- कलक्ट्रेट में पांचवें दिन भी जारी रहा आमरण अनशन, अतुल अनशन छोड़े, भंडारा चलाकर करें संघर्ष: टिकैत
- डॉक्टरी पेशा सेवा का है, इसे व्यापार न बनाइए: राकेश
- यदि पुलिस मुझे जेल भी ले गई तो वहां भी जारी रखूंगा आमरण अनशन: अतुल प्रधान
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शुक्रवार को कलक्ट्रेट में सपा विधायक अतुल प्रधान के आमरण अनशन का पांचवां दिन हंगामेदार रहा। भाकियू के राष्टÑीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत पहुंचे तो आंदोलन में जान आ गई। इस दौरान उन्होंने अतुल प्रधान के द्वारा किए गए संघर्ष और आमरण अनशन स्थल पर किसी पार्टी का झंडा या बैनर लगा नहीं दिखाई देने पर प्रशंसा भी की। साथ ही आंदोलन किस तरह से सफल होता है, उस पर अतुल प्रधान को मूलमंत्र भी दिया।
कहा कि वह अनशन त्याग कर भंडारा चलाकर संघर्ष करें। उधर, अतुल प्रधान ने ऐलान किया कि पुलिस बलपूर्वक उसे उठाकर जेल भेज सकती है, लेकिन इसके बाद भी संघर्ष जारी रहेगा। जिस पर चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि वह अतुल से मिलने जेल में भी जायेंगे। इस दौरान डाक्टरों के पेशे को सेवा का पेशा बताया तथा कहा कि डॉक्टरी के इस पवित्र पेशे को व्यापार न बनाएं। इस दौरान चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि अतुल प्रधान संघर्ष व अपने दम पर विधायक बने हैं।
न्यूटिमा अस्पताल और सपा विधायक अतुल प्रधान के बीच शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कलक्ट्रेट में अतुल प्रधान का जो आमरण अनशन शिक्षा एवं स्वास्थ्य में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ जो चल रहा है। इस दौरान पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट दिखाई दिया। अतुल प्रधान ने चौधरी राकेश टिकैत के सामने पूरा प्रकरण रखा, जिसमें देश की आजादी के बाद सबसे पहले शिक्षा एवं स्वास्थ्य को सेवा भाव से कार्य करने एवं दोनों को नि:शुल्क रखने की बात कही गई थी।
इस दौरान वक्तओं ने उनके सामने कहा कि शिक्षा एवं स्वास्थ्य में जितना भ्रष्टाचार है, इतना शायद किसी और क्षेत्र में हो। बड़े-बड़े भवन बना रखे हैं। चिकित्सा सुविधा के नाम पर मानों लूट के लिए अड्डे बनाए गए हों। इस दौरान सभी वक्ताओं ने डाक्टरों के बीच चल रहे इस प्रकरण को लेकर कहा कि सभी चिकित्सक व शिक्षक भ्रष्ट नहीं हैं। कुछ जो गलत हैं, उनके खिलाफ एवं व्यवस्था की सुधार को यह आंदोलन चलाया गया है। मंच से अधिकर लोगों ने डाक्टरों के प्रति संयमित भाषा का इस्तेमाल किया।
चौधरी राकेश टिकैत ने अतुल प्रधान से कहा कि वह डाक्टर एवं पुलिस प्रशासन से वार्ता का रास्ता खुला रखें। हो सके तो वह आमरण अनशन खत्म कर भंडारे की व्यवस्था कर आंदोलन को मजबूत करें। उनके पास डाक्टरों के भी फोन आए, वह उनसे मिलने भी जायेंगे उनका पक्ष भी सुनेंगे। मुजफ्फरनगर व दिल्ली से सस्ता इलाज मिलता है तो वह मेरठ में मिलता है। यदि कोई मरीज दिल्ली के लिए रेफर कर दिया जाए तो उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि वह बिल के नाम पर वहां कान तक काट लेंगे।
