- सालभर से नहीं मिल रही सब्सिडी, महिलाओं ने बढ़े दामों को लेकर किया हंगामा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: गैस सिलेंडर पर बढ़े दामों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। गैस सिलेंडर के दाम बीते चार में माह में दो बार बढ़ चुके हैं। पिछले चार में माह में अब तक सिलेंडर पर 125 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। जिसने आम आदमी की कमर तोड़कर रख दी है। इसका असर घर की रसोई से लेकर बाजार तक में दिखाई पड़ रहा है। बढ़े दामों को लेकर गुरुवार को बच्चा पार्क पर प्रदर्शन भी किया गया।
महंगाई दिन-पर-दिन बढ़ती जा रही है। घर की रसोई में इस्तेमाल होने वाली हर चीज के दाम बढ़ते जा रहे हैं। सबसे ज्यादा कमर तो गैस सिलेंडर के दामों ने तोड़ी है। गैस सिलेंडर के दामों में इतनी तेजी से वृद्धि हुई है कि आम आदमी इस विषय में सोच भी नहीं सकता।
तेजी से बढ़े दाम
गैस सिलेंडर के दाम अक्टूबर नवंबर 2020 में 592 रुपये थे। इसके बढ़ते-बढ़ते ये दाम फरवरी माह 2021 में 692 हो गये। पूरे 100 रुपये गैस सिलेंडर पर बढ़ गये, लेकिन इतने से क्या होने वाला था। अब गैस सिलेंडर के दाम इस माह फिर से बढ़े जो अब 717 रुपये पर पहुंच गये हैं। पिछले वर्ष अक्टूबर से अब तक तेजी से गैस के दाम में वृद्धि हुई। पूरे 125 रुपये सिलेंडर पर बढ़ गये। जिसने आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी। इसका सीधा असर रसोई पर पड़ा।
सब्सिडी भी हुई बंद
केन्द्र सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी को भी बंद हुए एक वर्ष होने को है और उसके अब शुरू होने की भी कोई उम्मीद नहीं है। पिछली बार जब सब्सिडी मिली थी तब गैस के दाम 700रुपये थे जिसमें से 164 रुपये सब्सिडी के तोर पर ग्राहक के खाते में वापस पहुंच जाते थे, जिससे आम आदमी को थोड़ी राहत पहुंचती थी, लेकिन अब गैस के दाम बढ़ रहे हैं और सब्सिडी भी बंद हो गई है जिससे दुगना नुकसान हो रहा है।
गैस सिलेंडर के बढ़े दामों को लेकर किया प्रदर्शन
बढ़ती महंगाई को लेकर गुरुवार को समाजवादी युवजन सभा के पूर्व महानगर अध्यक्ष सरदार परविन्दर सिंह ईशू के नेतृत्व में बच्चा पार्क पर प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में हर वर्ग परेशान है। गैस सिलेंडर और पेट्रोल के दाम बढ़ रहे हैैं।
इस दौरान उन्होंने गैस सिलेंडर को फांसी दी और अंगीठी जलाकर रोटी बनाई। उन्होंने बढ़े दामों का विरोध किया। इस दौरान पूर्व पार्षद दल नेता अफजा सैफी, जानू चौधरी, जयकरण, विजय यादव, ओम प्रकाश यादव, जयकरण, दीपक, राजीव, पुष्पा, समित आदि मौजूद रहे।
पेट्रोल के बाद अब रिफाइंड तेलों में लगी ‘आग’
कोरोना काल में बाजार भले ही थोड़ा सुस्त रहा हो, लेकिन नये साल की शुरूआत से रोजमर्रा के दामों में इस कदर उछाल आ रहा है कि आम आदमी की जेब ढीली हो रही है। पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार हो रही वृद्धि के बाद रोजमर्रा के खाने में हम भूमिका निभाने वाला रिफाइंड तेल के दाम लगातार बढ़ रहे है। व्यापारियों का खुद कहना है कि उनको यह नहीं पता चल पा रहा कि अचानक रिफाइन तेलों के दाम क्यों बढ़ रहे हैं।
सात जनवरी में सरसों के तेल का 15 लीटर के टीन में करीब 60 रुपये वृद्धि हुई थी। इसी प्रकार पामोलीन में करीब 50 रुपये और सोयाबीन में लगभग 10 से 15 रुपये प्रति टीन की बढ़ोतरी हुई थी। सरसों के तेल की कीमत बढ़कर 2150 रुपये 15 लीटर का टीन हो गयी थी। वहीं, रिफाइंड 1850 रुपये 15 किलो का टीन और पामोलीन के 15 किलो का टीन हो गया था।
दैनिक उपयोग की वस्तुओं को लेकर अब मेरठ के लोगों की जेब अधिक ढीली होगी। ऐसा इसलिए कि सरसों के तेल, सोयाबीन, फार्च्यून यानी रिफाइंड और पामोलीन की कीमतों में फिर वृद्धि हुई है। रेट बढ़ना अभी जारी है। इधर दो-तीन दिनों में इन सामग्रियों की कीमतों में फिर वृद्धि हुई है। सरसों के तेल का 15 लीटर के टीन में करीब 60 रुपये वृद्धि हुई है।
इसी प्रकार पामोलीन में करीब 50 रुपये और सोयाबीन में लगभग 10 से 15 रुपये प्रति टीन की बढ़ोतरी हुई है। इस वक्त सरसों के तेल की कीमत बढ़कर 2150 रुपये 15 लीटर का टीन हो गया है। वहीं, रिफाइंड 1850 रुपये 15 किलो का टीन और पामोलीन के 15 किलो का टीन हो गया है। गुरुवार को सरसों का तेल 2090, रिफाइंड 1840 और पामोलीन 1840 रुपये 15 किलो के टीन की कीमत 1940 रुपये हो गई है।
थोक रेट में वृद्धि होने से फुटकर में भी सरसों का तेल जो 145 रुपये प्रति लीटर, पामोलीन 130 रुपये प्रति लीटर में था, अब इनकी कीमतों में भी करीब 10 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी होने की संभावना है। पामोलीन मलेशिया से आता है। आयात शुल्क में वृद्धि होने के कारण इसमें बढ़ोतरी होना समझ में आ रहा है।
हालांकि रिफाइंड और सरसों के तेल में इतनी वृद्धि क्यों हो रही है, यह समझ से परे है। उनका कहना है कि इसके पहले तेल, रिफाइंड और पामोलीन की कीमतों में इतनी बढ़ोतरी कभी नहीं हुई। सरकार को इनकी कीमतों की वृद्धि पर नियंत्रण लगाना चाहिए। सदर स्थित सुरभि स्टोर के अमित कंसल ने बताया कि रिफाइंड तेल की कीमतों में दो तीन दिनों में पांच रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है।
फार्च्यून तेल पहले 1780 रुपये प्रति 15 लीटर था जो अब 1850 रुपये प्रति टीन हो गया है। अच्छी क्वालिटी का सरसों का तेल 140 रुपये प्रति लीटर तक बिक रहा है। गुप्ता स्टोर्स के नितिन गुप्ता का कहना है कि रिफाइंड तेलों के दामों में लगातार उतार चढ़ाव चल रहा है, लेकिन जिस तरह से पांच रुपये प्रति लीटर दाम बढ़े हैं वो समझ नहीं आ रहे हैं।