नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन हैं.सनातन धर्म में श्रावण माह के बाद से ही त्योहारों का आगमन शुरू हो जाता है। वहीं, इस समय भाद्रपद माह का कृष्ण पक्ष चल रहा है। इस महिने में जन्मष्टमी, गणेश चतुर्थी, राधाष्टमी और अनंत चतुर्दशी जैसे पर्व मनाए जाते हैं। दरअसल, गणेश चतुर्थी के 10 दिन बाद ही अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है। गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की स्थापना होती है तो वहीं अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन किया जाता है।
वैसे इस दिन त्रिदेवों में से एक भगवान विष्णु की विशेष पूजा का महत्व है। अनंत चतुर्दशी को अनंत व्रत भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूपों की पूजा की जाती है। वहीं, हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है। इस वर्ष अनंत चतुर्दशी का पर्व 17 सितंबर को मनाया जा रहा है।
तिरुपति बालाजी मंदिर
भगवान विष्णु तिरुपति बालाजी में भगवान वेंकटेश्वर के नाम से विराजमान हैं। यह विश्व प्रसिद्ध मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरुमला में स्थित है, जो कि भगवान विष्णु के प्रमुख मंदिरों में से एक है। तिरुपति बाला जी के दर्शन के लिए देश दुनिया से श्रद्धालु आते हैं। इस कारण यहां ठहरने और यात्रा के लिए पहले से ही व्यवस्था कर लेनी चाहिए।
जगन्नाथ मंदिर पुरी
ओडिशा राज्य में पुरी शहर में भगवान जगन्नाथ का मंदिर स्थित है। इस मंदिर में भगवान कृष्ण भाई बलदाऊ और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं। उन्हें वहां भगवान जगन्नाथ के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर भारत के चार धामों में से एक है। रथ यात्रा के दौरान भगवान साल में एक बार अपने गर्भगृह से बाहर आकर शहर के भ्रमण पर निकलते हैं।
श्री राजगोपाल स्वामी मंदिर
भगवान विष्णु के अधिकतर मंदिर दक्षिण भारत में स्थित हैं। इन मंदिरों में से एक तमिलनाडु राज्य में है। तमिलनाडु के श्रीरंगम में राजा गोपाल स्वामी मंदिर है, जो भगवान विष्णु का एक महत्वपूर्ण मंदिर है। यह मंदिर अपने आकार और भव्यता के लिए प्रसिद्ध है और इसे भारत का सबसे बड़ा तिरुपति भी माना जाता है। यहां भगवान विष्णु के रूप रंग नाथ की पूजा की जाती है, और यहां सालभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।
बद्रीनाथ मंदिर
उत्तराखंड के चमोली जिले में बद्रीनाथ धाम स्थित है। यह उत्तराखंड के चार धामों में से एक है, साथ ही भारत के चार धाम मंदिरों में भी शामिल है। यहां भगवान विष्णु बद्रीनाथ जी के अवतार में विराजमान हैं। बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु का शालिग्राम रूप विराजमान है जोकि एक मीटर लंबी मूर्ति के रूप में है, जिसे स्वयं प्रकट प्रतिमा माना जाता है। यहां पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं, जिससे यात्रा सुगम हो जाती है।