- पहली बार सीए फाइनल और इंटरमीडिएट का परिणाम एक साथ किया गया जारी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट आफ इंडिया ने मंगलवार को सीए फाइनल और इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया है। सीए फाइनल परीक्षा का आयोजन एक नवंबर से 16 नवंबर 2022 के बीच किया गया था। वहीं आईसीएआई इंटरमीडिएट परीक्षा का आयोजन दो से 17 नवंबर के बीच किया गया था। दोनों ही परीक्षाएं कोरोना महामारी के कारण आॅफलाइन मोड में आयोजित की गई थी। मेरठ के रिजल्ट की बात करे तो सीए फाइनल में कुल 398 छात्र-छात्राओं ने पेपर दिए थे।
जिसमें से दस बच्चों ने बोथ ग्रुप पास किया और 43 बच्चों ने फाइनल इंटर ग्रुप पास किया है। मेरठ में फाइनल के तीन टॉपर रहे है। जिसमें अदिति सिंघल 528 अंक 800 में से प्राप्त कर प्रथम रैंक प्राप्त की है तथा इसके बाद राही जैन जिन्होंने 800 में से 501 नंबर प्राप्त कर सैकेंड रैंक और दिव्यांशी खरे ने 800 में से 456 प्राप्त कर थर्ड रैंक हासिल की है। सीए अनुपम शर्मा के भतीजे असज शर्मा ने फाइनल में 800 में से 427 नंबर लिए है।
वहीं सीए इंटर के परिणाम की बात करे तो उसमें 449 बच्चों ने पेपर दिए थे, जिसमें 126 पास हुए है। बोथ ग्रुप में 11 बच्चे सफल रहे जबकि पहले ग्रुप में 54 बच्चे पास हुए है और दूसरे ग्रुप में 61 बच्चों ने सफलता प्राप्त की है। मेरठ से सीए इंटर में रोहित गुप्ता 560 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान पर रहे और स्पर्श सिंघल ने 557 अंक लाकर दूसरा स्थान प्राप्त किया। जबकि पलक अग्रवाल ने 484 अंक लाकर तीसरा स्थान लिया।
लक्ष्य ने भी प्राप्त की सीए फाइनल में सफलता
लक्ष्य गुप्ता ने भी सीए फाइनल के परीक्षा परिणाम में सफलता प्राप्त की है। उनके पिता मुकेश गुप्ता और मां रितु गुप्ता है। लक्ष्य ने बीकॉम आॅनर्स के बाद सीए की पढ़ाई की थी।
अदिति का कहना है कि अब मैं जॉब करना चाहती हूं। मगर उसके साथ-साथ में अपना स्टार्टअप खोलना चाहती हूं। अदिति ने बताया कि उनके दादा अशोक सिंघल का हापुड़ में अपना बिजनेस है और उनकी मां कल्पना सिंघल गृहिणी है। पढ़ाई के लिए ज्यादा समय देने की बजाय नोट्स बनाकर तैयारी करे तो आसानी से कोई भी परीक्षा पास की जा सकती है।
सीए फाइनल के परिणाम में राही जैन ने शहर में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। उनके पिता मयंक जैन हीरा बुलियंस के मालिक है। राही ने बताया कि उनका बचपन से ही सीए बनने का सपना था।
इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए उनके दादा अतुल जैन और दादी नीरा जैन के साथ मां और पिता का पूरा योगदान रहा है। राही अब गुड़गांव में नौकरी करना चाहती है।
दिव्यांशी खरे का कहना है कि लगन और मेहन से मुकाम को आसानी से हासिल किया जा सकता है। दिव्यांशी के पिता एमपी खरे शिक्षक पद से रिटायर्ड हो चुके हैं और उनकी मां मधु खरे होममेकर है। अब दिव्यांशी नौकरी करना चाहती है।
असज शर्मा का कहना है कि सीए की तैयारी के लिए अगर टेस्ट सीरिज पूरी कर ली जाए तो आसानी से मुकाम हासिल किया जा सकता है। असज के पिता लखनऊ प्राधीकरण में कार्यरत है और उनकी बड़ी बहन आशी शर्मा भी सीए है व मां गृहिणी है।