Monday, January 20, 2025
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नियमों के दायरे में भगवान परशुरामेश्वर के सोमवार से होंगे दर्शन

  • पांच महीने से बंद थे पुरा गांव स्थित परशुरामेश्वर मंदिर के कपाट
  • मंदिर समिति ने मीटिंग कर मंदिर खोलने का लिया निर्णय
  • एक बार में पांच शिवभक्त ही कर सकेंगे प्रवेश

जनवाणी संवाददाता |

बालैनी: पुरा महादेव मंदिर (परशुरामेश्वर मंदिर) के कपाट अब खुलने जा रहे हैं। करीब पांच महीने से बंद मंदिर के कपाट सोमवार से खोलने का निर्णय मंदिर समिति ने लिया है।

एक बार में पांच श्रद्धालु ही कोरोना नियमावली का पालन करते हुए मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। यही नहीं जलाभिषेक करने के लिए अपने घर से ही जल लाना होगा। साथ ही शिवलिंग पर प्रसाद, फूल-पत्ती आदि चढ़ाने पर पाबंदी रहेगी। शिवलिंग को छूना भी प्रतिबंधित रहेगा।

कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन मार्च में लग गया था। उसी दौरान मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए गए थे। श्रद्धालुओं के लिए भी मंदिर के कपाट नहीं खोले गए थे। इस बीच कई बड़े उत्सव भी गए। शिवरात्रि भी इसी बीच गुजर गई, लेकिन पुरा महादेव मंदिर पर इस बार जलाभिषेक नहीं हो सका था।

हर साल लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालु इस बार मायूस हुए थे। क्योंकि कोरोना के चलते पाबंदियां भी खूब थी। अब आनलाइन हो रहा है और धीरे-धीरे सभी व्यवस्थाएं पटरी पर आ रही हैं। श्रद्धालु भी मंदिर के कपाट खुलने का इंतजार लंबे समय से कर रहे हैं। क्योंकि यहां की मान्यता दूर-दराज तक है और भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। श्रद्धालुओं का यह इंतजार अब खत्म होने जा रहा है, क्योंकि मंदिर समिति ने सोमवार से कपाट खोलने का निर्णय लिया है।

रविवार को मंदिर समिति की मीटिंग हुई और कपाट खोलने का निर्णय लिया। मंदिर समिति सचिव संजीव शर्मा ने बताया कि मंदिर के कपाट खोलने का निर्णय हुआ है। साथ ही कोरोना महामारी के चलते नियमों का सख्ती से पालन कराने की भी तैयारी की गई है।

मंदिर में एक बार में केवल पांच ही श्रद्धालु प्रवेश कर सकेंगे। बिना मास्क कोई भी श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकेगा। प्रसाद, फूल व पत्ति आदि सहित अन्य सामानों को लाने पर प्रतिबंध रहेगा। शिवलिंग को छूने पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी। जो श्रद्धालु अपना जल अपने साथ लेकर आएगा वही भगवान आशुतोष पर जल चढ़ा सकेगा।

मंदिर से जल भरने के लिए लोटा नहीं दिया जाएगा। सुबह पांच बजे से दोपहर 3 बजे तक जल चढ़ेगा। उसके बाद श्रद्धालु सिर्फ श्रृंगार हुए भगवान आशुतोष के दर्शन कर सकेंगे। बताया कि मंदिर में सेनेटाइजर की व्यवस्था भी की गई है।

सेनेटाइजेशन पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने अपील की है कि सभी श्रद्धालु कोरोना महामारी के नियमों का पालन करते हुए मंदिर परिसर में प्रवेश करें। जो नियमों का उल्लंघन करेगा उसे प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

मीटिंग में कमेटी उपाध्यक्ष इंद्रपाल मलिक, सतीश चंद्र गर्ग, अंकुर शर्मा, किरण सिंह, धर्मवीर मलिक, अंकुर शर्मा, टीपी शर्मा, अनिल शर्मा आदि मौजूद रहे।

पहली बार सावन में बंद रहा था मंदिर

पुरा महादेव मंदिर का नाम आते ही आस्था का अटूट संगम दिखाई देना लगता है। यहां आस्था का सैलाब रिकार्ड तोड़ संख्या में आता है। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब सावन माह में पुरा महादेव मंदिर के कपाट बंद हो और यहां शिवभक्तों का तांता न लगा हो।

साल में यहां दो मेले आयोजित किए जाते हैं। सावन माह में यहां भक्तों की आस्था अलग ही नजर आती है। शिवरात्रि पर लाखों की संख्या में आस्था का सैलाब यहां आता है और जलाभिषेक करता है। उस सैलाब को रोकना पुलिस-प्रशासन के लिए कड़ी चुनौती होता है। लेकिन इस बार न मेला लगा और न ही यहां शिवभक्त आए।

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