Sunday, May 4, 2025
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पीएफआई के मुनीर की तलाश में एटीएस का छापा, हड़कंप

  • सटीक सूचना पर मारा था छापा, रिश्तेदारों से की पूछताछ
  • भोजपुर में एटीएस टीम को घेरा, पथराव के बीव आरोपी फरार

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: पीपुल्स फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों की तलाश में देश भर में एनएआई और एटीएस ने छापेमारी की। कैराना और मोदीनगर के भोजपुर में एटीएस को जहां विरोध का सामना करना पड़ा वहीं देहलीगेट थाना क्षेत्र के घंटाघर इलाके में एटीएस को कुख्यात मुनीर की मौजूदगी की लोकेशन मिली थी। एटीएस ने मकसूद अली चौक पर छापा मारा लेकिन मुनीर नहीं मिला। बाद में एटीएस ने मुनीर के तीन रिश्तेदारों से काफी देर तक पूछताछ की और बाद में चले गए।

गुरुवार सुबह चार बजे के करीब देहली गेट क्षेत्र के मकसूद अली चौक में एटीएस ने दबिश दी। एटीएस की कार्यवाही की सूचना देहलीगेट थाने तक को नहीं दी गई। एटीएस को मुजफ्फरनगर निवासी मुनीर नाम के व्यक्ति की तलाश थी। घंटाघर के पास उसकी लोकेशन मिली थी। एटीएस की टीम ने एक घर पर दबिश दी। मुनीर नहीं मिला, लेकिन टीम ने उसके तीन रिश्तेदारों को हिरासत में ले लिया।

सभी को थाने ले जाकर पूछताछ की गई। इसके बाद टीम लौट गई। पुलिस ने उनके नाम-पते, मोबाइल नंबर और अन्य जानकारी लिखकर सभी को छोड़ दिया। जब एटीएस ने दबिश दी, तब परिवार वाले सो रहे थे। टीम ने दरवाजा खुलवाया और कार्रवाई के बारे में बताया। आसपास के लोगों को भी इसकी भनक नहीं लगी। सूत्रों का कहना है कि टीम की कार्रवाई से कुछ देर पहले ही मुनीर वहां से निकल गया था। मुनीर बीमार बताया जा रहा है। संभवत वो इलाज कराने के लिये मेरठ आया हो।

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हालांकि एटीएस की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई है। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण से जब छापे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जानकारी से इंकार किया। एटीएस के छापे के बाद पूरे दिन इलाके में चर्चा रही। हालांकि पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से बचते रहे लेकिन मुनीर की मौजूदगी के बारे में लोग दबी जुबान से कहते रहे कि एटीएस के आने से पहले मुनीर निकल गया। वहीं कैराना में एनआइए और एटीएस का छापा, पीएफआइ से जुड़े प्रधानपति सहित दो को उठाया था।

भोजपुर थानाक्षेत्र के गाँव कलछीना में गुरूवार की सुबह पॉपुलर फ्रंट आॅफ इंडिया (पीएफआई) के एजेंट के आवास पर दबिश देने पहुंची एटीएस की टीम पर उसके परिजनों ने गांववालो के साथ मिलकर अचानक हमला कर दिया। पथराव के बीच अपराधी भाग निकला। फरार अपराधी की सूचना मिलते ही अतिरिक्त फोर्स गांव में बुलाया गया ओर गांव में डेरा डाल दिया गया। इस पूरे प्रकरण को लेकर मेरठ जोन के आईजी प्रवीण कुमार ने रिपोर्ट तलब की हैं।

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 20 दिसंबर 2019 को मेरठ हिंसा हुई थी। जांच में पता चला था कि हिंसा भड़काने में पीएफआई संगठन का हाथ था। नौचंदी थाना क्षेत्र के शास्त्री नगर में कार्यालय बनाया गया था। शहर में पर्चे बांटे गए थे। हिंसा के लिए कुछ युवकों को प्रशिक्षण देने की बात भी सामने आई थी। पुलिस ने काफी लोगों को गिरफ्तार किया था। कुछ अभी भी वांछित चल रहे हैं। ब्रह्मपुरी के साथ ही लिसाड़ी गेट और नौचंदी थाना क्षेत्र प्रभावित हुए थे। इनमें छह लोग मारे गए थे और काफी लोग घायल हुए थे। करोड़ों की सरकारी संपत्ति या तोड़ दी गई थी या फिर फूंक दी गई थी।

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