन नेपाल में भी शाम को 4 से 5 तीव्रता के झटके आने से कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए एवं 10 लोग घायल हुए। गुजरात के कच्छ एवं राजकोट में 30 जनवरी एवं 02 फरवरी को 4.3 तीव्रता के झटके आए, परन्तु कोई हानि नहीं हुई। मणिपुर के उखरूल व विष्णुपुर में 04 फरवरी व 16 अप्रैल को हल्के झटके दर्ज किए गए। छत्तीसगढ़ के गौरला-पेंड्रा-मरवाही और कोरबा जिले के गांवों में 13 अगस्त की रात एवं सरगुजा तथा अनूपपुर में 28 अगस्त को भूकम्पन हुआ। कलबुर्गी (कर्नाटक), जोरहाट (आसाम), बीकानेर (राजस्थान), बिजनौर व अयोध्या (उत्तरप्रदेश) में क्रमश: 18 जनवरी, 18 मार्च, 25 मार्च, 03 अप्रैल व 05 नवंबर को हल्के झटके आए।

हिमालयीन क्षेत्र एवं दिल्ली एनसीआर में बढ़ते भूकम्प के संदर्भ में भू-वैज्ञानिकों का कहना है कि छोटे-छोटे कम्पन से भूगर्भीय उर्जा निकल जाती है एवं बड़े भूकम्प का खतरा कम हो जाता है। हिमालय के नीचे स्थित यूरेशियन प्लेट के इंडियन प्लेट से टकराने से 200 किलोमीटर दूर स्थित दिल्ली एनसीआर में कुछ भ्रंश (फाल्ट) बन गए हैं, जिनके कारण इस क्षेत्र में पिले कु वर्षों में ज्यादा झटके आ रहे हैं।

मध्यभाग के संदर्भ में भूकम्प वैज्ञानिकों का कहना है कि यहां भी टेक्टोनिक प्लेट्स में हो रही हलचल से झटके आ रहे हैं। खंडवा एवं नर्मदा नदी से जुड़े जिले ज्यादा संवेदनशील बताए गए हैं। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने भी नर्मदा व सोन नदी घाटी वाले जिलों में ज्यादा खतरा बताया है। इन जिलों में पिले 03 वर्षों में 38 झटके दर्ज किए गए हैं। बढ़ती भूकम्पनीयता देश के लिए एक नया खतरा बनकर उभर रही है। अत: गंभीरता से ध्यान देकर ऐसे प्रयास किए जाने चाहिए कि हानि कम-से-कम हो।


janwani address 7

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Dipika Kakar: लीवर सर्जरी के बाद अब दीपिका कक्कड़ ने करवाया ब्रेस्ट कैंसर टेस्ट, जानिए क्यों

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक​ स्वागत...

Sports News: 100वें Test में Mitchell Starcs का धमाका, टेस्ट Cricket में रचा नया इतिहास

नमस्कार,दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और...

Dheeraj Kumar Death: ‘ओम नमः शिवाय’, ‘अदालत’ के निर्माता धीरज कुमार का निधन, इंडस्ट्री में शोक

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...

Nimisha Priya की फांसी पर यमन में लगी रोक, भारत और मुस्लिम नेताओं की पहल लाई राहत

जनवाणी ब्यूरो |नई दिल्ली: भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की...
spot_imgspot_img