Sunday, September 8, 2024
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साइबर ठगों से बचने को एडीजी ने व्यापारियों को दिये टिप्स

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  • बैंक कभी पासवर्ड या खाता नंबर नहीं पूछते
  • बुजुर्गों को लालच देकर ठगा जा रहा
  • विद्युत कर्मचारी रात के वक्त कनेक्शन नहीं काटते

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: साइबर अपराधियों ने आतंक मचा रखा है और ऐसा कोई दिन नहीं जा रहा है जब लोग इनके शिकार होकर अपनी मेहनत की कमाई न लुटवा रहे हों। एक साल में छह हजार से ज्यादा लोग साइबर ठगों के शिकार हो चुके हैं। सोमवार को चैम्बर आॅफ कॉमर्स में अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ जोन राजीव सभरवाल ने कहा कि यदि हम जागरूक रहें, लालच में न आएं

और डरने की बजाय सावधानियां बरतें तो साइबर अपराधी न तो ठग सकेंगे और न ही निजता को प्रभावित कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि बैंक वाले पासवर्ड या फिर खाते से संबंधित गोपनीय जानकारी नहीं पूछते हैं। विद्युत निगम के कर्मचारी अचानक रात में कनेक्शन नहीं काटते हैं। बिना डाले लॉटरी नहीं निकलती है और बेवजह पैसा आपके खाते में नहीं आ सकता है। सरकार का आपके खाते पर स्ट्रांग लॉक लगा है। इसलिए आपकी लापरवाही और अनदेखी ही साइबर अपराधियों को मौका देती है।

भैंसाली बस अड्डे के सामने चेंबर आॅफ कॉमर्स में साइबर अपराध पर हुई कार्यशाला में मुख्य अतिथि एडीजी ने ऐसे कई सुझाव दिए। अध्यक्ष विजेंद्र अग्रवाल ने बिजली का कनेक्शन काटने, वीडियो कॉल या अन्य अलग-अलग तरीके से ठगी होने के बारे में बताया। संचालन कर रहे साइबर एक्सपर्ट इंस्पेक्टर सचिन सिंह ने बताया कि देशभर में साइबर अपराध बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 15 साल में बच्चों और किशोरों में ऐसे अपराध चार फीसदी बढ़े हैं। वीआईपी लोगों को वीडियो कॉल कर ठगा जा रहा है।

इसलिए अपने सोशल एकाउंट्स के पासवर्ड बदलते रहें। इनके बाद एडीजी ने कार्यशाला में आए लोगों को साइबर अपराध के बारे में करीब एक घंटे तक जरूरी जानकारियां दीं। एडीजी ने बताया कि पेंशनर्स व वरिष्ठ नागरिक ठगी के शिकार ज्यादा हो रहे हैं। उन्हें डर और लालच देकर ठगा जा रहा है। आपके बैंक खाते की जानकारी कब, कैसे जुटा लेते हैं, इसका आपको पता रहता है। आप जागरूक नहीं है तो खुद बैंक खाते की चाबी साइबर अपराधी को दे देते हैं। साइबर अपराधी अलग-अलग तरीके से आपके मोबाइल पर कॉल करते हैं।

बैंक अधिकारी, इंश्योरेंस अधिकारी, बिजली विभाग का कर्मचारी या अन्य विभाग अधिकारी कॉल और मेसैज करते हैं। लिंक भेजकर भी ठगा जा रहा है। बैंक, कंपनी या किसी भी विभाग की जानकारी लेने के लिए आॅनलाइन हेल्प लाइन नंबर संबंधित विभाग से वर्चुअल ही लें। गूगल से लिया हेल्पलाइन नंबर साइबर ठगों का हो सकता है। चैंबर आॅफ कॉमर्स एंड इंस्डस्ट्री के अध्यक्ष विजेंद्र अग्रवाल, महामंत्री विपिन अग्रवाल, उपाध्यक्ष अरुण कुमार अग्रवाल और राकेश रस्तौगी मौजूद रहे।

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