जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: बिहार में शराबबंदी कानून पर एक बार फिर से सवाल उठने लगा है। शराब की तस्करी पर शिकंजा कसने के लिए जहां पुलिस चप्पे-चप्पे पर पहरेदारी कर रही है वहीं अब राज्य के नेता ही शराब के नशे में धुत्त होकर घूम रहे हैं। इसबार भाजपा के एमएलसी देवेश कुमार कानून के शिकंजे में आ गए। दरअसल, अपने डॉक्टर दोस्त को छुड़ाने के लिए थाने आए एमएलसी खुद शराब की जांच में फंस गए। बताया जा रहा है कि डॉक्टर साहब ने खुद शराब पी रखी थी।
पाटलिपुत्र थाने की पुलिस ने जुलाई में एक सड़क हादसे के बाद डा. संजय चौधरी को शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार किया था। भाजपा एमएलसी देवेश कुमार उनसे मिलने आए थे। उस दौरान वे पुलिस से बहस करने लगे। जिसके बाद पुलिस को एमएलसी के मुंह से भी शराब की दुर्गंध आ रही थी।
तब उन्होंने ब्रेथ एनालाइजर से जांच कराने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद उन्हें पीएमसीएच लेकर जाया गया। वहां उनके खून और पेशाब के नमूने लेकर जांच के लिए एफएसएल को भेजा गया था। जिसमें शराब पीने की पुष्टि हो गई। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हालांकि अब उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई है। देवेश कुमार मूलरूप से समस्तीपुर जिले के पूसा थानांतर्गत महमुदपुर देवपार के रहने वाले हैं।
बांका में पुलिस ने पकड़ी 90 लाख की शराब
बांका जिले की बौंसी पुलिस ने ट्रक में भरे गिट्टी की आड़ में लाई जा रही शराब की बड़ी खेप का खुलासा किया है। इस दौरान पुलिस ने करीब 90 लाख की शराब बरामद की है। साथ ही दो ट्रक चालक को गिरफ्तार किया गया है। यह शराब झारखंड से बिहार लायी जा रही थी।