Tuesday, June 17, 2025
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सोई हुई किस्मत की घड़ी है, बिगड़ी हुई तकदीर बनाने की घड़ी है

  • जोगीरम्पुरी दरगाह पर धूम धाम से मनाया अली-डे

जनवाणी संवाददाता |

नजीबाबाद: जानशीने पैगम्बर और शियाओं के पहले इमाम मौलाये कायनात हजरत अली इब्ने अबी तालिब का जन्म दिन के बहुत ही अकीदत और खुलूस के साथ मनाया गया। इस मौके पर दरगाह परिसर में अली डे पर आतिशाबाजी भी की गई। उसके बाद कार्यक्रम का प्रारंभ हाफिज मोहम्मद मिकदाद तिलावते कलाम-ए- पाक से किया।

महफिल का आगाज नाते पाक से अली इमाम अस्र ने पढ़ कर की। उन्होंने कहा कि सोई हुई किस्मत की घड़ी है, बिगड़ी हुई तकदीर बनाने की घड़ी है। गुलशन बिजनौरी ने कहा कि दिलो दिमागों नजर में रहे तो अच्छा है, अली का नाम सफर मे रहे तो अच्छा है।

हैदर किरतपुरी ने कहा कि कारगर होता नहीं मुझ पर किसी मरहब का वार, क्योंकि मेरी मां ने मेरा नाम हैदर रख दिया। इसके अलावा शहंशाह बिजनौरी,ने कहा अगर अली की अदावत मे मौत आजाये, तो मौत, मौत नहीं होंगी, खुदकशी होंगी।

वकार सुल्तानपुरी, राकिम नौगांवी, शमीम ईलाहाबादी, खुर्शीद मुजफ्फर नगरी, नसीमुल बाकरी, तकी नौगांवी शरफ आदि के भी शेरो को काफी सराहा गया। दरगाह कमेटी के सचिव जफर मुज्तबा ने दूर दराज से आये तमाम शायरों और जायरीनों का शुक्रिया अदा किया।

इस मौके पर कमेटी के संरक्षक मौलाना कोकब मुज्तबा, विशाल मेहदी, असद अब्बास, रजा अब्बास, कुदरत हुसैन, आजम अब्बास, मोहम्मद कुमैल आब्दी, जिया अब्बास आब्दी, साबिर रजा, इसरार जैदी, मोजिज अब्बास, शबी हैदर, सिकंदर अब्बास आदि मौजूद रहे। महफिल की निजामत मौलाना अहमद रजा बिजनौरी ने की। महफिल की अध्यक्षता दरगाह के अध्यक्ष मुजाहिद हुसैन नकवी ने की।

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