शरवरी वाघ ने ‘बंटी और बबली 2’ (2021) के जरिए बॉलीवुड में जबर्दस्त एंट्री मारी। यशराज फिल्म्स के लिए वरुण वी शर्मा द्वारा डायरेक्ट की गई इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट डेब्यू फीमेल का फिल्मफेयर अवार्ड मिला। इस फिल्म में शरवरी के अपोजिट सिद्धांत चतुर्वेदी, सैफ अली खान और रानी मुखर्जी जैसे बड़े कलाकार थे। शरवरी का जन्म 14 जून 1996 को एक मराठी परिवार में हुआ था। शरवरी वाघ के पिता शैलेश मुंबई के जाने माने बिल्डर और मां व बहन कस्तूरी आर्किटेक्ट हैं।
महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री रह चुके मनोहर जोशी शरवरी के नाना हैं। मुंबई के दादर स्थित पारसी यूथ असेंबली हाई स्कूल और रूपारेल कॉलेज से अपनी पढाई पूरी करने के बाद 2015 में उन्होंने प्यार का पंचनामा 2’ (2015) और ‘सोनू की टीटू की स्वीटी’ (2018) के दौरान लव रंजन और ‘बाजीराव मस्तानी’(2015) के वक्त संजय लीला भंसाली को असिस्ट किया। कबीर खान की अमेजन प्राइम वेब सिरीज ‘द फॉरगॉटन आर्मी: आजादी के लिए’ में शरवरी ने सनी कौशल के अपोजिट एक्टिंग पारी की शुरुआत की।
शरवरी अपनी बोल्डनेस के कारण सोशल मीडिया पर हमेशा सुर्खियों में छाई रहती हैं। वहां यदि उनके ढेर सारे प्रशंसक मौजूद हैं तो अक्सर उन्हें आलोचना करने वालों का सामना करना पड़ता है लेकिन शरवरी ऐसे सभी लोगों से जमकर टक्कर लेती रहती हैं। शरवरी की आने वाली फिल्म ‘महाराज’ कंपलीट हो चुकी है। इसमें वह आमिर के बेटे जुनैद खान और शालिनी पांडे के साथ नजर आएंगी।
प्रस्तुत हैं शरवरी वाघ के साथ की गई बातचीत के मुख्य अंश:
जिस वक्त आपको यशराज जैसे नामी गिरामी बैनर की फिल्म ‘बंटी और बबली 2’ के जरिये बॉलीवुड में डेब्यू का अवसर मिला। आपके मन में क्या चल रहा था?
शुरू में मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था, लेकिन जब धीरे-धीरे मुझे इसका एहसास होना शुरू हुआ तो मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। अपनी शुरुआत यशराज फिल्म्स के साथ कर रही हूं, यह सोचकर मैं अत्यंत रोमांचित थी।
लेकिन ‘बंटी और बबली 2’, इसके पहले भाग जितनी सफल नहीं हो सकी?
हर फिल्म की अपनी किस्मत होती है। फिल्म रिलीज के बाद उसके नतीजों के लिए हम कुछ भी नहीं कर सकते। बस उसके पहले हम जो कुछ कर सकते हैं उसके लिए पूरी कोशिश करना चाहिए और वह मैंने की थी।
‘बंटी और बबली 2’ साइन करते वक्त यशराज के साथ आपने कुल तीन फिल्मों का कांट्रेक्ट किया था। शेष दो फिल्मों का क्या हुआ?
उन फिल्मों को अपने कैरियर में, मैं कभी भी कर सकती हूं। यह मुझ पर है कि मुझे जो स्क्रिप्ट अच्छी लगेगी, उसे चूज कर सकती हूं। अब इससे ज्यादा मुझें और क्या चाहिए। मैं यशराज की ‘धूम’ फ्रंचाइजी में काम करना चाहती हूं। यह आईकॉनिक है।
फिल्में चुनना आपको कितना आसान या कठिन लगता है?
इसमें आसान या कठिन जैसी कोई बात नहीं है। अगर मुझे कहानी में दिलचस्पी है और मेरे किरदार में यदि बताने के लिए कुछ है तो ऐसी फिल्म में किसी भी कीमत पर करना चाहूंगी। मैं अपने किरदारों के जरिये लोगों के दिलों तक पंहुचना चाहती हूं।
फिल्म के सब्जेक्ट में कौनसा फ्लेवर पसंद है?
कोई भी फ्लेवर हो, चलेगा। मैं तो बस यह चाहती हूं कि मेरी फिल्म किसी न किसी रूप में फीमेल आॅडियंस को अवश्य इंस्पायर करे। अगर मेरी फिल्म देखकर दो लड़कियां भी मुझसे प्रेरित होती हैं तो मैं इसे अपनी खुशकिस्मती मानूंगी।
कोई भी व्यक्ति जब एक्टर बनने के लिए घर से बाहर कदम रखता है, घर वालों से उसे कोई न कोई सीख या मंत्र अवश्य मिलता है, खासकर एक्टर जब फीमेल हो। क्या आपको भी ऐसा कोई मंत्र मिला है?
मेरी फैमिली ने मुझे शुरू से बस एक बात सिखायी कि आप चाहे जो कुछ करना लेकिन कभी झूठ नहीं बोलना क्योंकि झूठ बोलकर आप दूसरों को बाद में, खुद को पहले धोखा देते हैं और खुद को धोखा देने का काम कोई मूर्ख ही कर सकता है।
सोशल मीडिया पर अक्सर आपको ट्रोलर्स की नेगेटिविटी का सामना करना पड़ता है। उनसे किस तरह निबटती हैं?
मुझे नहीं लगता कि मेरे बारे में लोगों ने ज्यादा कुछ नेगेटिव कहा है। आप कुछ भी करें, वह कुछ को अच्छा तो कुछ को बुरा लगेगा। हर किसी को अपनी राय रखने का हक है लेकिन इतना अवश्य कहना चाहूंगी कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल करने वालों को इसके प्रति व्यक्तिगत जिम्मेदारी का एहसास अवश्य होना चाहिए।