Wednesday, September 18, 2024
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भाजपा की विमला बनीं डिप्टी मेयर

  • नगर निगम में मतदान से पूर्व कार्यकारिणी पद की दिलाई शपथ, वंदेमातरम गायन से शुरू हुआ समारोह

जनवाणी संवादताता |

मेरठ: नगर निगम के डिप्टी मेयर पद पर भाजपा महिला पार्षद कार्यकारिणी सदस्य विमला वाल्मीकि चुनाव में सपा प्रत्याशी कुलदीप उर्फ कीर्ति घोपला को हराकर जीत दर्ज की। मतदान प्रक्रिया शुरू होने से पूर्व वंदेमातरम गीत गायन के साथ शपथ ग्रहण समारोह कराया गया। जिसमें कार्यकारिणी सदस्यों को शपथ दिलाई गई। उसके बाद मतदान प्रक्रिया शुरू हुई। प्रतिद्वंदी सपा पार्षद कार्यकारिणी सदस्य कुलदीप उर्फ कीर्ति घोपला को पांच वोटों के अंतर से पराजित किया।

एमआईएम के पार्षद, कार्यकारिणी सदस्य ने चुनाव से वॉकआउट कर मतदान में भाग नहीं लिया। जिसमें कुल 12 मतों में आठ मत प्रथम स्थान प्राप्त कर मेयर पद पर विजयी हुई विमला वाल्मीकि को मिले। वहीं सपा प्रत्याशी को तीन मत मिले ओर वह दूसरे स्थान पर रहे। चुनाव अधिकारी अपर नगरायुक्त शरद पाल एवं सहायक चुनाव अधिकारी मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अवधेश कुमार की देखरेख में चुनाव संपन्न कराया।

घंटाघर के निकट टाउन हाल के तिलक भवन में चुनाव संपन्न कराया गया। जिसमें पूर्वाह्न 11:30 से 12:00 तक नामांकन पर्चे खीदे गए और 12:30 तक जमा किए गए। उसके बाद 1 बजकर 15 मिनट तक पर्चो की वापसी और फिर मतदान कराया गया। दोपहर 3 बजे चुनाव परिणाम घोषित किया गया। जिसमें सर्व प्रथम तो भाजपा द्वारा पार्टी से विमला वाल्मीकि के अतिरिक्त कोई अन्य कार्यकारिणी सदस्य नामांकन पर्चा दाखिल न करे उसका प्रयास किया। विपक्ष से कोई नामांकन पर्चा न जमा हो उसके लिए भी प्रयास किया।

जिसमें उसे कुछ हद तक सफलता भी मिली, एमआईएम के पार्षद, कार्यकारिणी सदस्य द्वारा नामांकन पर्चा भरने की तैयारी पूर्व से की गई थी, लेकिन ऐनवक्त पर उनके द्वारा मतदान से वॉकआउट कर मतदान में हिस्सा नहीं लेने की बात कही। जिसके लिए सपा के पार्षद एवं कार्यकारिणी सदस्यों को जिम्मेदार ठहराया। उसके बाद सपा पार्षद कुलदीप उर्फ कीर्ति घोपला ने नामांकन पत्र जमा कर दिया, जिसके बाद भाजपा के डिप्टी मेयर को निर्विरोध बनाए जाने का सपना धरा रह गया। मतदान के दौरान महापौर का जो निर्णायक वोट होता है

वह भी जल्दबाजी में डालने जा पहुंचे, जिसके बाद कुछ पार्षदों ने याद दिलाया कि उनका मत निर्णायक मत बाद में डाला जायेगा, जिसके बाद वह मतदान स्थल से दूसरे कक्ष में वापस लौटे। मतदान के बाद पांच मतों के अंतर से भाजपा की डिप्टी मेयर विमला वाल्मीकि के चुनाव जीतने पर भाजपाइयों ने मिठाई बांटकर जीत का जश्न मनाया। इस मौके पर महापौर हरिकांत अहलूवालिया, महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज, भाजपा नेता कमलदत्त शर्मा समेत पार्टी के पदाधिकारी एवं पार्षद मौजूद रहे।

भाजपा ने एक तीर से साधे कई निशाने

नगर निगम में डिप्टी मेयर पद पर हुए चुनाव में भाजपा ने एक तीर से कई निशाने साधे। जिसमें सपा व एमआईएम आपस में भाजपा की बी-टीम बताते हुए आपस में भिड़ गई। जिसमें आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पूर्व ही विपक्ष की एकजुटता बिरखती दिखाई दी। वहीं भाजपाइयों का अंदर-ही अंदर अंतर्कलह जो चल रहा है, वह भी देखने को मिला। डिप्टी मेयर पद पर गुरुवार को हुए चुनाव में भाजपा जीत के प्रति आश्वस्त तो थी, लेकिन डिप्टी मेयर बनाने का सपना धरा रहा गया।

