- कांवड़ियों की ड्रेस से हर साल होता है 50 करोड़ से ज्यादा का कारोबार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सोमवार से श्रावण मास की शुरुआत के साथ कांवड़ यात्रा भी प्रारम्भ हो रही है। सड़कों पर कांवड़ियों का जनसैलाब देखने को मिलेगा हफ्ते भर के लिए शहर के हाइवे और सड़कें पूरी तरह से भगवा रंग में रंग जाएंगी। शिवभक्त भोले के जयकारों के साथ शिवालयों की तरफ बढ़ेंगे। इसके मद्देनजर पिछले दो माह से चल रही तैयारियां अब बाजारों में भी दिखने लगी हैं। शहर के प्रमुख बाजारों से लेकर छोटी गलियों तक में भी केसरिया रंग ने दस्तक दे दी है।
खंदक बाजार के प्रधान हैंडलूम अंकुर गोयल बताते हैं कि कांवड़ियों के लिए हफ्ते के हर दिन के रंग के अनुसार कुर्ते विशेष रूप से तैयार किए गए हैं। जिसमें सोमवार के लिए भगवा, मंगलवार के लिए लाल, बुद्ध के लिए हरा, गुरुवार के लिए पीला व मड येलो, शुक्रवार के लिए सफेद, शनिवार के लिए काला व नीला तथा रविवार के लिए सलेटी रंग का कुर्ता तैयार किया गया है। इसे सात रंगों के पैक के रूप में तथा लूज में भी बिक्री के लिये दिया गया है। श्रीबालाजी के मालिक सुबोध बताते हैं कि इस बार बाजार में कुर्ते, टी शर्ट्स, गमछा, चादर उपलब्ध है
जिसमें महाकाल, जय श्री राम, हरे कृष्ण प्रिंट भोले पसंद कर रहे हैं। खंदक बाजार हैंडलूम व्यापार संघ प्रधान अंकुर गोयल बताते हैं कि कांवड़ के दौरान मुजफ्फरनगर, हापुड़ बुलंदशहर, मोदीनगर, हरिद्वार, अलीगढ़, दिल्ली, हरियाणा आदि शहरों में कपड़े की सप्लाई की जाती है जिसके लिए मई के बाद से तैयारियां शुरू हो जाती हैं और 1 से 2 लाख के बीच में कपड़े तैयार किए जाते हैं। उन्होंने आगे बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान कारोबार का टर्नओवर 10 से 12 करोड़ के मध्य आता हैं
तथा कावड़ के कपड़े से लेकर मनोरंजन इत्यादि में इस्तेमाल सामग्री का टर्नओवर 50 से 60 करोड़ के आसपास का कारोबार होता हैं। साथ ही कपड़े पर आम दिनों की भांती ही 5% जी एस टी लगाई जाती हैं। कपड़े को मेरठ के पावरलूम पर ही तैयार कराया जा रहा है जिसमें सबसे पहले सूती कपड़े को रंगाई देने के बाद कम्प्यूटरीकृत फर्मा प्रिंटिंग द्वारा प्रिंट करके कुर्ते आदि तैयार किये जाते हैं। यात्रा करीब होनें के दौरन मांग बढ़ने की वजह से इन दिनों कारीगरों का ओवरटाइम चल रहा है। इसके साथ ही बाजार में कपड़े की कमी भी हो रही है।
ट्रेंड कर रहा महाकाल का गमछा
सुबोध रस्तोगी ने बतया कि कोरोना के बाद से तथा इंस्टाग्राम रील्स से अधिकांश युवाओं में महाकाल का क्रेज देखने को मिल रहा है जिसको देखते हुए विशेष रूप से महाकाल एवं त्रिपुंड प्रिंट के गमछे काफी ट्रेंड कर रहे हैं। अभी कांवड़ यात्रा शुरू भी नहीं है हुई और यह आउट आॅफ स्टॉक होनें लग गये हैं। इसके साथ ही सूरजकुंड पर स्थित विक्रेता बताते हैं कि डाक कांवड़ के लिए युवा निजीकृत टीशर्ट व किट तैयार करा रहे हैं। जिसमें मोजे, एल्बो ग्लव्स, बैंड, शॉर्ट्स आदि शामिल हैं।