- मिक्सोपैथी को बताया जानलेवा, बोले-सरकार वापस ले आदेश अन्यथा, अनिश्चितकालीन आंदोलन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: आयुर्वेद और यूनानी सरीखे चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति देने के सरकार के फैसले के खिलाफ बुधवार को एलोपैथी चिकित्सक भूख हड़ताल पर रहे। आईएमए परिसर में भूख हड़ताल पर बैठ चिकित्सकों तमाम सीनियर चिकित्सक शामिल रहे।
जिनमें आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डा. महेश बंसल भी शामिल रहे। इनके अलावा डा. अनिल कपूर, डा. मीनाक्षी त्यागी, डा. शिशिर जैन, डा. संदीप जैन, उमंग अरोड़ा सरीखे सीनियर भी शामिल रहे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं व मरीजों के जीवन को बचाने के लिए भूख हड़ताल जैसा कठोर कदम उठाना पड़ रहा है।
देश का स्वास्थ्य उसकी स्वास्थ्य सेवाओं पर निर्भर करता है। इनमें आयुर्वेद, यूनानी पद्धति अनुसंधान पर आधारित है। इनका स्वागत करते हैं और यह चाहते हैं कि हर पद्धति प्रयास करें कि लोग अधिक विश्वास करें, लेकिन इनको बढ़ावा देने के बजाए सरकार ने मिक्सो पैथी का तरीका निकाला है। जिसमें की हर पद्धति का इलाज करने का तरीका जो कि अलग-अलग है उसको एक करने का तरीका है।
जैसा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020, सीसीआईएम नोटिफिकेशन की 20 नवंबर 2020 में विदित है। नीति आयोग ने इसके लिए विभिन्न कमेटियां बना दी है। आईएमए यह स्वीकारता है कि भारतीय जनता को विभिन्न तरह की बीमारियों के लिए विभिन्न पद्धतियों की जरूरत पड़ती है, लेकिन हम एक चिकित्सक को विभिन्न पद्धतियों लारा इलाज का विरोध दर्ज करते हैं।
इससे इलाज की सुरक्षा और गुणवत्ता पर फर्क पड़ेगा। आईएमए पॉली पैथी का समर्थन करता है और मिक्सो पैथी और खिचड़ी फिकेशन का विरोध करता है। आईएमए ने एक आंदोलन मिक्सौपैथी के खिलाफ शुरू किया है। आईएमए सरकार से यह अपील करता है कि सरकार को चिकित्सकों की पीड़ा और आम जनता की सुरक्षा को समझना चाहिए। आईएमए ने आठ और 11 दिसंबर को पूरे भारतवर्ष में विरोध दर्ज कर किया है। सरकार इससे पीछे नहीं हट रही, इसलिए आंदोलन पर विवश हैं। पूरे भारत में रिले भूख हड़ताल एक फरवरी से 14 फरवरी तक प्रस्तावित है।