डा. रूप कुमार बैनर्जी |
हमारा शरीर इस तरह से बना होता है कि उसके हर हिस्से का एक खास काम होता है। शरीर का उत्सर्जन तंत्र हमें फिट रखने के लिए अपनी तरह से काम करता है। पेशाब आना इसी उत्सर्जन तंत्र की जिम्मेदारी है। मगर यदि कोई बार-बार पेशाब की समस्या का सामना कर रहा है तो यह खतरे की घंटी हो सकती है। बार-बार पेशाब आना आपके दिनचर्या को प्रभावित कर सकता है और साथ ही साथ आपकी नींद को भी प्रभावित करता है।
एक सामान्य इंसान एक दिन में अगर 3 लीटर से ज्घ्यादा पेशाब करे तो वो पोलीयूरिया यानी बहुमूत्र नामक बीमारी से ग्रसित हो सकता है। ये बीमारी इलाज से ठीक हो सकती है। मगर कभी-कभी ये समस्या एक साथ कई बीमारियों की वजह भी बन सकती है। एक नार्मल इंसान एक बार में 4 से 7 बार पेशाब के लिए जाता है। अगर आप 24 घंटे में 2 लीटर से ज्यादा पानी या तरल पदार्थ पीते हैं तो ही आप 4 से 7 बार पेशाब जा सकते हैं।
इस समस्या को कई बार नजरअंदाज कर दिया जाता है जो गलत बात है। बार-बार पेशाब आना स्वस्थ मनुष्य की निशानी नहीं है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे प्रोस्टेट का बढ़ना, किडनी या यूरेट्रिक स्टोन (गुर्दा अथवा यूरेटर में पथरी), मूत्रमार्ग में इन्फेक्शन यानी यूटीआई,डायबिटीज (मधुमेह), अतिसक्रि य ब्लैडर यानी पेशाब की थैली का न होना। इसके अलावा इंजायटी, बेवजह की चिंता घबराहट बेचैनी, स्ट्रोक या फिर ब्रेन या नर्वस सिस्टम से जुड़ी कोई समस्या, पेल्विक एरिया में ट्यूमर, ब्लैडर कैंसर या फिर सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन भी इसकी वजह हो सकता है।
आमतौर पर सभी को ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है। मेरी राय में पानी पीना अच्छी बात है, परंतु अत्यधिक पानी पीना भी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह सिद्ध हो सकता है। सुबह शाम सिर्फ एक एक गिलास हल्का गुनगुना गर्म पानी पीना ही बेहतर है। दिन भर गर्म पानी पीने की कोई आवश्यकता नहीं है। पानी की कमी को पूरा करने के लिए कोल्ड ड्रिंक अथवा शरबत इत्यादि लेना स्वास्थ्यप्रद नहीं है। बहुत ज्यादा काढ़ा पीना, चाय अथवा काफी पीना भी नुकसानदेह साबित हो सकता है। जब कभी आपको बार बार पेशाब आने जैसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हो तो शर्मिंदगी के डर से इसको छुपाएं नहीं। सही समय पर चिकित्सक से मदद लेने पर आप बार बार पेशाब आने से छुटकारा पा सकते हैं और अपने सामान्य जीवन में आराम से वापस जा सकते हैं।
ऐसी बीमारी में होम्योपैथिक दवाइयां बहुत ही कारगर सिद्ध होती हैं। किसी सुयोग्य होम्योपैथिक चिकित्सक से मिलकर लक्षणों के अनुसार इसकी चिकित्सा करवानी चाहिए। दवाइयों के साथ ही साथ इस समस्या से एक्सरसाइज और योग की मदद से भी काफी आराम पाया जा सकता है परंतु दवा कराने से बिल्कुल न चूके। (प्रस्तुति : विनय कुमार मिश्र)