- गृहकर वसूली में लापरवाही करने वालों पर चला विभागीय चाबुक
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगरायुक्त मनीष बंसल पूरे तेवर में दिख रहे हैं। मंगलवार को गृहकर वसूली का लक्ष्य पूरा करने में लापरवाही करने वाले कर निरीक्षकों पर चाबुक चला दी। तीन गृहकर निरीक्षक व दो कर निर्धारिण अफसरों की सेवा पुस्तिका में खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि व वेतन देने पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी। नगरायुक्त की इस कार्रवाई से निगम अफसरों में हड़कंप मच गया।
मंगलवार को नगर आयुक्त ने नगर निगम स्थित सभागार में पीएम स्व: निधि योजना, गृहकर वसूली एवं पीटीएमएस के संबंध में बैठक की। बैठक के दौरान अपर नगर आयुक्त, परियोजना अधिकारी (डूडा), मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, समस्त कर निर्धारण अधिकारी, समस्त राजस्व निरीक्षक उपस्थित रहे।
पीएम स्व: निधि योजना की समीक्षा बैठक के दौरान पूर्व में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार कार्य में प्रगति न लाये जाने के कारण नगर आयुक्त ने असंतोष व्यक्त करते हुए समस्त कर अधीक्षकों को 25 फरवरी तक 15,000 स्ट्रीट वेन्डर के रजिस्ट्रेशन के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया।
पीटीएमएस के कार्य में मात्र छह टीमें लगाये जाने एवं कार्य में संतोषजनक प्रगति न होने के कारण कर्मचारियों की संख्या बढ़ाये जाने के निर्देश दिये। समीक्षा बैठक के दौरान गृहकर की वर्तमान डिमांड एवं बकाया धनराशि वसूली लक्ष्य के सापेक्ष संतोषजनक नहीं थी, जिस कारण नगर आयुक्त ने कार्य के प्रति लापरवाही, उच्च अधिकारियों के बैठक के दौरान दिये गये निदेर्शों के अनुपालन में शिथिलता बरतने के फलस्वरूप कर अधीक्षक सुरेन्द्र सिंह, कैलाशचन्द और योेगेन्द्र को प्रतिकूल प्रविष्टि दी तथा वेतन रोक दिया।
कर निर्धारण अधिकारी नर सिंह राणा का वेतन बाधित करने, पुष्पराज गौतम की एक अस्थाई वेतनवृद्धि रोके जाने के आदेश दिये हैं। गृहकर वसूली को लेकर नगरायुक्त ने पूरा फोकस कर दिया है। क्योंकि नगर निगम की आय का स्रोत गृह कर, जल कर ही मुख्य है।
इसलिए नगरायुक्त ने पहले ही कर निरीक्षकों को चेताया था कि वसूली में किसी भी तरह की शिथिलता व लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। जब मंगलवार को नगरायुक्त ने कार्य की समीक्षा की तो कर निरीक्षकों की कारगुजारी सामने आई। इसके बाद ही नगरायुक्त ने संबंधित कर निरीक्षकों की सेवा पुस्तिका में लाल पैन चला दिया। जिसके बाद निगम कर्मचारियों में हड़कंप की स्थिति है।