Saturday, June 14, 2025
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त्रिगह्री नक्षत्र और ब्रह्म योग में है इस बार मकर संक्रांति

  • पंचांग भेद के चलते दो दिन होगी इस बार मकर संक्रांति

जनवाणी संवाददाता |

सहारनपुर: वैसे तो हर साल 14 जनवरी को मकर सक्रांति मनाई जाती है। लेकिन इस बार पंचाग में भेद के चलते दो दिन यानी 14 व 15 जनवरी को मकर सक्रांति मनाई जाएगी। आचार्य शुभम कौशिक ने बताया कि मार्तंड, शताब्दी पंचाग के अनुसार 14 जनवरी को सूर्य दिन में 2:43 उत्तरायण होंगे और मकर राशि में प्रवेश करेंगे।

पुण्यकाल 14 जनवरी को दिन में 2:43 से सांयकाल 5:34 तक रहेगा। वहीं महावीर पंचांग के अनुसार 14 जनवरी की रात्रि 8 :49 पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। सूर्यास्त के बाद सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करते हंै तो संक्रांति होने पर पुण्यकाल अगले दिन मान्य होता है। इस पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी।

सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के दिन मकर सक्रांति मनाई जाएगी। मकर सक्रांति के दिन दान-पुण्य व पूजा पाठ का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्यदेव दक्षिणायन से उत्तरायण दिशा की ओर हो जाती है। इसक असर यह होता है कि दिन लंबे और रातें छोटी होने लगती है।

हालांकि इस बार मकर राशि में प्रवेश को लेकर भेद है लिहाजा त्योहार दो दिन 14 व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। आचार्य शुभम कौशिक ने बताया कि सूर्य जब धनु राशि में यात्रा करते हैं तो उस समय खरमास लग जाता है। इस कारण शुभ कार्यों नहीं होते हैं। जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते है तो सभी तरह के मांगलिक कार्य शुरु हो जाते हैं।

मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व

मकर संक्रांति पर सुबह-सुबह गंगा स्नान करने और गरीबों व जरुरतमंदों तिल, खिचड़ी और कपड़े का दान करना चाहिए। मान्यता है कि मकर संक्रांति पर तिल का दान करने से शनि दोष से मुक्ति मिल जाती है और नहाने के बाद सूर्य को जल अर्पित करने से सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है।

त्रिग्रही योग का बन रहा अद्भुत संयोग

आचार्य शुभम कौशिक ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन रोहणी नक्षत्र और ब्रह्म योग बन रहा है। यह खास संयोग कई राशियों के लिए शुभ परिणाम लेकर आएगा। सूर्य के मकर राशि में आने से मकर संक्रांति के दिन 29 वर्ष बाद 3 ग्रहों का संयोग बनेगा।

जिसमें सूर्य, बुध और शनि तीन ग्रहों की युति से त्रिग्रही योग बनेगा। ज्योतिषानुसार अगर कुंडली में सूर्य शनि का दोष है तो मकर संक्रान्ति पर्व पर सूर्य उपासना से पिता पुत्र के खराब संबंध अच्छे होते है। सूर्य के अच्छे प्रभाव से यश, सरकारी पक्ष और पिता से लाभ व आत्मविश्वास बढ़ता है।

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