- अकेले जाट बिरादरी राजनीति में कुछ हासिल नहीं कर सकती
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह जैसे नेता अब पैदा नहीं होते। उन्होंने कहा कि अकेले जाट बिरादरी राजनीति में कुछ हासिल नहीं कर सकती। जाटों को दूसरी जाति को अपने साथ लेकर चलना होगा, तभी कामयाबी मिल सकती हैं।
रविवार को जाट महासभा द्वारा आयोजित सम्मान कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कोई भी अकेली बिरादरी राजनीतिक परिणाम नहीं दे सकती। हमें किसी के साथ चलना पड़ेगा या किसी को अपने साथ चलाना पड़ेगा। दुर्भाग्य से हम इस काम में निपुण नहीं हैं, हम न किसी के साथ चलने को तैयार है न किसी को अपने साथ चलानें में कामयाब हैं।
उन्होंने कहा यह विचार दिमाग से निकाल दो राज्य को हम लीड नहीं कर सकते। चौधरी साहब जैसे नेता अब पैदा नहीं हो सकते। चौधरी चरण सिंह पर कहा कि जब वह लोकदल से अलग हुए और अपनी अलग पार्टी बनाई तो उनके नेतृत्व में पहला चुनाव 1969 में हुआ इसके बाद 74, 77, 80 व 85 में हुए चुनाव चौधरी साहब ने अपनी ताकत के बल पर लड़े और जीते। उस समय हम भी उनके साथ थे और हमारी पार्टी का नाम जनसंघ था। भूपेन्द्र चौधरी ने कहा 1977 का चुनाव संयुक्त जनता पार्टी का चुनाव था,
जिसमें लोकदल के साथ हम भी थे और हमारी पार्टी जनसंघ बड़ी पार्टी के रूप में उभर रही थी। हम सरकार तो नहीं बना सके लेकिन हमारी सीटों की संख्या भी अच्छी-खासी थी। लोकसभा में विधानसभा में हमारी पार्टी का अच्छा प्रदर्शन था, लेकिन कुछ समय बाद हमारी सीटें शून्य होने लगी थी। हमारी बड़ी सीटों पर भी दूसरे दलों के लोग जीतने लगे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने जाट समुदाय को एक होने का आह्वान करते हुए कहा वह बीस साल से भाजपा चला रहे हैं, जो आप सोचते हो वह मैं भी सोचता हूं।
भावनाएं अलग नहीं है, समाजिक विषय को लेकर हम एक ही समाज से है, लेकिन जब राजनीतिक बात करते है तो उसमें परिणाम मायने रखता है। हार का कोई मोल नहीं-जीत का कोई मोह नहीं। जाट समुदाय को सोचना चाहिए कि जब चुनाव जीततें है तो कितनी खुशी होती है और जब चुनाव हारते है तो कितना दुख। कार्यक्रम में ब्रजपाल सिंह, रविंन्द्र मलिक, चौधरी अमर सिंह, चौधरी एचपी सिंह परिहार, चौधरी सुभाष, चौधरी जगत सिंह, यशवीर सिंह, जितेन्द्र चिकारा, जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी आदि मौजूद रहे।