Wednesday, September 18, 2024
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आखिर किसने दी प्रदूषण फैलाने की छूट?

  • एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बावजूद शहर में बेरोकटोक फैल रहा प्रदूषण

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट प्रदूषण को लेकर बेहद गंभीर हैं। लगातार एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट फटकार भी लगा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं किया जा रहा हैं। किसान के गन्ने का बाढ़ फूंकने पर एफआईआर दर्ज कराने की धमकी दी जा रही हैं, लेकिन जो पेपर मिल प्रदूषण फैला रहे हैं, उन्हें इसकी छूट किसने दी? ये कोई पूछने वाला नहीं हैं। सरकारी सिस्टम की चाबुक भी किसानों पर चल रही हैं, फैक्ट्री मालिकों पर नहीं।

बागपत रोड स्थित ग्रीन वुड सिटी कॉलोनी हैं, जिसमें हर रोज काली छाई रात-दिन गिरती हैं। ग्र्रीन वुड सिटी के पीछे पेपर मिल हैं, जिसके प्रदूषण से जनता त्रस्त हैं, लेकिन इसकी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने भी किसी तरह का संज्ञान नहीं लिया हैं, जिससे लोगों को सांस की बीमारी हो रही हैं, मगर इसकी चिंता नहीं तो अधिकारियों को है और नहीं पेपर मिल मालिक को। पेपर मिल में प्रदूषण नियंत्रण के उपकरण भी नहीं लगे हैं,

यहीं वजह है कि काली छाई रात-दिन हवा में उड़ती रहती हैं, जिससे यहां के लोगों का जीना दुश्वार कर रखा हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों की भी पेपर मिल के साथ सेटिंग का खेल चल रहा हैं, जिसकी दुश्वारियों को जनता झेल रही हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसमें कोई नोटिस पेपर मिल को नहीं दिया हैं, जिसके चलते प्रदूषण फैलाने की इन्हें खुली छुट मिल रही हैं। जनता मर रही है तो मरे,

इनकी सेहत पर कोई असर नहीं पड़ रहा हैं। ग्रीन वुड सिटी निवासी अमूल चौधरी की अगुवाई में कॉलोनी के लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल डीएम दीपक मीणा से मिलेगा और पेपर मिल द्वारा फैलाये जा रहे प्रदूषण के मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की जाएगी। इतना प्रदूषण किसानों ने फैलाया होता तो बड़ा हाय-तौबा मच गई होती। एफआईआर भी मूढ़ा जलाने पर कराने की धमकी दी जा रही हैं,

लेकिन इन पेपर मिल मालिकों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी इतने मेहरबान कैसे बने हुए हैं? एफआईआर तो दूर मिल को कोई नोटिस भी नहीं दिया जा रहा हैं। जुर्माना भी नहीं लगाया जा रहा हैं। इस तरह से तो प्रदूषण फैलाने की छुट ही दे रखी हैं, तभी तो पेपर मिल के प्रदूषण नियंत्रण वाले उपकरण बंद पड़े हैं या फिर लगाये नहीं गए। यदि नहीं लगाये गए तो पेपर मिल को चलाने की अनुमति कैसे दे दी?

वायु प्रदूषण फैलाने वालों पर दर्ज होगा मुकदमा

शहर का वातावरण दिवाली से पूर्व ही बढ़ते वायू प्रदूषण के कारण प्रदूषित चल रहा था। इसी में दिवाली के बाद वायू प्रदूषण में बढ़ोतरी हुई है। वहीं दूसरी तरफ घर की साफ-सफाई के बाद जो कूड़ा करकट निकलता है व अन्य कबाड़ में कुछ लोगों के द्वारा आग लगाई जा रही है, जिससे वातावरण ओर भी प्रदूषित हो रहा है। जिसमें शहर के लोगों द्वारा इस संबंध में नगर निगम के अधिकारियों से भी मामले की शिकायत की।

जिस पर प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. हरपाल सिंह ने बताया कि शहर में सभी 90 वार्डों के सफाई नायक एवं सफाई इंस्पेक्टर के साथ डिपो के जेडएसओ को निर्देशित किया गया है कि वह अपने-अपने वार्डों में ऐसे लोगों को चिन्हित करें जोकि कबाड़ एवं कूड़े के ढेर में आग लगाकर वायु प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा दिए गए हैं।

परतापुर शताब्दीनगर क्षेत्र में कई जगहों पर कूडेÞ के ढेर में आग लगाए जाने की घटना को लेकर सफाई एवं खाद्य निरीक्षक कुलदीप कुमार ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने को तहरीर दी है। इसमें वृंदावन एन्क्लेव कॉलोनी के कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने को तहरीर दी गई।

उधर, बुधवार को भी बागपत रोड पर कई जगह कूडेÞ के ढेर में आग लगी देखी गई। जिसमेें डा. हरपाल सिंह ने बताया कि अज्ञात में रिपोर्ट दर्ज कराने को संबंधित थाना क्षेत्र में रिपोर्ट दर्ज कराने को तहरीर दी गई। नाम की पहचान होने पर नामजद रिपोर्ट दर्ज कराने की बात भी कही गई है।

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