उन्होंने कहा कि व्यवस्था में सुधार जरूरी हैं। यदि आंदोलन के दौरान अतुल प्रधान जेल जाते हैं तो वह उनसे मिलने के लिए वहां भी पहुंचेंगे। अतुल प्रधान का पुरजोर समर्थन किया। उधर, अतुल प्रधान के आमरण अनशन को समर्थन देने के लिए गुरनाम सिंह चढूनी आज आ रहे हैं। इस मौके पर समर्थन देने वाले संगठन में अखिल भारतीय यादव महासभा, मदर टेरेसा फाउंडेशन, नूर महिला, सशक्तिकरण, सोशल वेलफेयर, सोसायटी, इंडियन शेख अब्बासी अल्पसंख्यक महासभा, भारतीय किसान यूनियन भानु, अटेवा पेंशन बचाओ मंच उत्तर प्रदेश, एस, सी अधिवक्ता संघ ने समर्थन दिया।
आज किसान नेता राकेश टिकैत स्थल पर आकर भूख हड़ताल का समर्थन किया। कामिल अंसारी, खलीफा नोएडा, प्रवक्ता मनोज काका, प्रवक्ता विजय राठी, सतीश राजवाल, संजय तोमर, आस मो. अब्बासी, नूर बानी, आयशा परवीन, संदीप यादव, मनोज प्रमुख, बिल्लू प्रधान, राजदीप विकल, अनुज जावला, अंकित ढाका, अनुज भड़ाना, आकाश भड़ाना, गोरियन, आदेश प्रधान, बैंगलोर से आए नागराज, बलिया से आए मौर्य व विभिन्न गांव के ग्राम प्रधान, बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य आदि मौजूद रहे।
आंदोलन को खत्म करने की फिराक में था प्रशासन
गुरुवार की रात को कलक्ट्रेट में धरना स्थल पर आमरण अनशन पर बैठे सरधना विधायक अतुल प्रधान को पुलिस प्रशासन ने अनशन से उठाने की तैयारी कर ली थी। इसके लिए लखनऊ हाईकमान से भी हरी झंडी मिल चुकी थी। पुलिस का पूरा अमला इसके लिए रात में ही धरना स्थल पर बुला लिया गया था, लेकिन ऐन वक्त पर पुलिस के सीओ अधिकारी ने पुलिस की गोपनीय सूचना लीक कर दी। जिसके चलते पूरी मीडिया और विधायक ने अपने तमाम समर्थकों को रात के समय ही फोन करके वहीं बुलवा लिये।
जिसकी वजह से पुलिस प्रशासन बैकफुट पर आ गया। पुलिस ने विधायक को उठाने का निर्णय बदला और चुपचाप वहां से फोर्स को हटा लिया गया। जबकि एसएसपी ने गोपनीय स्तर से एसपी सिटी और कई सीओ को यह अवगत कराया था कि अनशन खत्म करा दिया जाये, लेकिन ऐन वक्त पर सीओ ने सूचना को लीक पुलिस प्रशासन की मंशा पर पानी फेर दिया। चूंकि पुलिस प्रशासन को गुरुवार को ही पता चल गया था कि आमरण अनशन में भाकिूय राष्टÑीय प्रवक्ता राकेश टिकैत शुक्रवार को समर्थन देने पहुंचेंगे। जिसके चलते प्रशासन की नींद उड़ी हुई थी।
बिना पार्टी का नाम लिए कहा-2024 में इस बीमारी से निजात जरूरी: राकेश टिकैत
अतुल प्रधान के आमरण अनशन पर समर्थन देने पहुंचे भाकियू के राष्टÑीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने जहां एक तरफ अतुल प्रधान को बिना किसी पार्टी व झंडे के बिना आंदोलन को तेज करने की बात कही। इस दौरान कई मुद्दों पर उन्होंने बिना नाम लिए पार्टी व शिक्षा के साथ स्वास्थ्य विभाग पर अपनी बातें रखी। इस दौरान शिक्षा महंगी और स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर कुछ अस्पताल एवं चिकित्सकों के द्वारा जो मोटी रकम ली जाती है, उस पर अपनी बात रखी। वहीं अतुल प्रधान से भी आंदोलन की रूपरेखा बलकर इस बीमारी के इलाज के लिए जो मूलमंत्र बताया उसमें उन्होंने कहा कि भूखे पेट जंग नहीं लड़ी जाती।
