- दो चरणों में 16 लोकसभा के लिए चुनाव हुआ, पहले चरण की आठ सीटों पर 2019 के मुकाबले वोट प्रतिशत कम रहा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: लोकसभा चुनाव के प्रथम और दूसरे चरण के चुनाव में उन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत कम हुआ, जहां पर भाजपा के विधायक हैं। दो चरणों में 16 लोकसभा के लिए चुनाव हुआ। पहले चरण की आठ सीटों पर 2019 के मुकाबले वोट प्रतिशत कम रहा। दूसरे चरण में आठ सीटों पर मतदान हुआ, जहां पर 2019 के मुकाबले मत प्रतिशत कम दर्ज किया गया। दूसरे चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ सीट पर 53.34 प्रतिशत मतदान हुआ। ये आंकड़े निर्वाचन आयोग के हैं। दूसरे चरण में अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा सीट पर मतदान हुआ।
सुबह से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की कतारें लगी, लेकिन फिर भी मतदान के प्रति लोगों में जोश नहीं दिखा। निर्वाचन आयोग के अनुसार अलीगढ़ में 56.62 प्रतिशत, अमरोहा में 62.36 फीसद, बागपत में 53.69 फीसद, बुलंदशहर में 54.34 फीसद, गौतमबुद्धनगर में 52.46 फीसद, गाजियाबाद में 48.21 फीसद, मथुरा में 47.45 फीसद और मेरठ में 55.49 फीसद मतदान हुआ है। इसमें मेरठ कैंट में भी इस बार मत प्रतिशत का ग्राफ नीचे गिरा। ये भाजपा का गढ़ मानी जाती हैं, इसमें कम मतों का प्रतिशत भाजपा के लिए चिंता की लकीर पैदा कर रहा हैं। प्रथम चरण में मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत कम दर्ज किया गया था।
लोकसभा की पांच में चार विधानसभा पर विपक्ष का कब्जा हैं। सरधना विधानसभा सीट भाजपा की जीत का आधार बनती रही हैं, लेकिन वहां पर मत प्रतिशत 2019 के मुकाबेल कम दर्ज किया गया, जो भाजपा के लिए चिंता की बात हैं। बागपत में दूसरे चरण के मतदान में कम मत प्रतिशत दर्ज किया गया। यहां बागपत, बड़ौत दो विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा हैं। फिर भी यहां पर मत प्रतिशत अपेक्षित कम दर्ज किया गया, जो रालोद-भाजपा गठबंधन को दुविधा में डाल रहा हैं।
दूसरे चरण के प्रमुख उम्मीदवारों में रामायण में ‘राम’की भूमिका निभा चुके भाजपा के अरुण गोविल, अभिनेत्री हेमा मालिनी (मथुरा), पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. महेश शर्मा (गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट) और अतुल गर्ग (गाजियाबाद) शामिल हैं। इनके अलावा इनमें कांग्रेस के दानिश अली (अमरोहा), राष्ट्रीय लोक दल के राजकुमार सांगवान (बागपत) और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार एवं पूर्व सांसद बिजेन्द्र सिंह (अलीगढ़) का नाम भी शामिल है। इन सभी सीटों पर मत प्रतिशत कम दर्ज किया गया, जिसको लेकर राजनीति के दिग्गज अपना शुभ और लाभ जोड़कर चल रहे हैं।