- निगम में फिर शुरू हुआ टैक्स कम करने का खेल
- अधिकारियों ने साधा मौन, कर्मचारी हो रहे हैं बेलगाम
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जिसका अंदेशा था, वही हुआ। नगर निगम में दो-दो कर्मचरियों के रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने के बाद भी इस मामले को ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया गया है। एंटी करप्शन की रिपोर्ट के आधार पर कर्मचारी तो अभी जेल की सलाखों के पीछे हैं, लेकिन नगर निगम में ऐसा माहौल बन गया है, जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो। फिर से हाउस टैक्स को कम करने का खेल शुरू हो गया है। अधिकारियों के मौन साध लेने की वजह से कर्मचारी भी बेलगाम हो रहे हैं। जब अधिकारी खुद ही लूट में शामिल हों तो खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सूरत-ए-हाल क्या होगा।
तभी तो लगभग डेढ़ साल में एक-दो नहीं बल्कि तीन बार ऐसे अवसर आ चुके हैं। जब खुलेआम लोगों को अनाप-शनाप बिल कम कम करने के नाम पर लूट का धंधा किया जाता है। एंटी करप्शन की टीम ऐसे लुटेरों को रंगे हाथ पकड़ भी लेती है, लेकिन एक के हटते ही दूसरा लुटेरा सामने आ जाता है। क्योंकि उसकी शह पर खुद मुखिया का ही हाथ है। नगर निगम में लूट करने के लिए हाउस टैक्स के बिल अनाप-शनाप बनाये जाते हैं। फिर इन बिलों को कम करने के नाम पर लूट का धंधा चलता है। एक चौथाई पैसा खुद हजम कर लिया जाता है और 10 से 20 प्रतिशत धन नगर निगम के सरकारी खजाने में जमा करा दिया जाता है।
नगर निगम में गत 19 फरवरी को दो कर्मचारियों को एंटी करप्शन की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। इनके पास से रिश्वत के डेढ़ लाख रुपये भी बरामद हो गये थे। अब नगर निगम में सब कुछ पहले जैसा ही हो गया हे। दो-दो कर्मचारियों के पकडेÞ जाने के बाद भी नगर निगम के कर्मचायिों पर कुछ भी असर नहीं पड़ा। अब भी नगर निगम में पहले की तरह लूट का धंधा शुरू हो गया है। हाउस टैक्स अनुभाग में अब भी आप जितना चाहे, अपना बिल कम करा सकते हैं। बस इसके लिए आपको यहां के कर्मचारियों की मुंहमांगी मुराद पूरी करनी होगी। रिश्वत कांड के खुलासे के बाद अधिकारियों ने मौन साध रखा है। कोई भी अधिकारी पूछे जाने के बाद भी कुछ नहीं कहता है।