नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। इस वर्ष फरवरी का महीना शिव परिवार की पूजा को समर्पित है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन विधि विधान से शंकर जी की उपासना की जाती है, इस दौरान महिलाएं वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि के लिए उपवास भी रखती हैं। वहीं इस साल फरवरी माह में आने वाले प्रदोष व्रत का महत्व कई गुना बढ़ गया है, क्योंकि यह शिव पार्वती के मिलन का महीना है। जब प्रदोष व्रत मंगलवार को आता है, तो इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। भौम प्रदोष व्रत के दिन कुछ कार्यों को करने से मना किया गया है। आइए जानते हैं कि इस दिन किन कार्यों से बचना चाहिए। ऐसे में आइए जानते है कि इस दिन किन कार्यों से बचना चाहिए।
भौम प्रदोष व्रत 2025
- फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि आरंभ: 25 फरवरी, दोपहर 12:47 बजे से
- फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि समाप्त: 26 फरवरी, प्रातः 11:08 बजे पर
- प्रदोष व्रत 25 फरवरी को मनाया जाएगा, जो कि मंगलवार के दिन पड़ रहा है। इसलिए इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है।
पूजा मुहूर्त
- शुभ चौघड़िया मुहूर्त: 25 फरवरी , दोपहर, 3: 26 मिनट से- सायं 4: 52 मिनट तक।
- लाभ चौघड़िया मुहूर्त: 25 फरवरी , सायं, 7: 52 मिनट से- रात्रि 9: 26 मिनट तक।
भूलकर भी न करें ये काम
- भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करते समय तुलसी का पत्ता न चढ़ाएं।
- इस दिन नीले रंग के कपड़े न पहनें।
- तामसिक भोजन और शराब का सेवन न करें।
- किसी का अपमान न करें और अपशब्दों का प्रयोग न करें।
- व्रत रखने वाले इस दिन बाल और नाखून न काटें।
- भौम प्रदोष व्रत पर कर सकते हैं ये काम
- भौम प्रदोष व्रत के दिन प्रात: स्नान करें।
- भगवान शिव की आराधना प्रदोष काल में ही करें ।
- शिव जी के 108 नामों का जप करें।
- फलाहारी व्रत का पालन करें।