- आरोपी डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सीएमओ से मिले पीड़ित
- आपरेशन करने वाले डाक्टर पर लगाया अपने डिग्री छिपाकर धोखे का आरोप
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: गलत नस काटकर युवक का जीवन खतरे में डालने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने सीएमओ से मिलकर आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। ईशापुरम निवासी ज्ञानचंद ने बताया कि उन्होंने 23 अप्रैल को अपने पुत्र की एलएलआरएम मेडिकल कालेज के सीटी स्कैन व प्राइवेट लैब की रिपोर्ट आॅन लाइन डा. नीरज गोयल को आन लाइन जांच के लिए भेजी थीं।
23 जून को उन्हें एमआरआई रिपोर्ट भेजी गई थी। ज्ञानचंद्र का कहना है कि जब उन्होंने डा. नीरज गोयल से सलाह ली तो उन्होंने खुद को गेस्ट्रो सर्जन बताया। 25 जून 2023 को उन्होंने अपने पुत्र को डा. नीरज के कहने पर युग नर्सिंगहोम में भर्ती करा दिया। अगले दिन 26 जून को शाम छह बजे नर्सिंगहोम का स्टाफ उनके पुत्र को आपरेशन थियेटर में ले गए। सीएमओ को दिए शिकायती पत्र में ज्ञानचंद ने आरोप लगाया कि आपरेशन के दौरान डाक्टरों ने उनके पुत्र के पेक्रियाज के आपरेशन के दौरान अल्ट्री की नस को गलत रूप से काट दिया।
उसके अगले दिन एक रेफर लेटर बना दिया जो इंग्लिश में लिखा था और कहा कि मरीज को दिल्ली में ले जाओ मेरठ में इलाज नहीं हो सकता। अगले दिन परिजन मरीज को लेकर नई दिल्ली के जीबी पंत में ले गए। एम्बुलेंस वाले ने मेरठ से दिल्ली जीबी पंत के 14 हजार व वहां से राम मनोहर लोहिया के तीन हजार अलग से तथा वहां से एम्स न्यू दिल्ली के पांच हजार अलग से लिए। उसके बाद दिल्ली से मेरठ के सात हजार और ले लिए। दिल्ली में दिखाए जाने के बाद भी किसी अस्पताल में उसको एडमिट नहीं किया गया।
दिल्ली से रात में ही डा. धु्रव जैन गेस्टो सर्जन को आनंद हास्पिटल में संपर्क किया। इसके बाद 26 जून को अगले दिन आनंद में बच्चे को भर्ती कर दिया गया। 1 जुलाई को मरीज की छुटटी कर दी गयी। लेकिन मरीज के मुंह व गुदा रास्ते से खून का आना बंद नहीं हुआ। 8 जुलाई को दोबारा बच्चे को भर्ती किया गया। इतना इलाज कराने के बाद भी किसी ने यह नहीं बताया कि मरीज को परेशानी क्या है।
उसके बाद परिजनों ने एम्स ऋषिकेश में संपर्क किया। वहां से 13 जुलाई को रिप्लाई आया और कहा कि मरीज ले आओ साथ ही तीन डाक्टरों की लिस्ट भी दी जो उस वक्त वहां मौजूद थे। 14 जुलाई को मेरठ से छुट्टी कराने के बाद परिजन मरीज को लेकर 15 जुलाई को डा. राजेश कपूर गेस्टो सर्जन की आनंद में ओपीडी करायी तब कही जाकर पता चला कि जो सर्जरी डा नीरज ने की थी वो गलत हुई है। उसमें गलत नस काट दी गयी है।
इसके बाद उन्होंने कुछ डाक्टरों को दिखाए जाने की सलाह दी। उस सारे काम में परिवार की एक मोटी रकम खर्च हो गयी तब कहीं जाकर गलत रूप से काटी गयी नस को बंद कराया जा सका। पीडित ने सीएमओ से पूरे मामले की जांच कर गलत आपरेशन करने वाले डाक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने की मांग की है।