Saturday, July 27, 2024
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भाजपा: अनुशासित पार्टी में बगावत की चिंगारियां

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सिवालखास: बाहरी और क्षेत्रीय के मुद्दे पर ‘रार’

मेरठ जनपद की सातों विधानसभा सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों की तस्वीर साफ हो गई है। सभी के नाम घोषित हो गए हैं। नाम घोषणा के साथ ही तीन विधानसभा क्षेत्रों में बगावत भी दिखाई दे रही है, जहां सिवालखास विधानसभा क्षेत्र में बाहरी और क्षेत्रीय का मुद्दा भाजपा कार्यकर्ताओं ने उठाकर भाजपा के घोषित प्रत्याशी मनिंदरपाल के खिलाफ बगावत का झंडा उठा लिया है। वहीं, रविवार को पूरा दिन बागी कार्यकर्ताओं ने मनिंदर पाल के खिलाफ भाजपा के क्षेत्रीय कार्यालय पर धरना भी दिया। सिवालखास के अलावा सबसे महत्वपूर्ण सीट है हस्तिनापुर। यहां पर भाजपा ने राज्य मंत्री दिनेश खटीक को दूसरी बार भाजपा का प्रत्याशी घोषित किया है। उनके खिलाफ भी भाजपा के ही पूर्व विधायक गोपाल काली ने बगावत का झंडा उठा लिया है। गोपाल काली लगातार दिनेश खटीक को फोकस करते हुए बयान बाजी कर रहे हैं। शहर विधानसभा सीट पर कमलदत्त शर्मा को लेकर भी मतभेद पैदा हो गए हैं। कमल दत्त शर्मा के खिलाफ राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त पं. सुनील भराला परिवार ने बगावत कर दी है। पं. सुनील भराला के छोटे भाई अजय भराला ने तो भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष पद से ही त्याग पत्र दे दिया, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हो रहा है। दरअसल, शहर सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में पं. सुनील भराला का नाम सामने आया था, लेकिन पार्टी हाईकमान ने अचानक उनका टिकट काटकर कमल दत्त शर्मा को चुनाव मैदान में उतार दिया। इस तरह से भाजपा की तीन विधानसभा सीटों पर भाजपा के ही लोगों ने बागी तेवर अपना लिए है।

जनवाणी संवाददाता |

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मेरठ: भाजपा अनुशासित पार्टी कही जाती है, लेकिन टिकट घोषित होने के बाद भाजपा कार्यकर्ता बगावत की राह पर है। रविवार को सिवालखास विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ता बड़ी तादाद में भाजपा के क्षेत्रीय कार्यालय बागपत रोड पर पहुंचे, जहां भाजपा के घोषित सिवालखास से प्रत्याशी मनिंदरपाल सिंह का बाहरी होने का नारा लगाते हुए विरोध किया। भाजपा के क्षेत्रीय कार्यालय पर धरने पर बैठे लोगों का कहना था कि भाजपा हाईकमान ने सिवालखास पर बाहरी प्रत्याशी थोप दिया है। जिसका टिकट बदलने की मांग पर भाजपा के कार्यकर्ता अडिग हैं।

भाजपाइयों का कहना है कि क्षेत्रीय प्रत्याशी उनके बीच का होना चाहिए था। यदि क्षेत्रीय प्रत्याशी नहीं होगा तो भाजपा कार्यकर्ता बगावत कर भाजपा को हराने का काम करेंगे। इस तरह से सिवालखास क्षेत्र में जो बगावत की चिंगारी उठी है, उसको भाजपा के नेता दबा नहीं पा रहे हैं। क्योंकि यह चिंगारी सिवालखास क्षेत्र में विकराल रूप ले सकती है। इस बात को भाजपा के बड़े नेता भी जानते हैं, लेकिन अभी कार्यकर्ताओं को संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं।

विरोध करने वालों में रजत हुड्डा, उपेंद्र जैनपुर, कुलदीप सांगवान, पंकज पुठ, हरीश मलिक, दीपक प्रधान, महेश प्रधान, बिल्लू प्रधान, संजय प्रधान, योगेश राणा, संदीप चौधरी, योगेश प्रधान, जयराज सिंह, शैलेन्द्र चौधरी, विकास पुनिया, हरेंद्र मलिक, देवेंद्र सिंह, नितिन नेक, रामभूल चौहान, संजय चौधरी, गौरव रोहटा, जोनी पुनिया आदि मौजूद रहे। उधर, भाजपा प्रत्याशी मनिंदरपाल सिंह का कहना है कि पार्टी हाईकमान ने उनका नाम घोषित किया है। पार्टी कार्यकर्ताओं को भी हाईकमान की बात माननी चाहिए।

