- एमडीए बोर्ड की वर्चुअल मीटिंग में वर्ष 2021-22 के बजट पर लगी स्वीकृति की मुहर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) बोर्ड की शुक्रवार को वर्चुअल मीटिंग हुई, जिसमें वर्ष 2021-22 के बजट स्वीकृति पर मुहर लगाई गई। बिल्डरों को भी बैठक में राहत देने का निर्णय लिया गया, जिसमें एक एकड़ जमीन पर कॉलोनी विकसित करने के लिए विकास शुल्क की धनराशि को बिल्डर किश्तों में जमा करा सकेंगे।
अब तक ऐसा नहीं था। इस पर भी सहमति की मुहर लगा दी गई। वर्ष 2017-18 में जो फ्लैट व भवनों की कीमत थी, उसे फ्रीज कर दिया गया। अब फ्लैटों व मकानों की कीमत 2017 में जो थी, वही रहेगी, इसमें किसी तरह की वृद्धि नहीं होगी।
शहर का विकास अयोध्या की तर्ज पर किया जाएगा, इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर शहर को विकसित करने का प्लान तैयार किया जाएगा। एमडीए की योजनाओं में रहने वालों को 2017 से पहले जो मेटीनेंस चार्ज पर ब्याज लगाया गया था, उसमें शतप्रतिशत ब्याज की माफी दे दी गई है।
आवंटी को सिर्फ मूलधन ही जमा कराना होगा। हवाई पट्टी के दायरे में आने वाले फ्लैट व मकानों का समायोजन किया जाएगा। इसमें जो भी धनराशि आवंटी की जमा कराई गयी है, उस धनराशि पर आठ प्रतिशत ब्याज एमडीए देगा तथा उसकी कीमत लगाई जाएगी, जिसके बाद जिस मकान को बदले में दिया जाएगा उसकी कीमत का आंकलन किया जाएगा।
कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में चली वर्चुअल मीटिंग में तमाम मुद्दों पर मुहर लगाई गई। लिए गए निर्णय की जानकारी एमडीए सचिव प्रवीणा अग्रवाल ने एमडीए सभागार में आयोजित पत्रकारों से बातचीत में दी। दरअसल, सबसे बड़ी राहत आवंटियों को मेटीनेंस चार्ज के रूप में दी गई है।
क्योंकि कई-कई हजार रुपये एमडीए ने मेंटीनेस चार्ज पर ब्याज लगा रखा था, जो अब 2017 से पहला देय नहीं होगा। लोहिया नगर, गंगानगर, शताब्दीनगर, सैनिक विहार, वेदव्यासपुरी के हजारों आवंटियों को इसका लाभ मिलेगा। कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए सम्पत्तियों की किश्तों पर ब्याज दरों में एकरूपता का निर्णय लेने के लिए कमेटी गठित की गई। ब्याज दरों में कमी करने से पहले कमेटी रिपोर्ट देगी, जिसके बाद ब्याज दरों में कमी कर दी जाएगी।
ये हुआ बजट स्वीकृत
एमडीए बोर्ड बैठक में 301.48 करोड़ का बजट आमदनी तथा साथ ही 308.54 करोड़ व्यय का बजट पेश किया गया। पिछले वर्ष 158 करोड़ आय का बजट रखा गया था तथा खर्च सिर्फ 85.88 करोड़ ही एमडीए खर्च कर पाया। कमिश्नर ने मीटिंग में यह भी पूछ लिया कि इतका कम कैसे खर्च हुआ।
इस पर एमडीए अधिकारियों ने कोरोना के चलते कम खर्च होने की बात कही गई। साथ ही कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने कह दिया कि शहर में एमडीए द्वारा किया गया कार्य दिखाई देना चाहिए। इस दिशा में काम तेजी से किया जाए।
अयोध्या की तर्ज पर किया जाएगा शहर का विकास
सिटी डवलपमेंट का प्लान तैयार करने का एक प्रस्ताव रखा गया। इस प्रस्ताव में मेरठ शहर को अय्योध्या की तर्ज पर विकसित करने के लिए प्लान तैयार करने का प्रस्ताव रखा गया। इसके लिए पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई, नगर निगम समेत कई विभागों की एक कमेटी गठित की गई, जो यह रिपोर्ट तैयार करके देगी कि किस तरह से शहर को अयोध्या की तर्ज पर विकसित किया जा सकता है। यह प्रस्ताव शासन के आदेश पर एमडीए बोर्ड की बैठक में रखा गया था।
मीटिंग में ये रहे मौजूद
कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह, डीएम के. बालाजी, एमडीए उपाध्यक्ष मृदुल चौधरी, सचिव प्रवीणा अग्रवाल, नगरायुक्त मनीष बंसल समेत कई विभागों के अधिकारी वर्चुअल मीटिंग में मौजूद रहे।