- गंभीर हालत में किसान को कराया मेरठ आईसीयू में भर्ती
- भाकियू अराजनैतिक ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
- आरोपी लेखपाल और कानूनगो के खिलाफ कार्रवाई की मांग
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: क्षेत्र के एक गांव में सरकारी नाली खुदवाने के नाम पर खेत की डोल काटने का विरोध करना किसान को महंगा पड़ गया। आरोप है कि तहसील टीम ने किसान को मुकदमा दर्ज कराके जेल भिजवाने की धमकी दे डाली। टीम तो अपनी कार्रवाई करके चली गई। मगर अपमान से तनाव में आए किसान को खेत पर ही हार्ट अटैक आ गया। किसान की हालत बिगड़ी तो परिजनों ने उसे आनन-फानन में मेरठ के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां आईसीयू में भर्ती किसान की हालत नाजुक बताई जा रही है।
तहसील पहुंचे भाकियू अराजनैतिक के लोगों ने बताया कि खेड़ा गांव निवासी पवन पुत्र रघुवीर किसान है। उसके खेत से कुछ दूरी पर सरकारी नलकूप हुआ करती थी। जो सालों पहले बंद हो गई थी। उसकी नाली का भी आज तक कुछ पता नहीं है। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार पवन के खेत पर जाकर सरकारी नाली खत्म होती थी। दो दिन पूर्व तहसील टीम एक शिकायत पर कार्रवाई करने पहुंच गई। आरोप है कि तहसील टीम ने किसान पवन को इसकी सूचना नहीं दी। उसकी डोल काटते हुए भूमि कम करनी शुरू कर दी। किसान को इसका पता चला तो वह मौके पर पहुंच गया।
किसान ने इसका विरोध किया। आरोप है कि लेखपाल ने किसान के साथ अभद्रता शुरू कर दी। जिस पर किसान का भतीजा भुपेंद्र उनकी वीडियो बनाने लगा। आरोप है कि इससे झल्लाए लेखपाल ने जातिसूचक शब्द कहते हुए मुकदमा दर्ज कराकर जेल भेजवाने की धमकी देने लगा। तहसील टीम एक पक्षीय कार्रवाई करके वापस लौट गई। आरोप है कि अपमान से तनाव में आए किसान की खेत पर ही तबीयत बिगड़ गई।
उसके सीने में दर्द शुरू हो गया। परिजन पवन को मेरठ के निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे। जहां वह आईसीयू में भर्ती है। शनिवार को भाकियू अराजनैतिक के लोगों ने एसडीएम से शिकायत करते हुए आरोपी लेखपाल को बर्खाश्त करने की मांग की। मांग पूरी नहीं होने पर संगठन ने आंदोलन की चेतावनी दी है। इस मौके पर हनीफ राणा, राजीव राणा, भूपेंद्र कुमार, राजाद ठाकुर आदि मौजूद रहे।
बेटे को डिस्चार्ज कराकर लाया था किसान
किसान के भतीजे भूपेंद्र कुमार ने एसडीएम को बताया कि पवन के पुत्र को ब्रेन हैमरेज हो गया था। वह कई दिन से अस्पताल में भर्ती था। दो दिन पहले ही परिजन उसे अस्पताल से घर लेकर पहुंचे थे। तभी उन्हें सूचना मिली कि तहसील टीम कार्रवाई कर रही है।
कमिश्नर के आदेश धराशायी, सरकारी भूमि पर हो रहा अवैध निर्माण
हस्तिनापुर: ऐतिहासिक तीर्थ नगरी हस्तिनापुर में आबेडकर मार्केट के पीछे लगभग एक माह पूर्व एक सेवानिवृत्त फौजी ने निर्माण करना शुरू कर दिया। दरअसल, सेवानिवृत्त फौजी के पास महज 60 गज जमीन का मालिकाना हक है और वह इसके अलावा भी सरकारी जमीन पर कब्जा कर निर्माण कर रहा है। निर्माण शुरू करने के साथ ही नायब तहसीलदार सचिन कुमार के साथ नगर पंचायत कर्मियों ने निर्माण रुकवा दिया था और निर्माणकर्ता को सिर्फ मालिकाना हक वाली जमीन पर निर्माण करने को कहा था, लेकिन महज तीन दिन बाद फिर से सरकारी जमीन पर निर्माण चालू हो गया।
सरकारी भूमि पर लगातार हो रहे निर्माण की शिकायत हस्तिनापुर क्षेत्र के एदलपुर गांव निवासी राजेश पुत्र पीतम ने कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे. को शिकायती पत्र सौंपा। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसने नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी से शिकायत की तो उन्होंने अवैध निर्माण रोकने में असमर्थता जताई और एसडीएम ने भी अवैध कब्जे से पल्ला झाड़ लिया। अपर आयुक्त मंडल शमशाद हुसैन ने एसडीएम अंकित कुमार को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है। जिसके बाद निर्माण कार्य एक बार फिर रुक गया,
लेकिन दो दिन पूर्व सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण एक बार फिर शरू हो गया। कमिश्नर से शिकायत के बाद आंबेडकर मार्केट के पीछे हो रहे अवैध निर्माण की जांच नगर पंचायत और प्रशासनिक अधिकारियों ने की और शिकायतकर्ता को बताया कि जिस भूमि पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। उसके दस्तावेज महज 60 गज के है, लेकिन 100 गज भूमि पर निर्माण कार्य चल रहा है। जांच के बाद भी भूमि पर अवैध निर्माण एक बार फिर शुरू हो गया।