Friday, April 19, 2024
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ऋषिकेश एम्स से ब्लैक फंगस का मरीज लाइलाज घोषित

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  • ब्लैक फंगस के मरीज को डिस्चार्ज करने पर परिजनों में रोष
  • मुख्यमंत्री सहित आला अधिकारियों से कार्यवाही की मांग

जनवाणी टीम |

स्योहारा/बढ़ापुर: ब्लैक फंगस के नवीन सिसोदिया 45 वर्ष केरोगी को ऋषिकेश एम्स के चिकित्सकों ने लाइलाज घोषित कर डिस्चार्ज कर घर भेजा। परिजनों में मरीज को डिस्चार्ज करने पर रोष व्याप्त है। परिजनों ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर कार्यवाही की मांग की।

क्षेत्र में ब्लैक फंगस के दो रोगी पाए गए और दोनों को ही ऋषिकेश उत्तरांचल के एम्स चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जिसमें से पास के गांव की एक महिला का चिकित्सकों ने आपरेशन कर उसकी एक आंख निकाल दी जबकि दूसरे रोगी की दोनों आंखें और नाक को निकाला जाना था।

चिकित्सकों ने आपरेशन करने के स्थान पर ब्लैक फंगस के रोगी को यह कह कर घर भेज दिया कि आपरेशन के बाद बचने की संभावना दो तीन प्रतिशत है। अत: परिजन रोगी को घर ले जाएं और एंटी फंगल इंजेक्शन देते रहें। परिजनों का कहना है कि वह बार-बार चिकित्सकों से इलाज करने की गुहार करते रहे परंतु एम्स के चिकित्सकों ने उनकी एक नहीं सुनी।

इस घटना के बाद नवीन सिसोदिया के परिजन रोगी को थाना क्षेत्र के ग्राम नरावली ले आए। परिजनों में रोष व्याप्त है। नवीन सिसोदिया की पत्नी ममता देवी का कहना है मरीज को सामुदायिक चिकित्सा केंद्र स्योहारा पहुंचे और नेत्र रोग विशेषज्ञ दीपा गोयल को दिखाया। परिजनों का कहना है कि रोगी को कार में ही दूर से ही लापरवाही से देखा गया और उसको बिजनौर रेफर कर दिया।

बिजनौर से अपने रोगी को उत्तराखंड ऋषिकेश एम्स में ले गए, जहां चार दिन भर्ती करने के बाद उनके रोगी को जबरदस्ती डिस्चार्ज कर दिया गया।

परिजनों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि उनके रोगी को ठीक प्रकार से उपचार दिया जाए और दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाए। उनका यह भी कहना है कि यदि नेत्र रोग विशेषज्ञ ने प्रारंभ मे हीं इस गंभीर बीमारी की जानकारी दे दी होती तो बात इतनी आगे न बढ़ती और यह अंदर तक न फैलता।

परिजनों ने मुख्यमंत्री से नवीन कुमार के लिए घर पर ही उचित इलाज देने की मांग की है। ममता देवी का कहना है कि उसके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं और उसके पास इलाज के लिए पर्याप्त धन भी उपलब्ध नहीं है।

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