- 10 करोड़ से अधिक की योजनाओं की हुई समीक्षा
- गैर हाजिर अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: अपर आयुक्त प्रथम चैत्रा वी की अध्यक्षता में रुपये 10 करोड़ से अधिक और 50 लाख से अधिक की लागत की परियोजनाओं की समीक्षा की गई। बैठक में मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग तथा मुख्य अभियंता विद्युत उपस्थित नहीं थे एवं न ही उनका कोई प्रतिनिधि उपस्थित था।
जिस कारण विद्युत विभाग एवं लोक निर्माण विभाग के परियोजनाओं की प्रगति समीक्षा नहीं की जा सकी। जिस पर रोष व्यक्त किया गया और साथ ही निर्देश दिए गए कि जो भी अधिकारी बैठक में उपस्थित नहीं हुए हैं उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए।
बैठक में अपर आयुक्त ने कहा कि जिन परियोजनाओं में धनराशि का अभाव है, आयुक्त के तरफ से पत्र भेजा जाए। साथ ही धनराशि अवमुक्त करने का विशेष प्रयास किया जाए। जितनी भी योजनाएं पूर्ण हैं उनके स्थानांतरण से पूर्व जनपद में गठित टास्क फोर्स से तकनीकी जांच अवश्य करवा ली जाए।
निर्माणाधीन परियोजनाओं में यदि आवश्यकता हो तो संशोधित आगणन बनाया जाए जो पूर्व आगणन से 10 प्रतिशत से अधिक ना हो। यदि कोई स्कीम ड्रॉप हो गई है एवं अवशेष कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहा है तो अन्य स्रोतों से यह कार्य पूर्ण कराया जाए। शिक्षा से संबंधित परियोजनाओं का निर्माण इस प्रकार एक्शन प्लान बनाकर कराया जाए ताकि परियोजना का अगले शैक्षिक सत्र से पूर्व निर्माण कार्य पूर्ण हो जाए।
जिन परियोजनाओं का निर्माण कार्य 90 प्रतिशत से ऊपर पूर्ण हो गया है एवं उनकी धनराशि अप्राप्त है, आयुक्त की तरफ से पत्र भेजकर व्यक्तिगत पैरवी करके धनराशि प्राप्त करने का प्रयास किया जाए ताकि परियोजना लोकार्पण की स्थिति में हो सके। जनपदों में स्थापित पार्क, जिम और चौराहे आदि को गोद लेने के लिए उद्यमियों को प्रेरित किया जाए।
अधिकांश कार्यदाई संस्थाएं जिनकी परियोजना पूर्ण होने की तिथि निर्धारित है। उसको परिवर्तित करने का प्रयास करते हैं, जो किसी भी दशा में मान्य नहीं है। उन्हीं परियोजनाओं की लक्ष्य तिथि में संशोधन किया जाएगा जब शासन से इस तरह का कोई पत्र प्राप्त हो और वह उसको अवलोकित करने के उपरांत ही पर प्रगति रिपोर्ट में तिथि संशोधित संभव होगा।
इस बैठक में संयुक्त विकास आयुक्त, उप निदेशक अर्थ एवं संख्या, जनपदों के जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारियों के प्रतिनिधि के रूप में जनपदों के जिला विकास अधिकारी/परियोजना निदेशक तथा कार्यदाई संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।