- संजीवनी साबित हो रही आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना
- सहारनपुर में 21 निजी अस्पताल योजना से अनुबंधित
जनवाणी संवाददाता |
सहारनपुर: सहारनपुर मंडल के शामली जनपद के थाना भवन कस्बे के रहने वाले सावन कुमार की पित्त की थैली में पथरी थी। रोजाना पीड़ा से सावन कराह उठते थे। चूंकि आयुष्मान कार्ड बन गया था, लिहाजा ग्रामीणों ने सलाह दी आपरेशन कराने की। शुरू में तो सावन को यकीन ही नहीं हुआ कि उनका आसानी से इलाज हो सकेगा।
लेकिन, जब वह सहारनपुर के सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल मेडीग्राम में पहुंचे तो चिकित्सकों ने झटपट भर्ती कर लिया। सावन का आपरेशन हुआ। पथरी निकाल दी गई। वह पूरी तरह स्वस्थ हैं। बकौल, सावन कुमार ह्ल मेर पास इलाज के लिए पैसे नहीं थे। आयुष्मान कार्ड न होता तो इलाज कराना नामुमकिन था। लेकिन, इस कार्ड से उन्हें जीवनदान मिल गया।
सहारनपुर के रहने वाले कमल के छोटे भाई की पत्नी पारुल का एक्सीडेंट हो गया। सिर में गंभीर चोट आई। चूंकि पारुल का भी आयुष्मान कार्ड बना हुआ था, लिहाजा परिजन आयुष्मान भारत योजना से अनुबंधित अस्पताल मेडीग्राम ले गए। यहां पर उनका आपरेशन डा. रवि ठक्कर ने किया। पारुल स्वस्थ हो गईं। कुछ दिनों बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। अब पारुल स्वस्थ हैं। कहती हैं कि अगर आयुष्मान कार्ड न होता तो वह अपना इलाज ठीक से नहीं करा सकती थीं।
शामली जनपद की पूजा की भी पित्त की थैली में पथरी थी। दर्द इतना उठता था कि सहन नहीं होता था। आपरेशन तो कराना चाहती थीं पर पैसा नहीं था। इस बीच उनका आयुष्मान कार्ड बनकर आ गया तो पड़ोसियों ने अस्पताल में दाखिल होने की सलाह दी। आखिरकार, पूजा के परिजन उन्हें मेडीग्राम अस्पताल में ले गए। पूजा भर्ती हुईं और चिकित्सक रवि जैन ने उनका आपरेशन किया। पूजा स्वस्थ हो गईं और अब सुखी और प्रसन्न हैं।
दरअसल, यह सब सरकार की आयुष्मान योजना भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का फल है। जनपद सहारनपुर में आयुष्मान योजना के तहत अनुबंधित चिकित्सालयों की संख्या-45 है। इनमें राजकीय 24 और 21 निजी चिकित्सालय हैं। जनपद में लगातार आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं।
आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी डा. धर्मवीर ने बताया अब तक इस योजना के क्लेम के 4.49 करोड़ स्वीकृत हो चुक हैं। कई मरीजों का क्रिटिकल आपरेशन किया जा चुका है। योजना के डिस्ट्रिक्ट कोआर्डिनेटर डा. सुशील गुप्ता ने बताया योजना के तहत अंत्योदय कार्डधारकों के भी कार्ड बनाए जा रहे हैं।
इस काम में आयुष्मान मित्र, स्वास्थ्य विभाग की टीम और जनसेवा केंद्र जुटे हुए हैं। आयुष्मान भारत की सूची में नाम होने पर किसी भी सरकारी अस्पताल या जनसेवा केंद्र पर आयुषमान कार्ड नि:शुल्क बनाया जाता है।