- ट्रैक्टर-ट्रालियों के काफिले के साथ कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन
- कलक्ट्रेट में राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एसडीएम
शामली: केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि अध्यादेश (कानून) के विरोध में राष्ट्रीय लोकदल के नेतृत्व में सैकडों किसानों जिला पार्टी कार्यालय से कलक्ट्रेट ट्रैक्टर-ट्रालियों एवं बाइक पर सवार होकर कलक्ट्रेट मार्च निकाला। किसानों ने कलक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन कर प्रदेश के राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन एसडीएम सदर को सौंपा।
कलक्ट्रेट के गेट पर पुलिस, पीएसी के जवानों ने रालोद के प्रदर्शनकारियों को गेट पर रोकने का प्रयास किया। लेकिन तीखी नोंकझोंक के बाद रालोद कार्यकर्ता कलक्ट्रेट का गेट खुलवाकर अंदर पहुंचे और धरना-प्रदर्शन किया। करीब दो घंटे चले धरना प्रदर्शन के बाद जिलाध्यक्ष योगेंद्र सिंह चैयरमैन, अशरफ अली खान, वाजिद अली प्रमुख व विक्रांत जावला ने सैकडों कार्यकर्ताओं को साथ लेकर प्रदेश के राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन एसडीएम सदर संदीप कुमार को सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि देश का किसान कृषि अध्यादेशों के विरोध में सड़कों पर है, लेकिन केन्द्र सरकार उनकी पीडा सुनने के बजाये उन पर लाठी चार्ज करा रही है और उत्पीडन किया जा रहा है। सरकार द्वारा पारित अध्यादेश में जहां एक ओर किसानों को अपनी फसल कही भी बेचने की स्वतंत्रता बताई जा रही है।
वह वास्तव में दूसरी ओर मंडी समितियों के पतन को इंगित करता है। जो किसान मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के अथक प्रयासों द्वारा सफल हो पाया था। अगर सरकार वास्तव में किसानों का हित चाहती है तो अध्यादेशों में न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीतम पर फसल खरीदने वाले पर कार्यवाही की जाए।
इसके अलावा गन्ना भुगतान, गन्ने का भाव 450 रुपये प्रति कुंतल घोषित किए जाने, बिजली की दरों में वृद्धि को वापस लेने, नलकूप कनेक्शनों की पावर बढ़ाने पर रोक लगाने, कोरोना काल में स्कूलों की फीस माफ कराने, जर्जर सड़कों हालत सुधारने की मांग की गई।
इस अवसर पर पूर्व विधायक राजेश्वर बंसल, युवा प्रदेश महासचिव सचिन सरोहा, आशुतोष पंवार, देशराज भनेडा, रणधावा मलिक, अनवार चौधरी, जय कुमारी, ऋषिराज राझड, मुबारक अली, राजीव प्रधान, सर्वेश सिंभालका आदि समेत बड़ी संख्या मौजूद रहे।
ऊन में रालोद कार्यकर्ताओं ने की भूख हड़ताल
ऊन: राष्ट्रीय लोक दल के कार्यकतार्ओं ने केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ तहसील कार्यालय पर भूख हड़ताल कर धरना प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन के दौरान हाथरस में ‘गुड़िया’ के साथ हुए अमानवीय कृत्य का विरोध करते हुए घटना की निंदा की गई।
पीड़िता की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन धारण श्रद्धांजलि दी गई। बाद में कृषि कानूनो को वापस लेने की मांग करते हुए उप जिलाधिकारी मणी अरोरा को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। भूख हड़ताल एवं धरना प्रदर्शन में मोहित खाटियान, योगेश मान, पंकज सरोहा, अंकुर तोमर, सरदार गुलाब सिंह, आकाश टोडा, प्रह्लाद सिंह, सुधीर, कविंद्र, सर्वेंद्र, उपेंद्र, अमित चौधरी, कालूराम, प्रमिंद्र कुमार, मिंटू आदि शामिल रहे।