जोगी समाज ने भी खोला भाजपा के खिलाफ मोर्चा

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खतौली विधान सभा सीट से टिकट नहीं मिलने पर जोगी समाज के लोगों ने भी भाजपा के खिलाफ मोर्चाबंदी कर दी। गढ़ रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में भीतर भाजपा के खिलाफ बगावत का ऐलान हो रहा था, वहीं दूसरी ओर भाजपा के जिला पंचायत सदस्य विकास उपाध्याय रेस्टोरेंट के गेट के बाहर खड़े थे।

दरअसल, जोगी समाज ने दो टूक ऐलान कर दिया कि भाजपा से खतौली और चरथावल से टिकट मांग की थी, जिसे भाजपा ने नकार दिया। इसके बाद ही मीडिया से रूबरू होकर भाजपा के खिलाफ कदम उठाने का ऐलान किया गया। जोगी समाज के लोगों ने भाजपा के खिलाफ बगावत का झंडा उठा लिया। जोगी समाज के लोगों का कहना है कि खतौली और चरथावल में समाज के लोगों को भाजपा से टिकट चाहिए, अन्यथा पांच फरवरी को पश्चिमी यूपी में जोगी समाज भाजपा के खिलाफ मुहिम चलाकर बायकाट करेगा।

दरअसल, उपाध्याय (जोगी) समाज के लोग भाजपा के प्रति मुखर हो गए हैं। अब यह समाज मुखर किस स्तर तक होगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन यह तय माना जा रहा है कि पश्चिमी यूपी में उपाध्याय समाज के लोगों का प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 10 से 20 हजार वोट है, जो बड़ी अहमियत रखती है। यहां भाजपा के जिला पंचायत सदस्य विकास उपाध्याय का कहना है कि वह खतौली से टिकट मांग रहे थे, पार्टी ने उन्हें आश्वासन भी दिया था, लेकिन अब टिकट विक्रम सैनी को दे दिया गया। ऐसे में भाजपा नेता विकास उपाध्याय भी बगावत की राह पर है। जोगी समाज के राष्टÑीय उपाध्यक्ष तेजपाल सिंह उपाध्याय, जगमाल उपाध्याय आदि पत्रकारों से रूबरू हुए और भाजपा के बायकाट का ऐलान कर दिया।

सुनील के पक्ष में जेपी नड्डा के दिल्ली आवास पर प्रदर्शन
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दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री पं. सुनील भराला के समर्थन में रविवार को उनके समर्थकों ने दिल्ली स्थित भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पं. सुनील भराला को मेरठ सिटी से भाजपा प्रत्याशी बनाया जाए। बड़ी तादाद में भाजपा कार्यकर्ता पार्टी का झंडा हाथों में लेकर दिल्ली स्थित भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर पहुंचे। यहां सुनील भराला जिंदाबाद के नारे लगाते रहे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सुनील भराला आप संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं। इस तरह से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आवास पर भाजपा के ही कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री पं. सुनील भराला के पक्ष में किया गया।

दरअसल, पं. सुनील भरालाको मेरठ शहर से भाजपा का प्रत्याशी बनाया गया था, लेकिन बाद में उनका नाम सूची से बाहर कर दिया गया। वर्तमान में भाजपा ने कमल दत्त शर्मा को सिटी से पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया है। इसके बाद ही पं. सुनील भराला के समर्थक नाराज हो गए। यही नहीं पं. सुनील भराला के छोटे भाई अजय भराला ने रविवार को भाजपा से नाराज होकर प्रदेश किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष पद से भी त्यागपत्र दे दिया।

उनका यह त्यागपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। हालांकि पं. सुनील भराला ने दर्जा राज्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया। सुनील भराला और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के रिश्ते किसी से छुपी नहीं है। कई बार डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा इनके आवास पर भी आ चुके हैं। बावजूद इसके भाजपा में टिकटों को लेकर इस परिवार ने भी बगावत की राह पकड़ ली है।

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