जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: बीते साल महाराष्ट्र के दादर पुलिस स्टेशन परिसर में सीएम शिंदे व ठाकरे गुट के बीच हुई झड़प व गोली चलने के मामले में नया खुलासा हुआ है। पता चला है कि थाना परिसर में चलाई गई गोली, एकनाथ शिंदे गुट के विधायक सदासर्वांकर के लाइसेंसी हथियार से चलाई गई थी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, घटना के बाद हमने सर्वांकर के लाइसेंसी हथियार को जब्त कर दिया था और जांच के लिए इसे फारेंसिक लैब भेजा गया था। रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि पुलिस स्टेशन परिसर में पाया गया गोली का खाली खोल, उनके ही लाइसेंसी हथियार से चलाया गया था।
वहीं इस मामले में आरोपी विधायक सर्वांकर का कहना है कि उन्हें रिपोर्ट के बारे में जानकारी नहीं है। हालांकि, यह एक मिसफायर था।
उद्धव ठाकरे के समर्थकों की आलोचना की
बता दें, बीते साल 11 सितंबर को विधायक सदासर्वांकर के करीबी सहयोगी संतोष तेलवाने ने एक व्हाट्सएप ग्रुप पर उद्धव ठाकरे के समर्थकों की आलोचना की थी। इसके बाद, ठाकरे गुट के महेश सावंत ने तेलवाने को प्रभादेवी इलाके में मिलने के लिए कहा।
इसी बात को लेकर दोनों पक्षों के समर्थक प्रभादेवी इलाकें में इकट्ठे हो गए और उनके बीच मारपीट की नौबत आ गई।
रिहा करने की गुहार लगाई थी
मारपीट के बाद पुलिस ने महेश सावंत और उनके लगभग 25 समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद शिवसेना के वरिष्ठ नेता अरविंद सावंत, अनिल परब, अंबादास दानवे, सुनील राणे और सचिन अहीर दादर पुलिस थाने गए और गिरफ्तार पार्टी कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग करने लगे।
यहां पहले से मौजूद शिंदे गुट के समर्थकों से उनकी तीखी बहस हो गई और मारपीट होने लगी। इस दौरान गोली भी चली।
ठाकरे गुट ने आरोप लगाया कि सर्वांकर ने महेश सावंत को निशाना बनाकर अपनी पिस्तौल से कम से कम दो राउंड फायर किए थे। हालांकि, सर्वांकर ने इन आरोपों को खारिज किया।
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