जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बीते पांच सालों में मेरठ में आग के 3322 हादसों में 17 की मौत के बावजूद फायर ब्रिगेड महकमे के अफसर बगैर एनओसी के चल रहे भवनों पर कार्रवाई को लेकर कतई गंभीर नहीं है। आग हादसों व उनमें होने वाली मौतों के जिन आंकड़ों का जिक्र किया गया है वो खुद सीएफओ ने दिए हैं। हालांकि यदि गैर सरकारी आग हादसों की संख्या की बात की जाए तो फरवरी 2025 तक बीते पांच साल में हजारों आग हादसे हो चुके हैं। इसके बावजूद बगैर एनओसी के चल रहे भवनों पर कार्रवाई के लिए अग्नि संबंध विभाग तैयार नहीं है। स्थिति कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा भी इसी बात से लगाया जा सकता है कि मेरठ में कितने भवन ऐसे हैं जिन पर फायर एनओसी नहीं है। कितने भवन जिन पर फायर एनओसी नहीं है उनके खिलाफ नोटिस, चालान व एफआईआर या अन्य कार्रवाई की गई हैं। इस प्रकार की कार्रवाईयों के बाद कितने भवन स्वामियों ने फायर एनओसी के लिए आवेदन किया है। बीते पांच सालों में साल दर साल कितनी फायर एनओसी जारी की गयी हैं। इस प्रकार की कोई भी जानकारी फायर बिग्रेड के अफसर देने को तैयार नहीं है। जनवाणी संवाददाता ने जो जानकारी फायर अफसरों से मांगी, उसमें किसी संस्था या व्यक्ति विशेष को लेकर जानकारी नहीं मांगी गयी बल्कि सिर्फ केस संख्या की जानकारी चाही, जिसको संस्था व व्यक्तियों की व्यक्तिगत सूचना बता कर जानकारी से इंकार कर दिया।
सीएफओ को चार बार राज्य सूचना आयोग की फटकार
सूचना न देने पर लग चुकी है। इतना ही नहीं यहां तक चेतावनी दी गयी कि यदि यही रवैया रहा तो 25 हजार का जुमार्ना कर दिया जाएगा। राज्य सूचना आयोग की लगातार फटकारों के बाद भी सीएफओ व इससे जुड़ें दूसरे अधिकारी अपना रवैया बदलने को तैयार नहीं। जारी किए गए हैं। शहर में होटल, कोचिंग सेंटर, नर्सिंगहोम, बगैर किसी मानचित्र के बनाए जाने वाले अवैध कांप्लेक्स की कुल संख्या हजारों में है, लेकिन उसके बाद भी सीएफओ के स्तर से किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है। कार्रवाई के सवाल पर व्यक्तिगत बताकर कुछ भी बताने से इंकार कर दिया जाता है। मेरठ में तैनात रहे पूर्व सीएफओ संतोष राय के लंबे कार्यकाल में बड़ी संख्या में बगैर फायर एनओसी वाले भवनों का निर्माण हुआ। बगैर फायर एनओसी जब कोई भवन बनकर तैयार हो जाता है कि तो इसके पीछे क्या खेल होता है यह आसानी से समझा जा सकता है।
पांच साल के आंकड़े
साल 2020-497-अग्निकांड-मृतकों की संख्या पांच
साल 2021-671-अग्निकांड-मृतक की संख्या पांच
साल 2022-664-अग्निकांड-मृतक की संख्या दो
साल 2023-635-अग्निकांड-मृतक की संख्या एक
साल 2024-857-अग्निकांड-मृतक की संख्या चार
साल 2025-फरवरी-96-अग्निकांड-मृतक कोई नहीं
ये आंकड़े इस साल के फरवरी माह तक के हैं। शहर में फरवरी माह के बाद भी कई बडे़ आग हादसे हो चुके हैं। आयल डिपो में आग का हादसा इन बडे़ अग्निकांड में शामिल हैं। बाईपास स्थित मिरास बिस्ट्रो जो बगैर एनओसी के संचालित किया जा रहा है, उसमें भी दोबारा आग लग चुकी है।
कमिश्नर से की अधिवक्ता ने मोटर्स शोरूम मालिक की शिकायत
बच्चा पार्क क्षेत्र स्थित एक मोटर्स शोरू म के मालिक पर सीनियर अधिवक्ता रामकुमार शर्मा ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कमिश्नर से कार्यालय में उसकी शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के नियमों और मेरठ विकास प्राधिकरण की महायोजना का खुला उल्लंघन करते हुए एक विशाल कमर्शियल कांप्लेक्स का अवैध निर्माण किया है। आरोप है कि यह निर्माण रेजिडेंशियल प्लॉट्स को जोड़कर और बिना लैंड यूज बदले किया गया है, जिससे न केवल सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हुआ है बल्कि स्थानीय लोगों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल दिया गया है। जिस जमीन पर निर्माण किया गया है वह रेजिडेंशियल प्रयोजन के लिए निर्धारित थी। अलग-अलग प्लॉट्स के लिए नक्शे मंजूर कराए गए, लेकिन मौके पर इन सभी प्लॉट्स को जोड़कर एकल तीन मंजिला इमारत का निर्माण कर दिया गया। यह पूरी प्रक्रिया बिना लैंड यूज परिवर्तन के की गई, जिससे नियमों का घोर उल्लंघन हुआ। विशेषज्ञों की मानें तो इस तरह की संरचना आसपास के क्षेत्र के लिए कभी भी दुर्घटना का कारण बन सकती है। कमिश्नर ने जांच के आदेश दिए।