नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। चैत्र अमावस्या या भूतड़ी अमावस्या का दिन नकारात्मक शक्तियों से बचाव और जीवन में शांति स्थापित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन पूजा, ध्यान, और विभिन्न धार्मिक उपायों से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया जा सकता है। हनुमान चालीसा का पाठ, शिव पूजा, नदी में स्नान और पितृ पूजा इस दिन के प्रभाव को और भी गहरा बना सकते हैं।
चैत्र अमावस्या को भारतीय संस्कृति में खास महत्व प्राप्त है। यह तिथि न केवल एक अमावस्या होती है, बल्कि इसे भूतड़ी अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन को लेकर एक सामान्य सवाल उठता है कि क्या इसका भूतों से कोई संबंध है? ऐसे में चलिए जानते है इसके पीछे का धार्मिक और ज्योतिषीय कारण।
तिथि
इस साल चैत्र अमावस्या या भूतड़ी अमावस्या 28 मार्च को रात 7 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 29 मार्च की शाम 4 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगी। हालांकि, उदया तिथि के अनुसार 29 मार्च को अमावस्या तिथि मानी जाएगी।
क्यों चैत्र अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या कहा जाता है
पौराणिक मान्यता के अनुसार, अमावस्या की रात को अंधेरा होता है और यह समय अज्ञात, नकारात्मक शक्तियों और अतृप्त आत्माओं के घूमने का होता है। खासकर चैत्र अमावस्या के दिन रजो और तमो गुण की प्रबलता के कारण यह तिथि अधिक प्रभावशाली मानी जाती है। इस दिन के दौरान, नकारात्मक शक्तियां, भूत-प्रेत, और अतृप्त आत्माएं इस दुनिया में घूमती रहती हैं और अपनी अधूरी इच्छाओं को पूरा करने के लिए लोगों के आसपास आ सकती हैं। इसलिए इसे भूतड़ी अमावस्या के रूप में जाना जाता है। चंद्रमा के प्रभाव से मन की स्थिति भी अस्थिर हो जाती है, जिससे ये शक्तियां प्रभावी हो सकती हैं।
चैत्र अमावस्या पर करें ये उपाय
चैत्र अमावस्या का महत्व विशेष रूप से नकारात्मक शक्तियों से बचाव और आत्मिक शांति प्राप्त करने के लिए है। इस दिन कुछ खास उपाय किए जाते हैं जो नकारात्मकता को नष्ट करते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।
हनुमान चालीसा का पाठ करें
इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। हनुमान जी की आराधना से बुरी शक्तियां दूर होती हैं और मनुष्य को मानसिक शांति प्राप्त होती है। इसके साथ ही, गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।
नदी में स्नान करें
इस दिन शांति और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पाने के लिए नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है। विशेष रूप से, गंगा स्नान इस दिन किया जाए तो इसका धार्मिक और शारीरिक लाभ होता है। साथ ही, शिवलिंग पर जल और दूध का अभिषेक करना भी शुभ होता है। इस दिन ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करके शिव पूजा करना जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करता है।
देवी-देवताओं और नवग्रहों की पूजा
चैत्र अमावस्या पर देवी-देवताओं और नवग्रहों की पूजा करना विशेष रूप से लाभकारी होता है। अगर इस दिन पितरों की पूजा की जाए तो इसके पुण्य लाभ से जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। श्राद्ध, तर्पण, और पितरों के लिए दान करने से भी उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही, ब्राह्मणों को भोजन कराने से पूर्वजों की आत्मा तृप्त होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
पितृ पूजा
इस दिन पितृों की पूजा करने से परिवार में सुख और शांति बनी रहती है। पितृ तर्पण और श्राद्ध करने से पितृ देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और पारिवारिक परेशानियों का समाधान होता है।