आंदोलन खाली पेट नहीं बल्कि लंगर/भंडारा लगाकर सफल किया जाता है। आंदोलन लंबा चलेगा तो बीमारी का भी सही तरह से इलाज हो सकेगा। उन्होंने भी किसान आंदोलन में 13 महीने का जो संघर्ष आंदोलन के रूप में किया वह बिना किसी पार्टी के बैनर व बिना भूख हड़ताल के किया, तब जाकर जीत मिली। इस दौरान उन्होंने बिना किसी पार्टी का नाम लिए कहा कि यदि बीमारी का सही और संपूर्ण इलाज करना है तो आगामी लोकसभा चुनाव 2024 पर ध्यान केंद्रित करो और बीमारी फिर से न फैले उसके लिए 2024 में ठोस रणनीति बनाओ।
महापौर का चुनाव जीतते, जीतते हारे अतुल प्रधान
चौधरी राकेश टिकैत ने महापौर चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि अतुल प्रधान के द्वारा जो चुनाव शहर में महापौर का लड़ा गया था, वह चुनाव जीतने के करीब जा पहुंचे थे, लेकिन भाजपा की जो बी टीम कही जाती है, उसके साथ मिलकर किसने खेला किया यह भी सब जानते हैं। भाजपा की ए टीम औवेसी की पार्टी व दूसरी बी टीम अन्य पार्टी को कहा जाता है, लेकिन अब सी पार्टी भी मैदान में दिखाई देने लगी है। सबसे सतर्क रहने की जरूरत है। यदि औवेसी की पार्टी के साथ मिलकर खेला न होता तो आज शहर के महापौर अतुल प्रधान होते।
आमरण अनशन को लेकर पुलिस-प्रशासन दिखाई दिया अलर्ट
कलक्ट्रेट में सपा विधायक द्वारा शुरू किया आमरण अनशन धीरे-धीरे एक आंदोलन का रूप लेता जा रहा है। सपा विधायक अतुल प्रधान पर विभिन्न आरोप लगाते हुए न्यूटिमा अस्पताल के समर्थन में जो डाक्टर उतरे हुए हैं। उनकी टेंशन भी लगातार बढ़ रही है। उधर पुलिस प्रशासन दोनो ही गुटों के बीच शुरू हुआ विवाद लगातार विकराल रूप लेता जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ लगातार धरना-प्रदर्शन स्थल पर बढ़ रही है। भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन की टेंशन भी लगातार बढ़ती जा रही है।
जिसको लेकर गुरुवार की रात्रि से ही पुलिस प्रशासन एक्शन मोड में दिखाई दे रहा है। जिसका जिक्र खुद विधायक अतुल प्रधान ने मंच से भी किया। कहा कि पुलिस किसी भी समय जबरन उठाकर जेल भिजवा सकती है, वह तो जेल में भी आमरण अनशन जारी रखेंगे, लेकिन समर्थकों से भावुक अपील की कि वह आंदोलन उनके बाद भी जारी रखेंगे। जिसका उन्होंने मंच से समर्थकों को संकल्प भी दिलाया।
कलक्ट्रेट के मुख्य गेट पर बढ़ाया पुलिस फोर्स
सपा विधायक अतुल प्रधान के द्वारा जिस समय आमरण अनशन शुरू किया गया था, उस समय पुलिस प्रशासन के द्वारा कोई ज्यादा सख्ती नहीं दिखाई दी। शुरू में केवल माइक व भंडारा आदि के लिए भट्ठी नहीं चलाने का हल्का विरोध करने के बाद पुलिस बैकफुट पर दिखाई दी थी। जिसके बाद मंच पर माइक भी चला और वहां पर भट्ठी चढ़ाकर दूरी जगह भोजन तैयार करना शुरू कर दिया। बाद में वह भट्ठी वहां से हटवा दी गई और दूसरी जगह शुरू कर दी गई।
