Monday, October 14, 2024
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स्वीकृति 16 की, पूरा जिला संभाल रहे सिर्फ एक जेई

  • एक एक्सईएन और एक संपत्ति अधिकारी देख रहे तीन-तीन जिले
  • कैसे होंगे कार्य, जब स्टाफ ही नहीं, निर्माण खंड तीन में एक भी एकाउंटेंट नहीं

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: सरकार की ओर से खाली पदों को भरने के दावे तो बहुत किये जाते हैं, लेकिन वह दावे विभागों की हकीकत जानकर फेल हो जाते हैं। ऐसा ही एक विभाग यहां मेरठ में भी हैं। जहां विभाग में खाली पदों को एक अरसे से नहीं भरा गया है। यहां अधिकारी और कर्मचारी सिर्फ रिटायर्ड हो रहे हैं।

उनकी जगह पर किसी को रखा नहीं जा रहा है। जी हां! हम बात कर रहे हैं। मेरठ स्थित आवास विकास परिषद कार्यालय की। यहां एक-एक अधिकारी पर तीन तीन जिले और एक जेई पूरे शहर को देखता है। जबकि यहां 16 जेई के पद स्वीकृत हैं। अब जरा आप सोचिए कि जब एक अधिकारी तीन जिलों का कार्य देखेगा तो वहां कार्य कैसे हो पायेंगे?

यही कारण है कि यहां आवास विकास की कई योजनाएं अधर में हैं और लोग स्टाफ की कमी का फायदा तक उठाते हैं।
मेरठ में आवास विकास परिषद कार्यालय की बात करें तो यहां आवास विकास की ओर से शास्त्रीनगर, जागृति विहार, माधवपुरम, मंगलपांडे नगर समेत तमाम योजनाएं संचालित हैं। इसके अलावा यहां आवास विकास की ओर से शहर की सबसे बहतरीन योजना जागृति विहार स्कीम-11 का भी कार्य चल रहा है।

आवास विकास विभाग के अंडर में लाखों की आबादी आती है। यहां इन सब योजनाओं में निर्माण कार्य के लिये कई निर्माण खंड हैं और यहां आवास विकास की संपत्ति बेचने और अन्य लॉटरी आदि योजनाओं के लिये संपत्ति विभाग है। सभी विभागों के अलग-अलग कार्य हैं, लेकिन विभाग की अंदरूनी स्थिति बेहद ही खराब है। यहां सालों से कर्मचारी और अधिकारी रिटायर्ड हो रहे हैं।

जिसके चलते यहां काफी संख्या में स्टाफ की कमी है। जिसका असर यहां योजनाओं के कार्य पर पड़ता है। योजनाओं में कार्य अधूरे रह जाते हैं, जो समय पर नहीं हो पाते। विभाग की ओर से बार बार आलाकमान को लिखकर दिया जाता है, लेकिन बावजूद इसके पदों को नहीं भरा जाता है।

एक अधिकारी और तीन जिलों का चार्ज

संपत्ति विभाग: यहां आवास विकास के सबसे मुख्य विभाग की बात करें तो यह संपत्ति विभाग है। यहां संपत्ति प्रबंधक केशव राम हैं। जिनके पास मेरठ के साथ ही बुलंदशहर और गाजियाबाद का भी चार्ज है। संपत्ति विभाग ही ऐसा विभाग हैं। जहां विभाग की प्रॉपर्टी को बेचने का कार्य होता है और रिकवरी का भी कार्य यही विभाग देखता है, लेकिन ऐसे महत्वपूर्ण विभाग में स्टाफ की लगातार कमी है। संपत्ति अधिकारी तीन जिलों का कार्य देखते हैं। जिस कारण यहां मेरठ की मॉनिटरिंग ठीक प्रकार से नहीं हो पाती।

निर्माण खंड: यहां निर्माण खंड की बात की जाये तो सभी निर्माण खंड अलग-अलग बटे हैं। सभी निर्माण खंड में अलग अधिकारी है, लेकिन स्टाफ की कमी यहां भी बनी है। यहां एमबी कौशिक एक्सईएन हैं। जिनके पास पिछले कई सालों से तीन जिलों का चार्ज है। इसमें सहारनपुर, मेरठ और बुलंदशहर शामिल है। ऐसे में यह अधिकारी एक दिन मेरठ होते हैं तो दूसरे दिन अन्य जिलों में जिस कारण कार्य अधर में रहते हैं। समय से कार्य पूरे न होने के कारण जनता परेशान रहती है।

एकाउंटेंट का कार्य भी देख रहे प्रशासनिक अधिकारी

यहां पीएस रावत प्रशासनिक अधिकारी के पद पर हैं और उनका प्रमोशन अभी हाल ही में हुआ है। पीएस रावत ने बताया कि यहां उनके निर्माण खंड में वर्तमान में एक भी एकाउंटेंट नहीं है। वह प्रशासनिक अधिकारी होने के बावजूद यहां एकाउंटेंट का भी चार्ज संभाले हुए हैं। निर्माण खंड में एक भी एकाउंटेंट नहीं है। जिस कारण यहां कार्य अधूरे हो पाते हैं। पीएस रावत ने बताया कि विभाग की ओर से कई बार शासन को लिखा जाता है, लेकिन खाली पद शासन से ही भरे जाने हैं। जिन पर अभी तक विचार नहीं किया जा रहा है।

16 जेई का कार्य देख रहा एक जेई

यहां कार्यालय में जेई के 16 पदों की स्वीकृति शासन की ओर से है, लेकिन यहां मात्र दो जेई हैं। जिनमें से एक जेई पर खतौली का चार्ज है और केवल एक ही जेई हैं, जो पूरे मेरठ का चार्ज संभाले हुए हैं। यहां जेई दुजई राम अकेले ही कार्य देख रहे हैं। जिस कारण इतना बड़ा क्षेत्र होने के कारण सभी कार्यों पर नजर नहीं रखी जाती। पूरे शहर की मॉनिटरिंग करना संभव नहीं हो पाता। जिस कारण समस्या बनी रहती है। शासन से इन पदों को भरा ही नहीं जा रहा है।

इस साल रिटायर्ड हो जायेंगे आधा दर्जन से अधिक स्टाफ

इस साल वर्ष 2022 की बात करें तो इसी साल आवास विकास कार्यालय के संपत्ति विभाग और निर्माण खंड से कई स्टाफ रिटायर्ड हो रहा है। इसमें संपत्ति विभाग के बड़े बाबू टीपी गुप्ता, अन्य विभाग के एकांउटेंट नीरज कांत, एक्सईएन एमबी कौशिक भी इसी साल रिटायर्ड हो रहे हैं। ऐसे में इन महत्वपूर्ण पद से भी अधिकारी और कर्मचारी रिटायर्ड हो जाएंगे। जिससे यहां और भी अधिक समस्या उत्पन्न हो जायेगी।

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