Thursday, March 20, 2025
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भाजपा नेता की हत्यारोपी पत्नी की जमानत खारिज

  • निशांत गर्ग हत्याकांड: कंकरखेड़ा का है मामला

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: न्यायालय जिला जज रजत सिंह जैन ने भाजपा नेता निशांत गर्ग की हत्या के आरोप में आरोपी पत्नी सोनिया गर्ग पत्नी निशांत गर्ग निवासी कंकरखेड़ा का जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। वादी अधिवक्ता अनिल बख्शी ने बताया कि वादी मुकदमा के पास 10 जून 2023 की सुबह आरोपी सोनिया घर का फोन आया कि उसकी वादी के भाई निशांत गर्ग से लड़ाई हो गई थी। इसके बाद उसके तमंचे की गोली लगने से मृत्यु हो गई। न्यायालय में आरोपी ने कहा कि वह निर्दोष है उसे झूठा फंसाया जा रहा है। जिसका वादी अधिवक्ता ने कड़ा विरोध किया।

न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर आरोपी का जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी निशांक गर्ग ने फरवरी 2014 में कंकरखेड़ा की अशोकपुरी निवासी सोनिया प्रजापति पुत्री संजय प्रजापति से प्रेम विवाह किया था। इस विवाह से दोनों के परिवार के लोग खुश नहीं थे, लेकिन पहला बेटा होने के बाद दोनों परिवारों में बोलचाल शुरू हो गई थी। आठ साल के बेटे विधान के अलावा पांच साल की बेटी के बाद भी निशांक और उसकी पत्नी सोनिया के बीच रोज झगड़े होते रहते थे।

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आरोप है कि शराब पीकर निशांक काबू से बाहर हो जाता था। 10 जून की रात एक बजे के करीब निशांक गर्ग का पत्नी से किसी बात पर झगड़ा हो गया। बात ज्यादा बढ़ी तो निशांक ने पत्नी की पिटाई करने के बाद उसके सिर के बाल काट दिये। काफी देर झगड़े के बाद सोनिया अपने दोनों बच्चों को लेकर पड़ोस में मायके चली गई। सोनिया ने जाते समय घर के बाहर का ताला भी लगा दिया था।

सुबह छह बजे के करीब सोनिया अपने जेठ के पास गई और कहा कि रात में पति से झगड़ा हो गया था। पति ने काफी मारा पीटा है, चलो घर देखो। जेठ ने सोनिया से कहा कि तुम जाओ और मैं थोड़ी देर में आता हूं। पल भर में जेठ गौरव अग्रवाल भी आ गए। सोनिया ने जैसे ही ताला खोलकर घर में प्रवेश किया उसे निशांक लहूलुहान हालत में बिस्तर पर मृत पड़ा मिला था।

नाबालिग लड़के की हत्या के आरोपी को उम्रकैद

लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र के अहमद नगर में वर्ष 2018 में हुई 15 वर्षीय शहजान की हत्या के मामले में अपर जिला जज कोर्ट संख्या तीन जयनेन्द्र कुमार ने एक आरोपी फैसल पुत्र आफताब को आजीवन कारावास की सजा और 10 हजार रुपये का आर्थिक दंड दिया है। जुर्माना न भरने पर छह महीने की साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। एडीजीसी एडवोकेट प्रेरणा वर्मा ने बताया कि 29 जून 2018 को आबिद पुत्र निजामुद्दीन के पन्द्रह वर्षीय बेटे शहजान की हत्या कर दी गई थी।

लिसाड़ीगेट थाने में रिपोर्ट उसके पिता आबिद ने दर्ज कराई थी। आबिद ने रिपोर्ट में कहा था कि उसका बेटा 15 साल का था। सुबह सात बजे घर से स्कूल के लिये निकला था। सुबह करीब 11 बजे उनको सूचना मिली कि उनके बेटे शहजान की लाश उसके जीजा आफताब पुत्र वाहिद निवासी अहमद नगर गली नंबर तेरह में पड़ी है। मौके पर जाकर देखा तो शहजान का शव मौके पर पड़ा हुआ था। आबिद ने रिपोर्ट में फैसल पुत्र आफताब और जीशान पुत्र हबीब को आरोपी बनाया था।

अदालत में बहस के दौरान एडीजीसी ने कहा कि आरोपियों ने मासूम बच्चे की हत्या की है इसलिये इनको मौत की सजा मिलनी चाहिये। जबकि दोषियों के वकील एडवोकेट मांगे राम और एडवोकेट प्रमोद त्यागी ने कहा कि दोषी युवा है और परिवार की जिम्मेदारी उसके ऊपर ही है। अदालत ने गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर फैसल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

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