पानी के टैंकर व टॉयलेट की व्यवस्था भी शुरू कर दी गई। जब जैसे-जैसे आंदोलन को समर्थन बढ़ रहा है। वैसे-वैसे पुलिस प्रशासन पर अतुल प्रधान का आमरण अनशन खत्म कराने का दबाव भी बढ़ रहा है। उसके लिए जहां एक तरफ पुलिस प्रशासन के आलाधिकारियों के साथ वार्ता का दौर चल रहा है। वहीं, सख्ती से आंदोलन को खत्म करने पर भी कार्य चल रहा है। तभी तो पुलिस प्रशासन ने सख्ती से भट्ठी बंद कराने का प्रयास किया और खाद्य सामग्री को जबरन जब्त कर ले गई। टैंकर व टॉयलेट भी हटवा दिए।
11 दिसंबर को होने वाली महापंचायत को लेकर अलर्ट
अतुल प्रधान के आह्वान पर 11 दिसंबर को होने वाली महापंचायत की सफलता को लेकर जहां विभिन्न संगठन एवं पार्टियों के द्वारा समर्थन देने का सिलसिला जारी है। उधर, अधिवक्ताओं के द्वारा भी आंदोलन को समर्थन किया गया है। उसको लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट दिखाई दे रहा है। जिसमें महापंचायत से पूर्व ही अतुल प्रधान के आंदोलन को कैसे रुकवाया जा सके, उस पर मंथन जारी है।
भाकियू के राष्टÑीय प्रवक्ता के भाषण पर टिकी रही नजरें
भाकियू के राष्टÑीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के आमरण अनशन स्थल पर पहुंचने से पूर्व चौधरी राकेश टिकैत आंदोलन को लेकर क्या कोई बड़ी घोषणा करेंगे या फिर वह यहीं आंदोलन को समर्थन देने के साथ मंच पर मौजूद रहेंगे, लेकिन वह सधे हुए अंदाज में अपनी बात मंच से रखते हुए अतुल प्रधान का समर्थन कर गए। वहीं, इस पूरे मामले की बीमारी की जड़ क्या है, वह भी बातों ही बातों में कह गए और लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव में क्या करना होगा
ताकि बीमारी खत्म हो जाए, नहीं तो इस तरह की बीमारी जारी रहेगी। इस दौरान चिकित्सा एवं शिक्षा व्यवस्था पर तो खुलकर बोला, वहीं केएमसी अस्पताल का भी जिक्र किया, लेकिन मेरठ के चिकित्सकों पर कोई ज्यादा बड़ा गंभीर आरोप नहीं लगाया, इतना जरूर कहा कि चिकित्सकों के भी उनके पास फोन आए, लेकिन अतुल प्रधान ने पहले बुलाया था, बाद में चिकित्सकों से बात हुई, अब वह अतुल से बात के बाद डाक्टरों से भी बात करेंगे, ताकि समस्या का समाधान निकल सके।
अतुल के साथ कई और समर्थकों की बिगड़ी हालत
अतुल प्रधान के साथ 85 वर्षीय मलखान सिंह उसी दिन से धरने पर बैठे हुए हैं। इसमें तीन दिन से राजकुमार धरने पर बैठे हुए हैं। बुनकर नेता बूंदु अंसारी अनशन पर हैं। जिसमें अतुल प्रधान के आमरण अनशन के पांचवें दिन उनके स्वास्थ्य में गिरावट देखी गई। उधर, बुनकर नेता बूंदू अंसारी की तबीयत भी बिगड़ गई। जिसमें उन्हें निजी चिकित्सक को दिखाया गया। अतुल प्रधान आमरण अनशन के दौरान केवल पानी व नारियल पानी का ही सेवन कर रहे हैं। अतुल प्रधान के स्वास्थ्य में गिरावट के बावजूद उनका कहना है कि उनकी तबीयत चाहे कितनी भी खराब क्यों न हो जाए? आंदोलन जारी रखेंगे।