जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: कृषि कानूनों और किसानों के समर्थन में आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी विजय चौक से लेकर राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाल कर रहे हैं। हालांकि दिल्ली पुलिस ने बीच में प्रियंका गांधी और कांग्रेस नेताओं को रोक दिया और उन्हें हिरासत में ले लिया।
वहीं राष्ट्रपति से राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी और गुलाब नबी आजाद ने मुलाकात की। प्रियंका गांधी समेत दूसरे कांग्रेस नेताओ को मंदिर मार्ग थाने में रखा गया था, हालांकि अभी उन्हें हिरासत से छोड़ दिया गया है।
‘चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा किया’
चीन अभी भी भारत की सीमा पर है। चीन ने हजारों किलोमीटर की जमीन पर कब्जा कर लिया है। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी क्यों नहीं बोलते हैं, वो चुप क्यों हैं?
‘भारत में लोकतंत्र नहीं’
मार्च के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि देश में कोई लोकतंत्र नहीं है, ये सिर्फ कल्पना में हो सकती है लेकिन वास्तव में नहीं है। नेताओं को हिरासत में लेना इस सरकार के कार्यकाल में सामान्य बात है।
क्रोनी पूंजावादियों के लिए पैसा बना रहे पीएम मोदी: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि आपके पास एक अक्षम शख्स है, जो कुछ भी नहीं समझता और सिस्टम को उन तीन-चार लोगों के पक्ष में चला रहा है, जो सब समझते हैं। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि पीएम मोदी क्रोनी पूंजीवादियों के लिए पैसा बना रहे हैं। जो भी उनके खिलाफ खड़ा होगा, उसे आतंकवादी बताया जाएगा, चाहे वो किसान हो या मजदूर हों।
वहीं राहुल गांधी ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री को बताना चाहता हूं कि ये किसान तब तक नहीं उठेंगे, जब तक ये तीनों कानून वापस नहीं लिए जाएंगे। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि संसद का संयुक्त सत्र बुलाया जाए और इन तीनों कानूनों को वापस लिया जाए। विपक्षी पार्टियां किसान और मजदूरों के साथ खड़ी हैं।
Delhi Police take Priyanka Gandhi and other party leaders to Mandir Marg Police Station in New Delhi. https://t.co/YHBbXmF8nC pic.twitter.com/IDKwfV7N3a
— ANI (@ANI) December 24, 2020
राष्ट्रपति को सौपा ज्ञापन: राहुल
ये कानून जबरदस्ती थोपे गए हैं। हमने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का ज्ञापन सौंप दिया है, इसमें करोड़ों किसानों के हस्ताक्षर सौंपे गए हैं। हमने राष्ट्रपति को बताया कि ये कानून किसान विरोधी कानून हैं। देश ने देखा है कि किसान इन कानूनों के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं।
सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाला देशद्रोही: प्रियंका
इस पर प्रियंका गांधी ने कहा कि किसानों के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करना पाप है, अगर सरकार उन्हें देशद्रोही कह रही है तो सरकार पापी है। प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि हम लोकतंत्र में रहते हैं और वो चुने गए सांसद हैं और उन्हें राष्ट्रपति से मिलने का अधिकार है। सरकार उन लाखों किसानों की आवाज सुनने को तैयार नहीं है।
कभी-कभी वो लोग कहते हैं कि हम इतने कमजोर हैं कि हम विपक्ष की भूमिका भी ढंग से नहीं निभाते और कभी वो कहते हैं कि विपक्ष ने एकजुट होकर एक महीने से किसानों को एकजुट करके रखा है। पहले उन्हें निश्चय करना चाहिए कि हम क्या हैं?
इससे पहले प्रियंका गांधी ने दिल्ली पुलिस द्वारा रोके जाने पर आपत्ति दर्ज कराई थी और कहा था कि इस सरकार के खिलाफ किसी भी विरोध का आतंक के तत्वों में वर्गीकृत किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि हम किसान के समर्थन में आवाज बुलंद करने के लिए यह मार्च कर रहे हैं।
Delhi Police take Priyanka Gandhi and other Congress leaders into custody.
They were taking out a march to Rashtrapati Bhavan to submit to the President a memorandum containing 2 crore signatures seeking his intervention in farm laws issue. https://t.co/YHBbXmF8nC pic.twitter.com/SBB8BwyJ1P
— ANI (@ANI) December 24, 2020
राहुल गांधी का ट्वीट, अन्नदाता का साथ देना होगा
‘भारत के किसान त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा।’’
We're living in democracy & they are elected MPs. They have the right to meet the President & they should be allowed. What is problem with that? Govt is not ready to listen to voices of lakhs of farmers camping at borders: Congress' Priyanka Gandhi after being stopped by police pic.twitter.com/DhUcTiWfLI
— ANI (@ANI) December 24, 2020
जिनके पास अनुमति, वही नेता जाएंगे: एसीपी
चाणक्यपुरी एसीपी प्रज्ञा ने कहा कि जिन नेताओं को अनुमति दी गई है, सिर्फ वही नेता राष्ट्रपति भवन जाएंगे।
कांग्रेस को नहीं मिली अनुमति: डीसीपी
नई दिल्ली के डीसीपी दीपक यादव का कहना है कि आज के लिए कांग्रेस पार्टी को राष्ट्रपति भवन तक मार्च करने की अनुमति नहीं दी गई है। हालांकि जिन तीन नेताओं के पास अनुमति पत्र है, वो राष्ट्रपति भवन जाएंगे।