- 25 किमी प्रति घंटा की गति के बदले बिक रहे 60 की स्पीड वाले स्कूटर
- स्कूली बच्चों के लिए कम गति के नाम पर बेचे जा रहे अधिक गति के वाहन
- कंपनियों द्वारा ग्राहकों को किया जा रहा गुमराह सरकार को राजस्व का भी चूना
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: 10 साल पहले बैट्री चालित दुपहिया वाहन सड़कों पर आए थे। वहीं, पेट्रोल की बढ़ती कीमत के बाद अब लोगों का रुझान इनकी तरफ ज्यादा बढ़ता जा रहा है, लेकिन कई कंपनियां ने मानकों के अनुरूप वाहन न बनाकर लोगों को धोखे में रखा हुआ है।
जिन वाहनों के रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होती उनके नाम पर ऐसे वाहन बाजार में उतारे गए है जो मानकों को पूरा नहीं करते। शोरूमों से बैट्री चलित दुपहिया वाहन खरीदते समय सावधानी बरतने की जरूरत है। कई चाइनीज कंपनियां 35 सीसी या 250 वॉट की जगह 800 वॉट से लेकर एक हजार वॉट तक के वाहनों को बाजार में उतार चुकी है।
इन वाहनों की गति भी 50 किमी तक की है। जबकि जिन वाहनों की गति 25 किमी की होती है। उनके लिए रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस की जरूरत नहीं है। कंपनियों ने वाहनों में छेड़छाड़ करते हुए एक पावर बटन दिया है। जिससे इनकी गति 50 किमी से अधिक तक पहुंच जाती है। ऐसे में यह वाहन रजिस्ट्रेशन के दायरे में आ जाते हैं, लेकिन आरटीओ कार्यालय में इनका रजिस्ट्रेशन नहीं कराया जा रहा है।
बच्चों के लिए है असुरक्षित
अक्सर परिजन अपने बच्चों को बैट्री चलित दुपहिया वाहन यह सोचकर खरीदकर देते हैं कि इनकी गति कम होती है और इनको चलाने के लिए न तो लाइसेंस की जरूरत होती है और न ही रजिस्ट्रेशन की, लेकिन यह उन बच्चों के जीवन से खिलवाड़ है। जो पावर बटन का प्रयोग करते हुए वाहन की गति को बढ़ाकर चलाते हैं। जबकि 25 किमी से अधिक की गति होने पर इनको चलाने वालों को लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन दोनों की जरूरत है।
पांच हजार से अधिक है बैट्री चलित दुपहिया वाहनों की संख्या
पिछले 10 सालों में करीब पांच हजार दुपहिया वाहन सड़कों पर उतर चुके हैं। हालांकि इनकी संख्या में पिछले कुछ सालों में बढ़ोतरी हुई है, इसकी वजह है। पेट्रोल की बढ़ती हुई कीमतें व सरकार द्वारा पर्यावरण के नजरिये से भी इन वाहनों के प्रयोग करने पर जोर दिया जा रहा है।
इनके चलने पर लग सकती है रोक
बैट्री चलित ऐसे दुपहिया वाहनों की बिक्री व चलानें पर कभी भी रोक लग सकती है जो मानकों को पूरा नहीं करते। अब जल्दी ही स्कूलों मे नया सेशन शुरू होने वाला है और छात्रों के लिए परिजन दुपहिया वाहनों को खरीदने की भी तैयारी कर रहे हैं। तो वाहन खरीदते समय इस बात का ध्यान जरूर रखे कि क्या वह नियमों के अनुरूप है या नहीं। कहीं ऐसा न हो कि वाहन खरीदने के बाद वह घर से बाहर ही न निकल सके।
मीटरों को कर दिया है 25 किमी की स्पीड पर लॉक
जिन वाहनों की गति 25 किमी से अधिक है। उनके स्पीडो मीटर को कंपनियों ने 25 किमी पर लॉक कर दिया है। ऐसे में वाहन की गति तो 25 किमी से ऊपर जा सकती है, लेकिन मीटर दिखाएगा केवल 25 किमी की गति।
16 साल तक की उम्र के लिए बनने वाले लाइसेंस के नियम
पहले 16 साल तक के बच्चों के लिए उन वाहनों का लाइसेंस बन जाता था। जो बिना गियर वाले होते थे, लेकिन दो माह पहले नए नियम के अनुसार अब हर उस वाहन के लिए लाइसेंस जरूरी है जो 35 सीसी से उपर है। ऐसे में बिना गियर वाले वाहन भी इसके दायरे में आ गए है। इस समय 16 साल के बच्चों के लिए आरटीओ कार्यालय में बनने वाले लाइसेंसों पर रोक है, क्योंकि बाजार में कोई भी वाहन 35 सीसी का उपलब्ध है ही नहीं। वाहन के रजिस्ट्रेशन के लिए भी अब पैनकार्ड अनिवार्य कर दिया गया है।
शोरूम से वाहन खरीदते समय बरते सावधानी
शोरूमों पर बिकने वाले वाहनों को लेकर बताया जाता है। 25 किमी प्रतिघंटा गति वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होती। जबकि ऐसा कोई वाहन ही नहीं है, जिसकी गति इतनी हो। कंपनियां बाजार में जिन वाहनों को बेचने के लिए उतार रही है। उनकी गति 50 किमी प्रतिघंटा तक है। ऐसे में वाहन स्वामियों को धोखे में रखा जाता है।
पावर मोड बटन के द्वारा दिया जा रहा धोखा
बैट्री चलित दुपहिया वाहनों में एक बटन दिया जा रहा है। जिसे पावर मोड़ का नाम दिया गया है। इस बटन के इस्तेमाल से वाहन की गति बढ़ाई जा सकती है। ऐसे में जो लोग शोरूम पर वाहन खरीदने जाते हैं, उनको इस बटन के बारे में बताया जाता है कि इसके प्रयोग से वाहन को चढ़ाई पर भी आसानी से लेकर जा सकते हैं। जबकि ऐसे वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराने का नियम है, लेकिन हो नहीं रहा है।