- अभियान के शुरुआती दिन से ही हर रोज आधा सैकड़ा से ज्यादा लोगों के कट चुके चालान
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सड़क सुरक्षा के मद्देनजर हेलमेट अनिवार्य रूप से लगाने के लिए प्रदेश स्तर पर पुलिस अभियान चला रही है। अभियान के शुरूआती दिन से ही हर रोज आधा सैकड़ा से ज्यादा लोगों के चालान कट रहे हैं। चालान काटने वाले बावर्दी पुलिसकर्मी खुद इस नियम का पालन करने से परहेज कर रहे हैं। वह वाहन चलाते समय खुद तो हेलमेट लगा नहीं रहे और पीछे बैठने वाले को भी सीख नहीं दे रहे। कुछ पुलिसकर्मी तो नियमों को ठेंगे पर रखते हुए बाइक पर तीन सवारी लेकर फरार्टा मारते नजर आए हैं।
आम जनता तो पुलिस की कार्रवाई का सामना करने के बाद जागरूक हो रही है। ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले कुछ लोगों ने हेलमेट का महत्व समझा है। लेकिन पुलिस के आरक्षक से लेकर अफसर तक जब बिना हेलमेट और उस पर तीन सवारी लेकर चलते हैं तो आमजन भी लापरवाही की राह चलने लगता है। जरूरी है कि पुलिस खुद में सख्ती करे, ताकि इनसे सीख लेकर आम जनता नियमों का पालन करने लगे।
जिम्मेदार नागरिक भी नहीं लगाते हेलमेट
जनपद में सड़कों पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। इनमें किसी न किसी की जान जा रही हैं। ज्यादातर मौतें बाइक सवारों की हो रही है, जो लोग हेलमेट नहीं लगाए हुए थे। पुलिसकर्मी हेलमेट लगाने के लिए जागरूकता का पाठ पढ़ाती हैं। सीट बेल्ट लगाने पर जोर देते हैं।
अक्सर वही लोग सड़क पर बिना हेलमेट के दो पहिया वाहन चलाते दिखाई देते हैं। यही नहीं बिना सीट बेल्ट के चार पहिया वाहन भी चलाते हैं। नव युवक नए-नए बहाने बताकर हेलमेट और सीट बेल्ट लगाने से बचने की कोशिश करते हुए दिखाई देते हैं।
घनघोर लापरवाही
हेलमेट पहनने से वाहन चालक को ही सबसे बड़ा लाभ है। फिर भी विडंबना यह है कि उसके लाभ के लिए बार-बार तंत्र को चिंता करना पड़ती है। हर वाहन चालक हेलमेट पहनकर जब वाहन चलाता है तो वह खुद की व अपने परिवार की खुशियों का ध्यान रखता है।
वजह साफ है कि हादसा होने पर हेलमेट बड़ी सुरक्षा उपलब्ध करवाती है। इसके बावजूद बाजार में हेलमेट की मांग नहीं होना घोर लापरवाही दर्शा रही है। गणमान्य नागरिकों का कहना है कि कानून तो अपना काम कर रहा है, लेकिन सामाजिक स्तर पर भी इस मामले में अभियान चलना चाहिए।
रुकिए तो जनाब !
अब इन साहब को ही देख लीजिए। यातायात माह शुरू है, लेकिन हम ट्रैफिक नियमों का पालन करना शायद भूल ही गए हैं। यातायात नियम तोड़ने पर चालानी कार्रवाई का प्रावधान है। यातायात विभाग अपने स्तर पर इस कार्य को अपने ढंग से संचालित कर रहा है। शहर में लापरवाह वाहन चालकों की चालानी कार्रवाई हुई है। इसके बावजूद यातायात सुरक्षा को लेकर जनचेतना नहीं दिख रही।
वजह साफ है कि हर किसी की मानसिकता लापरवाही की है। मुश्किल से इक्का-दुक्का वाहन चालक हेलमेट में दिखते हैं। घर से निकलते हुए वे यह भी नहीं सोचते कि शाम को उनके परिजन उनके वापस लौटकर आने का इंतजार करेंगे। यदि यह सोचने लगे तो शायद हेलमेट का उपयोग स्वेच्छा से ही हर कोई करने लगेगा।