पार्टी हाईकमान के निर्देश पर डिप्टी मेयर पद के लिए जिस विमला वाल्मीकि के नाम की घोषणा चुनाव से कुछ देर पहले की। उसको लेकर विपक्ष ही नहीं बल्कि भाजपा पार्षद भी हतप्रभ रह गए। भाजपा पार्षद एवं कार्यकारिणी सदस्यों ने विमला वाल्मीकि के नाम का खुलकर विरोध तो नहीं किया, लेकिन इतना कहते सुने गए कि पार्षद बनने के बाद पार्टी के लिए कार्य दिनभर भागदौड़ करने के चलते उनका कारोबार तक चौपट हो गया।

सपा-बसपा प्रत्याशियों में रही वोटों की सेंधमारी

भाजपा द्वारा डिप्टी मेयर पद पर विमला वाल्मीकि को चुनाव मैदान में उतारकर कई निशाने साधे, जिसमें वह काफी हद तक सफल साबित हुई। एक तो केंद्र सरकार के द्वारा महिलाओं को जो 33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। दूसरा निशाना अनुसूचित जाति से विमला वाल्मीकि को चुनाव मैदान में उतारकर अनुसूचित जाति की वोट आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में उसके पक्ष में रहे, उसकी दूरगामी सोच दिखाई दी। क्योंकि महापौर पर अनुसूचित जाति की वोट में सपा व बसपा प्रत्याशियों के द्वारा जो कुछ सेंधमारी रहीं वह भी रोकी जा सके।

एमआईएम पूर्णरूप से कर चुकी थी सरेंडर

तिलक भवन में गुरुवार को जैसे ही चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई उस दौरान एमआईएम पार्षद फज़ल करीम, हाथों में तख्ती लेकर मतदान से वॉकआउट करते दिखाई दिऐ। इस दौरान उन्होंने एक पत्र भी जारी किया। जिसमें कहा कि कार्यकारिणी सदस्य चुनाव के दौरान उनके दो पार्षद सपा पार्टी के द्वारा तोड़कर अपने पक्ष में मतदान कराया था। पार्षद फजल करीम ने कहा कि सपा भाजपा की बी टीम रही है, तभी तो कार्यकारिणी चुनाव में उनके पक्ष से दो पार्षदों को तोड़कर अपने पक्ष में मतदान करा लिया।

निर्विरोध डिप्टी मेयर चुनने का जता चुके थे विरोध

डिप्टी मेयर पद पर चुनाव लडे सपा पार्षद कुलदीप उर्फ कीर्ति घोपला पहले ही एमआईएम व भाजपा के बीच गठजोड़ होने का अंदेशा जताते हुए अधिकारियों को पत्र भेजकर चुनाव कराने की मांग कर चुके थे। कुलदीप का आरोप था कि भाजपा का जो सपना डिप्टी मेयर पद पर निर्विरोध बनाने का है, वह भाजपा की बी टीम कही जाने वाली एमआईएम से मिलकर कहीं पूरा न कर लिया जाये उसके लिए चुनाव कराया जाना चाहिए। जिसमें सपा की तीन वोट एवं भाजपा की 8 वोट होने की जानकारी होने के बाद भी कीर्ति घोपला ने जो चुनाव लड़ा भले ही वह हार गया। सपा एवं एमआईएम दोनों ही पार्टी के पार्षद एक-दूसरे को भाजपा की बी टीमें बताकर आमने-सामने दिखाई दिए।

पहले ही बांटी दी गई मिठाई

तिलक भवन में जैसे ही डिप्टी मेयर पद के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई और एमआईएम के पार्षद फजल करीम के द्वारा चुनाव से वॉकउट किया गया, उसको लेकर भाजपाई गदगद हो गए। जिसमें उन्हें उम्मीद नहीं थी कि सपा से कोई चुनाव मैदान में उतरेगा, उनके द्वारा चुनाव होने से पूर्व ही मिठाई बांट दी गई, जिसके बाद सपा प्रत्याशी ने नामांकन पर्चा भरा तो फिर से मायूसी छा गई। उधर, क्रास वोटिंग के डर से महापौर हरिकांत अहलूवालिया भी निर्णायक मताधिकार का प्रयोग करने पहले ही जा पहुंचे थे।

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